हमारी परंपराओँ ने प्रकृति के साथ सौहार्द बनाकर रहने के महत्व पर बल दिया है: प्रधानमंत्री मोदी
भारत आज विश्व की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, हम अपने लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए संकल्पबद्ध है: पीएम मोदी
हमने पिछले 2 वर्षों में 40 मिलियन नए रसोई गैस कनेक्शन दिए हैं, इससे ग्रामीण महिलाओं को जहरीले धुएं की त्रासदी से मुक्ति मिली है और लकड़ी पर निर्भरता समाप्त कर दी है: प्रधानमंत्री
हमने 2022 तक 175 गीगावॉट सौर तथा पवन ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य तय किया है: प्रधानमंत्री मोदी
हम जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम कर रहे हैं, हम जहां कहीं संभव है ईंधन के स्रोत बदल रहे हैं: पीएम मोदी
प्लास्टिक अब मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बनते जा रहा है: प्रधानमंत्री
पर्यावरणीय के नुकसान का सबसे ज्यादा असर गरीब और कमजोर वर्ग पर पड़ता है: प्रधानमंत्री मोदी
चलिए प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करने के लिए हम सभी एक साथ जुड़ें और इस धरती को जीने के लिए एक बेहतर जगह बना दें: पीएम मोदी

मेरे मंत्रिपरिषद के सहयोगी डॉ हर्षवर्धन, डॉ महेश शर्मा, श्री मनोज सिन्हा

कार्यकारी निदेशक, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम

सचिव, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय

भारत और विदेश से आए प्रतिष्ठित अतिथिगण

देवियो और सज्जनों

भारत के तीन बिलियन लोगों की ओर से आप सभी का नई दिल्ली में स्वागत करते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है।

मुझे उम्मीद है कि विदेशों से आए प्रतिनिधियों के पास दिल्ली के इतिहास और गौरव को देखने के लिए कुछ समय मिलेगा।

हमें विश्व पर्यावरण दिवस 2018 के लिए वैश्विक मेजबान बनने का गर्व है।

आज इस महत्वपूर्ण अवसर पर हम सार्वभौमिक भाईचारे के प्राचीन मूल्यों को याद करते हैं। यह संस्कृत में वसुधैव कुटुम्बकम् के रूप में व्यक्त किया गया है जिसका अर्थ है विश्व एक परिवार है।

महात्मा गांधी के ट्रस्टीशिप के सिद्धांत में भी यह मूल्य दिखता है। उन्होंने कहा था कि पृथ्वी प्रत्येक व्यक्ति की आवश्यकता पूरी करने के लिए पर्याप्त है लेकिन प्रत्येक व्यक्ति के लालच को पूरा करने के लिए काफी नहीं है।

हमारी परंपराओँ ने प्रकृति के साथ सौहार्द बनाकर रहने के महत्व पर बल दिया है।

यह प्रकृति के प्रति हमारे आदर व्यवहार में झलकता है। यह हमारे त्यौहारों और हमारी प्राचीन कृतियों में भी दिखता है।

देवियों औऱ सजनों,

भारत आज विश्व की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। हम अपने लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए संकल्पबद्ध है।

हम वह करने के लिए संकल्पबद्ध हैं जो सतत् औऱ हरित है।

इस दिशा में हमने पिछले दो वर्षों में 40 मिलियन नए रसोई गैस कनेक्शन दिए हैं।

इससे ग्रामीण महिलाओं को जहरीले धुएं की त्रासदी से मुक्ति मिली है।

इससे जलावन की लकड़ी पर उनकी निर्भरता खत्म हुई है।

 

इसी संकल्प के साथ भारत में 300 मिलियन एलईडी बल्ब लगाए गए हैं। बिजली बचाने के अतिरिक्त इससे कार्बनडाईऑक्साइड को रोकने में मदद मिली है।

हम नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। हमने 2022 तक 175 गीगावॉट सौर तथा पवन ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य तय किया है।

हम विश्व में सौर ऊर्जा के पांचवें सबसे बड़ा उत्पादक हैं। इतना ही नहीं हम नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन करने वाला छठां सबसे बड़ा देश है।

हमारा लक्ष्य प्रत्येक घर को बिजली कनेक्शन देना है जिससे पर्यावरण के लिए हानिकारक ईंधन पर निर्भरता घटेगी।

हम जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम कर रहे हैं। हम जहां कहीं संभव है ईंधन के स्रोत बदल रहे हैं। हम शहरों को बदल रहे हैं और सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को बदल रहे हैं।

हम युवा देश हैं। रोजगार सृजन के लिए हम भारत को वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग केन्द्र बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

हमने मेक इन इंडिया अभियान लॉन्च किया है। ऐसा करते हुए हम शून्य दोष, शून्य प्रभाव विनिर्माण पर बल दे रहे हैं। इसका अर्थ यह है कि विनिर्माण दोष रहित हो और पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाए।

राष्ट्रीय निर्धारित योगदान के रूप में भारत 2005-2030 के दौरान अपने जीडीपी की 33 से 35 प्रतिशत उत्सर्जन तीव्रता कम करने के लिए संकल्पबद्ध है। हम 2030 के राष्ट्रीय निर्धारित योगदान को पूरा करने की राह में है।

यूएनईपी गैप रिपोर्ट के अनुसार भारत कोपेनहेगन संकल्प को पूरा करने की राह पर है। हम 2020 तक उत्सर्जन तीव्रता 20 से 25 प्रतिशत कम करेंगे।

हमारे राष्ट्रीय जैव-विविधता रणनीति मजबूत है। विश्व के केवल 2.4 प्रतिशत भूमि के साथ भारत रिकॉर्ड की गई प्रजाति विविधता के 7 से 8 प्रतिशत को समर्थन देता है। साथ-साथ भारत मानव आबादी के 18 प्रतिशत भाग को समर्थन प्रदान करता है। हमारे पेड़ और वन पिछले 2 वर्षों में एक प्रतिशत बढ़े हैं।

हमने वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में अच्छा काम किया है। बाघ, हाथी औऱ अन्य वन्यजीवों की आबादी बढ़ रही है।

हम जल उपलब्धता की समस्या के समाधान की आवश्यकता को स्वीकार करते हैं। यह भारत में बड़ी चुनौती बनती जा रही है। हमने नमामि गंगे कार्यक्रम प्रारंभ किया है। यह कार्यक्रम परिणाम देने लगा है और जल्द ही गंगा को संरक्षित करेगा।

भारत मुख्य रूप से कृषि प्रधान देश है। कृषि के लिए जल की निरंतर उपलब्धता महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना लॉन्च की गई है ताकि यह सुनिश्चित हो की कोई भी खेत पानी के बिना नहीं रहे। हमारा नारा है अधिक फसल, प्रतिबूंद।

हमने व्यापक अभियान यह सुनिश्चित करने के लिए चलाया है कि हमारे किसान कृषि अवशेषों को जलाने के बजाय मूल्यवान पोषाहार के रूप में बदलें।

देवियों और सज्जनों

विश्व असुविधाजनक सच्चाई पर फोकस करता है लेकिन हम सुविधाजनक कार्रवाई की ओर बढ़े हैं। इसी कार्रवाई की वजह से भारत ने फ्रांस के साथ अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन किया है। यह पेरिस सम्मेलन के बाद शायद पर्यावरण के क्षेत्र में अकेली सबसे बड़ी वैश्विक पहल है।

लगभग 3 महीने पहले 45 से अधिक देशों के नेता, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के स्थापना सम्मेलन में शामिल होने के लिए एकत्रित हुए थे।

मित्रों,

इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस एक बहुत ही महत्वपूर्ण चुनौती का समाधान करना चाहता है।

प्लास्टिक अब मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बनते जा रहा है। इसमें से अधिकांश की रिसाइक्लिंग भी नहीं हो पाती है। इससे भी बुरी चीज यह है कि इसमें बड़ी मात्रा में गैर-जैव-अपघटन योग्य है।

प्लास्टिक प्रदूषण पहले से ही हमारे समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र पर घातक प्रभाव डाल रहा है। वैज्ञानिकों और मछुआरों ने समान रूप से इस परेशानी को इंगित भी किया है। इसकी वजह से मछलियों की संख्या में गिरावट होने के साथ-साथ समुद्र के तापमान में गर्मी तथा समुद्री जीव विलुप्त हो रहे हैं

समुद्री कचरा, विशेष रूप से सूक्ष्म-प्लास्टिक एक प्रमुख समस्या है। भारत "स्वच्छ समुद्र अभियान" में शामिल होने की तैयारी कर रहा है और महासागरों को बचाने में अपना योगदान दे रहा है।

प्लास्टिक प्रदूषण अब हमारी खाद्य श्रृंखला में प्रवेश कर रहा है। यहां तक कि सूक्ष्म प्लास्टिक अब नमक, बोतलबंद पानी और नल के पानी जैसे हमारे बुनियादी भोजन में प्रवेश कर रहा है।

मित्रों,

विकसित दुनिया के कई हिस्सों की तुलना में भारत में प्रति व्यक्ति प्लास्टिक खपत काफी कम है।

स्वच्छता और साफ-सफाई के हमारे राष्ट्रीय मिशन – ‘स्वच्छ भारत अभियान’ का विशेष ध्यान "प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन" पर केंद्रित है।

कुछ समय पहले, मैंने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा आयोजित की गई प्रदर्शनी को देखा था। यहां हमारी कुछ सफल कहानियों को प्रदर्शित किया गया है। इसके प्रतिभागियों में संयुक्त राष्ट्र, केंद्र और राज्य सरकारें, उद्योग तथा गैर-सरकारी संगठन शामिल हैं। मुझे उम्मीद है कि ये प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने का अनुकरणीय काम जारी रखेगें।

देवियो और सज्जनों

पर्यावरणीय नुकसान का सबसे ज्यादा असर गरीब और कमजोर वर्ग पर पड़ता है।

यह हम सबका कर्तव्य है कि हम यह सुनिश्चित करें कि भौतिक समृद्धि की खोज के लिए हम अपने पर्यावरण से समझौता नहीं करेंगे।

सतत विकास के 2030 के एजेंडा के भाग के रूप में विश्व ने "किसी को पीछे मत छोड़ो" के विषय पर सहमत जताई थी। यह तब तक संभव नहीं है जब तक हम सभी यह सुनिश्चित नहीं कर लेते कि मातृ प्रकृति द्वारा जो हमें दिया गया है उसकी सुरक्षा भी हमें ही करनी है।

मित्रो,

यह भारतीय तरीका है। और विश्व पर्यावरण दिवस के शुभ अवसर पर हमें इसे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ फिर से साझा करने में प्रसन्नता हो रही है।

अंत में, विश्व पर्यावरण दिवस 2018 के वैश्विक मेजबान के रूप में, मैं सतत विकास के प्रति हमारी वचनबद्धता को दोहराता हूं।

चलिए प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करने के लिए हम सभी एक साथ जुड़ें और इस धरती को जीने के लिए एक बेहतर जगह बना दें।

आज हमारे पास जो विकल्प है वो हमारे सामूहिक भविष्य को परिभाषित करेंगे। विकल्प आसान नहीं हो सकतें हैं। लेकिन मुझे यकीन है कि जागरूकता, प्रौद्योगिकी और ईमानदार वैश्विक साझेदारी के माध्यम से, हम सही विकल्प का चुनाव कर सकते हैं।

धन्यवाद।

 

 

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आमार शोकोल बांगाली भायों ओ बोनेदेर के…
आमार आंतोरिक शुभेच्छा

साथियो,

सर्वप्रथम मैं आपसे क्षमाप्रार्थी हूं कि मौसम खराब होने की वजह से मैं वहां आपके बीच उपस्थित नहीं हो सका। कोहरे की वजह से वहां हेलीकॉप्टर उतरने की स्थिति नहीं थी इसलिए मैं आपको टेलीफोन के माध्यम से संबोधित कर रहा हूं। मुझे ये भी जानकारी मिली है कि रैली स्थल पर पहुंचते समय खराब मौसम की वजह से भाजपा परिवार के कुछ कार्यकर्ता, रेल हादसे का शिकार हो गए हैं। जिन बीजेपी कार्यकर्ताओं की दुखद मृत्यु हुई है, उनके परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। जो लोग इस हादसे में घायल हुए हैं, मैं उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। दुख की इस घड़ी में हम सभी पीड़ित परिवार के साथ हैं।

साथियों,

मैं पश्चिम बंगाल बीजेपी से आग्रह करूंगा कि पीड़ित परिवारों की हर तरह से मदद की जाए। दुख की इस घड़ी में हम सभी पीड़ित परिवारों के साथ हैं। साथियों, हमारी सरकार का निरंतर प्रयास है कि पश्चिम बंगाल के उन हिंस्सों को भी आधुनिक कनेक्टिविटी मिले जो लंबे समय तक वंचित रहे हैं। बराजगुड़ी से कृष्णानगर तक फोर लेन बनने से नॉर्थ चौबीस परगना, नदिया, कृष्णानगर और अन्य क्षेत्र के लोगों को बहुत लाभ होगा। इससे कोलकाता से सिलीगुडी की यात्रा का समय करीब दो घंटे तक कम हो गया है आज बारासात से बराजगुड़ी तक भी फोर लेन सड़क पर भी काम शुरू हुआ है इन दोनों ही प्रोजेक्ट से इस पूरे क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों और पर्यटन का विस्तार होगा।

साथियों,

नादिया वो भूमि है जहाँ प्रेम, करुणा और भक्ति का जीवंत स्वरूप...श्री चैतन्य महाप्रभु प्रकट हुए। नदिया के गाँव-गाँव में... गंगा के तट-तट पर...जब हरिनाम संकीर्तन की गूंज उठती थी तो वह केवल भक्ति नहीं होती थी...वह सामाजिक एकता का आह्वान होती थी। होरिनाम दिये जोगोत माताले...आमार एकला निताई!! यह भावना...आज भी यहां की मिट्टी में, यहां के हवा-पानी में... और यहाँ के जन-मन में जीवित है।

साथियों,

समाज कल्याण के इस भाव को...हमारे मतुआ समाज ने भी हमेशा आगे बढ़ाया है। श्री हरीचांद ठाकुर ने हमें 'कर्म' का मर्म सिखाया...श्री गुरुचांद ठाकुर ने 'कलम' थमाई...और बॉरो माँ ने अपना मातृत्व बरसाया...इन सभी महान संतानों को भी मैं नमन करता हूं।

साथियों,

बंगाल ने, बांग्ला भाषा ने...भारत के इतिहास, भारत की संस्कृति को निरंतर समृद्ध किया है। वंदे मातरम्...ऐसा ही एक श्रेष्ठ योगदान है। वंदे मातरम् का 150 वर्ष पूरे होने का उत्सव पूरा देश मना रहा है हाल में ही, भारत की संसद ने वंदे मातरम् का गौरवगान किया। पश्चिम बंगाल की ये धरती...वंदे मातरम् के अमरगान की भूमि है। इस धरती ने बंकिम बाबू जैसा महान ऋषि देश को दिया... ऋषि बंकिम बाबू ने गुलाम भारत में वंदे मातरम् के ज़रिए, नई चेतना पैदा की। साथियों, वंदे मातरम्…19वीं सदी में गुलामी से मुक्ति का मंत्र बना...21वीं सदी में वंदे मातरम् को हमें राष्ट्र निर्माण का मंत्र बनाना है। अब वंदे मातरम् को हमें विकसित भारत की प्रेरणा बनाना है...इस गीत से हमें विकसित पश्चिम बंगाल की चेतना जगानी है। साथियों, वंदे मातरम् की पावन भावना ही...पश्चिम बंगाल के लिए बीजेपी का रोडमैप है।

साथियों,

विकसित भारत के इस लक्ष्य की प्राप्ति में केंद्र सरकार हर देशवासी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। भाजपा सरकार ऐसी नीतियां बना रही है, ऐसे निर्णय ले रही है जिससे हर देशवासी का सामर्थ्य बढ़े आप सब भाई-बहनों का सामर्थ्य बढ़े। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। कुछ समय पहले...हमने GST बचत उत्सव मनाया। देशवासियों को कम से कम कीमत में ज़रूरी सामान मिले...भाजपा सरकार ने ये सुनिश्चित किया। इससे दुर्गापूजा के दौरान... अन्य त्योहारों के दौरान…पश्चिम बंगाल के लोगों ने खूब खरीदारी की।

साथियों,

हमारी सरकार यहां आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी काफी निवेश कर रही है। और जैसा मैंने पहले बताया पश्चिम बंगाल को दो बड़े हाईवे प्रोजेक्ट्स मिले हैं। जिससे इस क्षेत्र की कोलकाता और सिलीगुड़ी से कनेक्टिविटी और बेहतर होने वाली है। साथियों, आज देश...तेज़ विकास चाहता है...आपने देखा है... पिछले महीने ही...बिहार ने विकास के लिए फिर से एनडीए सरकार को प्रचंड जनादेश दिया है। बिहार में भाजपा-NDA की प्रचंड विजय के बाद... मैंने एक बात कही थी...मैंने कहा था... गंगा जी बिहार से बहते हुए ही बंगाल तक पहुंचती है। तो बिहार ने बंगाल में भाजपा की विजय का रास्ता भी बना दिया है। बिहार ने जंगलराज को एक सुर से एक स्वर से नकार दिया है... 20 साल बाद भी भाजपा-NDA को पहले से भी अधिक सीटें दी हैं... अब पश्चिम बंगाल में जो महा-जंगलराज चल रहा है...उससे हमें मुक्ति पानी है। और इसलिए... पश्चिम बंगाल कह रहा है... पश्चिम बंगाल का बच्चा-बच्चा कह रहा है, पश्चिम बंगाल का हर गांव, हर शहर, हर गली, हर मोहल्ला कह रहा है... बाचते चाई….बीजेपी ताई! बाचते चाई बीजेपी ताई

साथियो,

मोदी आपके लिए बहुत कुछ करना चाहता है...पश्चिम बंगाल के विकास के लिए न पैसे की कमी है, न इरादों की और न ही योजनाओं की...लेकिन यहां ऐसी सरकार है जो सिर्फ कट और कमीशन में लगी रहती है। आज भी पश्चिम बंगाल में विकास से जुड़े...हज़ारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स अटके हुए हैं। मैं आज बंगाल की महान जनता जनार्दन के सामने अपनी पीड़ा रखना चाहता हूं, और मैं हृदय की गहराई से कहना चाहता हूं। आप सबकों ध्यान में रखते हुए कहना चाहता हूं और मैं साफ-साफ कहना चाहता हूं। टीएमसी को मोदी का विरोध करना है करे सौ बार करे हजार बार करे। टीएमसी को बीजेपी का विरोध करना है जमकर करे बार-बार करे पूरी ताकत से करे लेकिन बंगाल के मेरे भाइयों बहनों मैं ये नहीं समझ पा रहा हूं कि पश्चिम बंगाल के विकास को क्यों रोका जा रहा है? और इसलिए मैं बार-बार कहता हूं कि मोदी का विरोध भले करे लेकिन बंगाल की जनता को दुखी ना करे, उनको उनके अधिकारों से वंचित ना करे उनके सपनों को चूर-चूर करने का पाप ना करे। और इसलिए मैं पश्चिम बंगाल की प्रभुत्व जनता से हाथ जोड़कर आग्रह कर रहा हूं, आप बीजेपी को मौका देकर देखिए, एक बार यहां बीजेपी की डबल इंजन सरकार बनाकर देखिए। देखिए, हम कितनी तेजी से बंगाल का विकास करते हैं।

साथियों,

बीजेपी के ईमानदार प्रयास के बीच आपको टीएमसी की साजिशों से भी उसके कारनामों से भी सावधान रहना होगा टीएमसी घुसपैठियों को बचाने के लिए पूरा जोर लगा रही है बीजेपी जब घुसपैठियों का सवाल उठाती है तो टीएमसी के नेता हमें गालियां देते हैं। मैंने अभी सोशल मीडिया में देखा कुछ जगह पर कुछ लोगों ने बोर्ड लगाया है गो-बैक मोदी अच्छा होता बंगाल की हर गली में हर खंबे पर ये लिखा जाता कि गो-बैक घुसपैठिए... गो-बैक घुसपैठिए, लेकिन दुर्भाग्य देखिए गो-बैक मोदी के लिए बंगाल की जनता के विरोधी नारे लगा रहे हैं लेकिन गो-बैक घुसपैठियों के लिए वे चुप हो जाते हैं। जिन घुसपैठियों ने बंगाल पर कब्जा करने की ठान रखी है...वो TMC को सबसे ज्यादा प्यारे लगते हैं। यही TMC का असली चेहरा है। TMC घुसपैठियों को बचाने के लिए ही… बंगाल में SIR का भी विरोध कर रही है।

साथियों,

हमारे बगल में त्रिपुरा को देखिए कम्युनिस्टों ने लाल झंडे वालों ने लेफ्टिस्टों ने तीस साल तक त्रिपुरा को बर्बाद कर दिया था, त्रिपुरा की जनता ने हमें मौका दिया हमने त्रिपुरा की जनता के सपनों के अनुरूप त्रिपुरा को आगे बढ़ाने का प्रयास किया बंगाल में भी लाल झंडेवालों से मुक्ति मिली। आशा थी कि लेफ्टवालों के जाने के बाद कुछ अच्छा होगा लेकिन दुर्भाग्य से टीएमसी ने लेफ्ट वालों की जितनी बुराइयां थीं उन सारी बुराइयों को और उन सारे लोगों को भी अपने में समा लिया और इसलिए अनेक गुणा बुराइयां बढ़ गई और इसी का परिणाम है कि त्रिपुरा तेज गते से बढ़ रहा है और बंगाल टीएमसी के कारण तेज गति से तबाह हो रहा है।

साथियो,

बंगाल को बीजेपी की एक ऐसी सरकार चाहिए जो डबल इंजन की गति से बंगाल के गौरव को फिर से लौटाने के लिए काम करे। मैं आपसे बीजेपी के विजन के बारे में विस्तार से बात करूंगा जब मैं वहां खुद आऊंगा, जब आपका दर्शन करूंगा, आपके उत्साह और उमंग को नमन करूंगा। लेकिन आज मौसम ने कुछ कठिनाइंया पैदा की है। और मैं उन नेताओं में से नहीं हूं कि मौसम की मूसीबत को भी मैं राजनीति के रंग से रंग दूं। पहले बहुत बार हुआ है।

मैं जानता हूं कि कभी-कभी मौसम परेशान करता है लेकिन मैं जल्द ही आपके बीच आऊंगा, बार-बार आऊंगा, आपके उत्साह और उमंग को नमन करूंगा। मैं आपके लिए आपके सपनों को पूरा करने के लिए, बंगाल के उज्ज्वल भविष्य के लिए पूरी शक्ति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर के आपके साथ काम करूंगा। आप सभी को मेरा बहुत-बहुत धन्यवाद।

मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए...

वंदे मातरम्..

वंदे मातरम्..

वंदे मातरम्

बहुत-बहुत धन्यवाद