केंद्र की सरकार हो या महाराष्ट्र की सरकार, किसानों के हित में लिए गए फैसलों का बहुत बड़ा लाभ अकोला को हुआ है, विदर्भ को हुआ है, महाराष्ट्र को हुआ है: प्रधानमंत्री मोदी
कांग्रेस को एक भारत, श्रेष्ठ भारत नहीं चाहिए बल्कि इनको बंटा हुआ भारत चाहिए, बिखरा हुआ भारत चाहिए, एक दूसरे के खिलाफ लड़ता हुआ भारत चाहिए: पीएम मोदी
कांग्रेस और एनसीपी ने दिल्ली और महाराष्ट्र में लंबे समय तक एक साथ शासन किया है, इन दोनों दलों की नीति, निष्ठा और नीयत में हमेशा खोट रहा है: प्रधानमंत्री मोदी
आज की कांग्रेस आजादी के दिवानों वाली देशभक्तों वाली कांग्रेस नहीं है, परिवारवाद के बोझ के नीचे कांग्रेस का राष्ट्रवाद दब चुका है और परिवार भक्ति में ही कांग्रेस को राष्ट्रभक्ति नजर आती है: प्रधानमंत्री मोदी
सिंगल यूज प्लास्टिक हमारे समुद्री जीवन के लिए बहुत बड़ा खतरा है, इसके खिलाफ देशभर में बहुत बड़ा अभियान चल रहा है: पीएम मोदी
भारत के नागरिक सुरक्षित हों, सम्मान से जिएं और संपन्नता आपके चरणों में हो, यही लक्ष्य नए भारत का है, इसी नए भारत के निर्माण के लिए हम सभी काम कर रहे हैं: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज महाराष्ट्र में अकोला, परतुर (जालना) और पनवेल (रायगड़) में आयोजित विशाल जन-सभाओं को संबोधित किया और महाराष्ट्र की जनता से राज्य के विकास एवं विकास की गति को और तेज करने के लिए भारी बहुमत से के बार पुनः देवेन्द्र फड़णवीस सरकार के गठन का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र छत्रपति वीर शिवाजी, भक्त प्रहलाद, ज्योतिबा फुले और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की धरती है। महाराष्ट्र ने सदैव देश को दिशा देने वाला नेतृत्व दिया है और ये काम अभी से नहीं बल्कि सदियों से महाराष्ट्र निरंतर करता आ रहा है।

श्री मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रवाद और राष्ट्रभक्ति को लेकर हर बार आवाज बुलंद हुई है लेकिन  दुर्भाग्य की बात ये है कि कांग्रेस और एनसीपी के नेता महाराष्ट्र के इन्हीं संस्कारों को हर मौके पर और हर मंच से ठेस पहुंचाने में लगे रहते हैं। हम सभी इनसे बार-बार निवेदन कर रहे हैं कि कम से कम राष्ट्रहित, और राष्ट्ररक्षा के मुद्दों पर हमारा सुर एक होना चाहिए, लेकिन ये मानने को तैयार ही नहीं हैं। अब तो मीडिया से यह भी पता चल रहा है कि अब कांग्रेस के संगठन में राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाया जाएगा। अब इस खबर पर रोए या हंसे, किसी को मझ नहीं आ रहा है। इससे एक बात तो साफ हो गई कि आज की कांग्रेस आजादी के दीवानों वाली देशभक्त कांग्रेस नहीं है। उन्होंने कहा कि परिवारवाद के बोझ तले कांग्रेस का राष्ट्रवाद दब चुका है और अब कांग्रस पार्टी को परिवार भक्ति में ही राष्ट्रभक्ति नजर आती है। आज स्थिति ये है कि, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से भारतीय और राष्ट्रीय सिर्फ शब्द ही रह गए हैं, भाव विलुप्त होता जा रहा है। और, राष्ट्रवादी कांग्रेस का तो कहना ही क्या? अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में दुनिया भर के सारे करप्शन के ही संस्कार बचे हैं, राष्ट्रवाद की भावना नहीं के बराबर रह गई है। 


प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्टिकल 370 को ख़त्म करने के निर्णय से जम्मू-कश्मीर सहित पूरे देश की जनता खुश है लेकिन ये लोग खुश नहीं है। ये एक भारत, श्रेष्ठ भारत नहीं चाहते बल्कि बंटा हुआ भारत, ताकि इनकी राजनीति चलती रहे लेकिन 2014 में केंद्र और राज्य में भाजपा के नेतृत्व में सरकारें बनवाकर देश की जनता ने इनके नापाक मंसूबों पर काफी हद तक पानी फेर दिया है।

श्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी ने राष्ट्रभक्ति को पीछे छोड़ने का सबसे बड़ा प्रमाण पहले सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान दिखाया, फिर बालाकोट में हुई एयस्ट्राइक के दौरान दिखाया और अब जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने पर भी इनका रवैया राष्ट्र की भावना के बिल्कुल विपरीत है। यही कारण है कि बीते कुछ समय से अनेक जनाधार वाले नेता इन दोनों दलों को छोड़कर वीर शिवाजी के संस्कारों को सम्मान देने वाले महायुति के साथ खड़े हैं। जो अभी वहां रह भी गए हैं, वे भी 21 अक्टूबर 2019 को बूथ पर जाकर भाजपा-शिव सेना महायुति के पक्ष में ही मतदान करेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था जब महाराष्ट्र में आये दिन बम धमाके होते रहते थे। उस समय जिन भी लोगों पर सवाल उठे, धमाकों के वे मास्टरमाइंड बचकर निकल गए और दुश्मन देशों में जाकर बसेरा बना लिया। आज हिंदुस्तान उन लोगों से पूछता है आखिर ये कैसे हुआ, देश के इतने बड़े गुनाहगार कैसे भाग गए? 

राष्ट्रवादी कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए श्री मोदी ने कहा कि जब कोई क्षेत्र विकास के पथ पर बढ़ता है, शहरीकरण तेज़ होता है तो उसे अक्सर बिल्डर माफिया की बीमारी भी पकड़ लेती है। 2014 से पहले महाराष्ट्र और मुंबई की स्थिति यही थी। रियल एस्टेट सेक्टर में बिल्डर माफिया और अंडरवर्ल्ड का क्या रिश्ता रहा है, कैसे-कैसे काम यहां हुए हैं, उसके दाग आज तक कांग्रेस और NCP के नेताओं पर हैं। महाराष्ट्र को खून के रंग से रंग देने वालों के साथ, इन लोगों की डीलिंग चलती थीं। इन्हें पता था कि इनकी पोल खुलने वाली है, इनके कारनामें सामने आएंगे। इसलिए ये डरे हुए थे और इसलिए पिछले कुछ दिनों से इन्होंने जांच एजेंसियों और केंद्र सरकार को बदनाम करना शुरु कर दिया था लेकिन वक्त अब बदल चुका है। हर कारनामें का जवाब देश लेकर रहेगा, महाराष्ट्र की जनता लेकर रहेगी। रियल एस्टेट को रेगुलेट करने के लिए RERA जैसा कानून बनाने की मांग दशकों से हो रही थी, लेकिन इससे कांग्रेस-एनसीपी के नेताओं की दुकान बंद हो जाती। रियल एस्टेट को भ्रष्टाचार की पूंजी खपाने का बहुत बड़ा माध्यम बना दिया गया था। जनता के लूट के पैसे से जीने वालों की हमने पहचान की और लूट के, काले धन से बनाए गए ऐसे सम्राज्य को तहस नहस कर दिया। आज RERA जैसा कानून लागू होने से ग्राहकों और घर बनाने वालों के बीच भरोसा मजबूत हुआ है। इसका बहुत बड़ा लाभ महाराष्ट्र को हुआ है, मुंबई से सटे सब-अर्बन इलाकों को हुआ है। यही कारण है कि बीते कुछ समय में गलत तौर-तरीके से काम करने वाले बिल्डरों को अपने किए का भुगतान करना पड़ा है। हमारी नीति में हमारा इरादा स्पष्ट है: माफिया को माफ़ नहीं, बल्कि साफ किया जाएगा। रियल एस्टेट के माध्यम से पूरी ईमानदारी से जनसेवा कर रहे, घर के सपनों को साकार करने वाले बिल्डर साथियों के साथ सरकार मजबूती से खड़ी है।  

प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी ने दिल्ली और महाराष्ट्र में लंबे समय तक एक साथ शासन किया है और दोनों दलों की नीति, निष्ठा और नीयत में हमेशा खोट रहा है। उन्होंने कहा कि बीते पाँच वर्ष में महायुति की सरकार ने दिखा दिया है कि महाराष्ट्र को कौन सा गठबंधन ईमानदारी के साथ विकास की नई उंचाई पर आगे ले जा सकता है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में महायुति से पहले आपने ऐसे लोगों की सरकार देखी है जिनका सिर्फ एक मकसद रहा है- अपना कल्याण, अपने परिवार का कल्याण जबकि इसके विपरीत देवेन्द्र फड़णवीस जी के नेतृत्व में महाराष्ट्र ने पिछले पाँच वर्षों में एक ऐसी सरकार का काम देखा है, जिसका मकसद रहा है- महाराष्ट्र का विकास, महाराष्ट्र के लोगों का विकास। उन्होंने कहा कि - 

  • ये छत्रपति शिवाजी की प्रेरणा है जो अपने राष्ट्र के लिए सर्वोच्च त्याग के लिए हमें प्रेरित करती है।
  • ये लोकमान्य तिलक की प्रेरणा है जो हम स्वराज्य को सुराज्य में बदलने में पूरी निष्ठा से जुटे हैं।
  • ये वीर सावरकर के ही संस्कार हैं जो राष्ट्रवाद को हमने राष्ट्रनिर्माण के मूल में रखा है।
  • ये बाबा साहब अंबेडकर के प्रति हमारी आस्था ही है जो सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास को हमने नए भारत के विकास का मूल मंत्र बनाया है। 

दूसरी तरफ वे लोग हैं -  

  • जिनको मुंबई में वीर शिवाजी के भव्य स्मारक को लेकर भी आपत्ति होती है।
  • जिन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर का कदम-कदम पर अपमान किया। उनको दशकों तक भारत रत्न से वंचित रखा।
  • जिन्होंने नाना जी दशमुख को भारत रत्न देने का भी विरोध किया।
  • जो वीर सावरकर को आए दिन अपशब्द कहते हैं, उनका अपमान करते हैं और अब वे वीर सावरकर को भारत रत्न दिए जाने के प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं।

श्री मोदी ने कहा कि भारत के लिए समर्पित ऐसे नायकों के प्रति कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं की यही दुर्भावना है जिसके चलते इन्हें राष्ट्रहित में किया गया काम पसंद नहीं आता। जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बाबा साहब के संविधान को पूरी तरह लागू करने के प्रयासों के विरोध के पीछे भी इनकी यही दुर्भावना है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम बहनों को तीन तलाक के दंश से मुक्ति दिलाने का काम भी भाजपा और महायुति की ही सरकार ने पूरा किया। कांग्रेस और एनसीपी ने मुस्लिम बहनों को न्याय के इस प्रयास को रोकने का हर संभव प्रयास किया, लेकिन आज एक सख्त कानून बन चुका है।  

प्रधानमंत्री ने कहा कि सार्थक और सही विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकार में तालमेल ज़रूरी है, साफ नीयत ज़रूरी है। प्रदेश के जन-सामान्य का विकास तभी संभव है जब केंद्र के प्रयासों को यहां की सरकार आगे बढ़ाए, उनको विस्तार दे और ऐसा ऐसा तभी होता है जब केंद्र और राज्य, दोनों जगह ही राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखने वाली सरकारें हों। बीते 5 साल में केंद्र सरकार ने जो भी योजनाएं और कार्यक्रम बनाए, उनमें महाराष्ट्र की महायुति की सरकार ने वैल्यू एडिशन किया, उनको विस्तार दिया। केंद्र में नरेन्द्र और महाराष्ट्र में देवेन्द्र का फ़ॉर्मूला पांच सालों से सुपरहिट रहा है और आने वाले 5 वर्षों में भी यह विकास के नए आयाम छूने वाला है। जब ये दोनों सरकारें मिल कर काम करती है तो 1+1=2 नहीं होता बल्कि 11 हो जाता है। आज जब भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य लेकर हम चले हैं तो महाराष्ट्र विकास का वो इंजन है जो इसे गति देगा। आज भारत दुनिया का तीसरा बड़ा स्टार्ट अप फ्रेंडली देश है तो इसमें महाराष्ट्र की भूमिका अहम है। बीते 5 वर्षों में भारत में रिकॉर्ड FDI आया है, विदेशी निवेश आया है तो इसका बड़ा हिस्सा महाराष्ट्र में आया है। बीते 5 वर्ष में भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है, तो इसमें भी महाराष्ट्र अग्रणी रहा है। आने वाले 5 वर्षों में इंफ्रास्ट्रक्चर पर होने वाला 100 लाख करोड़ रुपए के निवेश का बहुत बड़ा लाभार्थी भी महाराष्ट्र होने वाला है।

उन्होंने कहा कि हमारा एक एक ही लक्ष्य है - गरीब की गरिमा और विकास दोनों साथ-साथ चले। भाजपा और महायुति की सरकार ने जो भी योजनाएं बनाई हैं, वे व्यापक, सर्वसमावेशी और सबका भला करने वाली हैं। गरीबों को आवास मिला तो वो हर पंथ, हर समाज के गरीबों को मिला। गैस कनेक्शन मिला तो वो हर पंथ, हर मत, हर समाज की गरीब बहनों को मिला। मुफ्त बिजली का कनेक्शन मिला तो वो हर पंथ, हर मत, हर संप्रदाय के गरीब परिवारों को मिला। शौचालय की सुविधा मिली तो हर गरीब परिवार को मिली। आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज की सुविधा भी हर गरीब को बिना किसी भेदभाव के मिल रही है। 

श्री मोदी ने कहा कि यही कारण है कि भारत को सूखा मुक्त और जलयुक्त बनाने का एक सपना मैंने देखा है। जल जीवन मिशन के तहत इस सपने को साकार करने के लिए देश अब जुट चुका है। आने वाले 5 वर्षों में इस मिशन पर साढ़े 3 लाख करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है। इसके तहत पानी की बचत से लेकर घर-घर पानी पहुंचाने का संकल्प हमने लिया है। गांव-गांव में जो पानी के स्रोत हैं, उनको फिर से जीवित करने का प्रण लिया गया है। 

श्री मोदी ने कहा कि पांच वर्ष पहले तक महाराष्ट्र में लोडशेडिंग का यहां क्या हाल था, इसे राज्य की जनता ने भलीभांति अनुभव किया है। 2014 से पहले तक यहां तो 18-18 घंटे की लोडशेडिंग हुआ करती थी। ऐसे में किसान भी परेशान थे और व्यापारी व कारोबारी भी। बीते 5 वर्ष में बिजली के क्षेत्र में केंद्र और महाराष्ट्र की सरकार ने अभूतपूर्व काम किया है। इसी का परिणाम है कि अब हाराष्ट्र को पर्याप्त बिजली मिल पा रही है। केंद्र की सरकार हो या महाराष्ट्र की सरकार, किसानों के हित में लिए गए फैसलों का बहुत बड़ा लाभ विदर्भ को हुआ है, महाराष्ट्र की जनता को हुआ है। उन्होंने कहा कि पहले केंद्र सरकार किसानों के कल्याण के लिए जो भी पैसे भेजती थी, वे बिचौलियों की जेब में जमा हो जाते थे। अब केंद्र और महाराष्ट्र सरकार की हर मदद सीधे किसान के बैंक खाते में पहुंच रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे महाराष्ट्र में इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर जो कदम उठाये गए हैं, उसका सीधा सकारात्मक असर राज्य में औद्योगीकरण पर हुआ है। प्रदेश के उद्योगों को आने वाले वर्षों में और ऊर्जा देने के लिए हम प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले स्थिति ये थी कि योजनायें तो मराठवाड़ा, विदर्भ और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों के लिए बनती थीं लेकिन विकास कुछ नेताओं और नेताओं के रिश्तेदारों का ही होता था। यही कारण है कि महाराष्ट्र को 3-3 मुख्यमंत्री देने के बावजूद इन इलाकों की स्थिति में कोई खास अंतर नहीं आया। सड़क, पानी, अस्पताल और बिजली जैसी बहुत ही बुनियादी सुविधाओं के लिए भी इस इलाके को तरसा दिया गया। मुख्यमंत्रियों का क्षेत्र होने के बावजूद विकास यहाँ से लगभग गायब रहा। उनके तीन मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल की तुलना, भाजपा के एक मुख्यमंत्री के कार्यकाल से कर के देखिये, फर्क अपने आप पता चल जाएगा। आज मराठवाड़ा में क्या हो रहा है? आज यहां ग्रामीण सड़कों, स्टेट और नेशनल हाईवे से जुड़े ही करीब 50 हज़ार करोड़ रुपए के काम हो रहे हैं। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना केंद्र ने शुरु की। इसके तहत महाराष्ट्र में माइक्रोइरिगेशन के लिए हज़ारों करोड़ रुपए दिए गए। महाराष्ट्र की सरकार ने तेज़ी के साथ इन योजनाओं पर तो काम किया ही, साथ में जल संवर्धन के लिए जलयुक्त शिवार जैसे अभियान भी चलाए। मराठवाड़ा में बन रहा वॉटर ग्रिड इसी जलक्रांति का हिस्सा है। गोदावरी को फिर से जलयुक्त करने का प्रयास भी इसी जलक्रांति का हिस्सा है। इस जलक्रांति से जालना को, पूरे मराठवाड़ा को बहुत लाभ होने वाला है। हमने पानी के अभाव के कारण शेतकरी समाज को अपने पशुओं सहित पलायन के लिए मजबूर होते हुए देखा है। हम उन बहनों की पीड़ा के साक्षी रहे हैं जिनका पूरा दिन पानी के जुगाड़ में ही बीत जाता है। यही कारण है कि भारत को सूखा मुक्त और जलयुक्त बनाने का एक सपना हमने देखा है।

श्री मोदी ने कहा कि ब्लू इकॉनॉमी नए भारत की पहचान बनने वाली है। हमारा प्रयास है कि समंदर में जितने संसाधन हैं, उनका संवर्धन और संरक्षण भी हो और वो समुद्री तट पर बसे हमारे साथियों के काम भी आएं। सिंगल यूज़ प्लास्टिक हमारे समुद्री जीवन के लिए बहुत बड़ा खतरा है। इसके खिलाफ देशभर में बहुत बड़ा अभियान चल रहा है। हमारे समंदर को, हमारे समुद्री तट को इससे मुक्त रखने में आपका सक्रिय सहयोग बहुत ज़रूरी है। हमारा ये समंदर, हमारे समुद्री जीव सुरक्षित रहेंगे तो यहां का सामाजिक और आर्थिक जीवन भी समृद्ध होगा और भारत भी सशक्त होगा। 

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November 22, 2024

गुटेन आबेन्ड

स्टटगार्ड की न्यूज 9 ग्लोबल समिट में आए सभी साथियों को मेरा नमस्कार!

मिनिस्टर विन्फ़्रीड, कैबिनेट में मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया और इस समिट में शामिल हो रहे देवियों और सज्जनों!

Indo-German Partnership में आज एक नया अध्याय जुड़ रहा है। भारत के टीवी-9 ने फ़ाउ एफ बे Stuttgart, और BADEN-WÜRTTEMBERG के साथ जर्मनी में ये समिट आयोजित की है। मुझे खुशी है कि भारत का एक मीडिया समूह आज के इनफार्मेशन युग में जर्मनी और जर्मन लोगों के साथ कनेक्ट करने का प्रयास कर रहा है। इससे भारत के लोगों को भी जर्मनी और जर्मनी के लोगों को समझने का एक प्लेटफार्म मिलेगा। मुझे इस बात की भी खुशी है की न्यूज़-9 इंग्लिश न्यूज़ चैनल भी लॉन्च किया जा रहा है।

साथियों,

इस समिट की थीम India-Germany: A Roadmap for Sustainable Growth है। और ये थीम भी दोनों ही देशों की Responsible Partnership की प्रतीक है। बीते दो दिनों में आप सभी ने Economic Issues के साथ-साथ Sports और Entertainment से जुड़े मुद्दों पर भी बहुत सकारात्मक बातचीत की है।

साथियों,

यूरोप…Geo Political Relations और Trade and Investment…दोनों के लिहाज से भारत के लिए एक Important Strategic Region है। और Germany हमारे Most Important Partners में से एक है। 2024 में Indo-German Strategic Partnership के 25 साल पूरे हुए हैं। और ये वर्ष, इस पार्टनरशिप के लिए ऐतिहासिक है, विशेष रहा है। पिछले महीने ही चांसलर शोल्ज़ अपनी तीसरी भारत यात्रा पर थे। 12 वर्षों बाद दिल्ली में Asia-Pacific Conference of the German Businesses का आयोजन हुआ। इसमें जर्मनी ने फोकस ऑन इंडिया डॉक्यूमेंट रिलीज़ किया। यही नहीं, स्किल्ड लेबर स्ट्रेटेजी फॉर इंडिया उसे भी रिलीज़ किया गया। जर्मनी द्वारा निकाली गई ये पहली कंट्री स्पेसिफिक स्ट्रेटेजी है।

साथियों,

भारत-जर्मनी Strategic Partnership को भले ही 25 वर्ष हुए हों, लेकिन हमारा आत्मीय रिश्ता शताब्दियों पुराना है। यूरोप की पहली Sanskrit Grammer ये Books को बनाने वाले शख्स एक जर्मन थे। दो German Merchants के कारण जर्मनी यूरोप का पहला ऐसा देश बना, जहां तमिल और तेलुगू में किताबें छपीं। आज जर्मनी में करीब 3 लाख भारतीय लोग रहते हैं। भारत के 50 हजार छात्र German Universities में पढ़ते हैं, और ये यहां पढ़ने वाले Foreign Students का सबसे बड़ा समूह भी है। भारत-जर्मनी रिश्तों का एक और पहलू भारत में नजर आता है। आज भारत में 1800 से ज्यादा जर्मन कंपनियां काम कर रही हैं। इन कंपनियों ने पिछले 3-4 साल में 15 बिलियन डॉलर का निवेश भी किया है। दोनों देशों के बीच आज करीब 34 बिलियन डॉलर्स का Bilateral Trade होता है। मुझे विश्वास है, आने वाले सालों में ये ट्रेड औऱ भी ज्यादा बढ़ेगा। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि बीते कुछ सालों में भारत और जर्मनी की आपसी Partnership लगातार सशक्त हुई है।

साथियों,

आज भारत दुनिया की fastest-growing large economy है। दुनिया का हर देश, विकास के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है। जर्मनी का Focus on India डॉक्यूमेंट भी इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। इस डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि कैसे आज पूरी दुनिया भारत की Strategic Importance को Acknowledge कर रही है। दुनिया की सोच में आए इस परिवर्तन के पीछे भारत में पिछले 10 साल से चल रहे Reform, Perform, Transform के मंत्र की बड़ी भूमिका रही है। भारत ने हर क्षेत्र, हर सेक्टर में नई पॉलिसीज बनाईं। 21वीं सदी में तेज ग्रोथ के लिए खुद को तैयार किया। हमने रेड टेप खत्म करके Ease of Doing Business में सुधार किया। भारत ने तीस हजार से ज्यादा कॉम्प्लायेंस खत्म किए, भारत ने बैंकों को मजबूत किया, ताकि विकास के लिए Timely और Affordable Capital मिल जाए। हमने जीएसटी की Efficient व्यवस्था लाकर Complicated Tax System को बदला, सरल किया। हमने देश में Progressive और Stable Policy Making Environment बनाया, ताकि हमारे बिजनेस आगे बढ़ सकें। आज भारत में एक ऐसी मजबूत नींव तैयार हुई है, जिस पर विकसित भारत की भव्य इमारत का निर्माण होगा। और जर्मनी इसमें भारत का एक भरोसेमंद पार्टनर रहेगा।

साथियों,

जर्मनी की विकास यात्रा में मैन्यूफैक्चरिंग औऱ इंजीनियरिंग का बहुत महत्व रहा है। भारत भी आज दुनिया का बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। Make in India से जुड़ने वाले Manufacturers को भारत आज production-linked incentives देता है। और मुझे आपको ये बताते हुए खुशी है कि हमारे Manufacturing Landscape में एक बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है। आज मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टू-व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। दूसरा सबसे बड़ा स्टील एंड सीमेंट मैन्युफैक्चरर है, और चौथा सबसे बड़ा फोर व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री भी बहुत जल्द दुनिया में अपना परचम लहराने वाली है। ये इसलिए हुआ, क्योंकि बीते कुछ सालों में हमारी सरकार ने Infrastructure Improvement, Logistics Cost Reduction, Ease of Doing Business और Stable Governance के लिए लगातार पॉलिसीज बनाई हैं, नए निर्णय लिए हैं। किसी भी देश के तेज विकास के लिए जरूरी है कि हम Physical, Social और Digital Infrastructure पर Investment बढ़ाएं। भारत में इन तीनों Fronts पर Infrastructure Creation का काम बहुत तेजी से हो रहा है। Digital Technology पर हमारे Investment और Innovation का प्रभाव आज दुनिया देख रही है। भारत दुनिया के सबसे अनोखे Digital Public Infrastructure वाला देश है।

साथियों,

आज भारत में बहुत सारी German Companies हैं। मैं इन कंपनियों को निवेश और बढ़ाने के लिए आमंत्रित करता हूं। बहुत सारी जर्मन कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने अब तक भारत में अपना बेस नहीं बनाया है। मैं उन्हें भी भारत आने का आमंत्रण देता हूं। और जैसा कि मैंने दिल्ली की Asia Pacific Conference of German companies में भी कहा था, भारत की प्रगति के साथ जुड़ने का- यही समय है, सही समय है। India का Dynamism..Germany के Precision से मिले...Germany की Engineering, India की Innovation से जुड़े, ये हम सभी का प्रयास होना चाहिए। दुनिया की एक Ancient Civilization के रूप में हमने हमेशा से विश्व भर से आए लोगों का स्वागत किया है, उन्हें अपने देश का हिस्सा बनाया है। मैं आपको दुनिया के समृद्ध भविष्य के निर्माण में सहयोगी बनने के लिए आमंत्रित करता हूँ।

Thank you.

दान्के !