सूरज जब ढलता है तो लाल रंग का होता है, उदय होता है तो केसरिया: प्रधानमंत्री मोदी 
भारत के चुनाव विश्लेषकों को समझना चाहिए कि यह ‘नो वन से वॉन’ (No One से Won) की यात्रा, शून्य से शिखर तक की यात्रा है: पीएम मोदी 
त्रिपुरा में क्रूर ताकतों और डर की राजनीति पर लोकतंत्र की जीत है, डर पर शांति और अहिंसा हावी हुई है: प्रधानमंत्री 
जितने मंत्री 70 साल में पूर्वोत्तर में गए होंगे, हमने 4 सालों में इतने मंत्री पूर्वोत्तर में भेजे हैं: प्रधानमंत्री मोदी 
ये लोकतंत्र की ताकत है, गरीब से गरीब व्यक्ति ने भी इस चोट का जवाब वोट से दिया है: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी की ऐतिहासिक जीत के अवसर पर दिल्ली में भाजपा मुख्यालय पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने भाजपा में विश्वास जताने और अभूतपूर्व जीत दिलाने के लिए नॉर्थ ईस्ट के नागरिकों व मतदाताओं का आभार जताया। श्री मोदी ने कहा कि ‘मैंने चुनावी सभाओं में कहा था कि आप जो मुझे प्यार और आशीर्वाद दे रहे हैं, उसे हम विकास के रूप में ब्याज समेत लौटाएंगे। मैं एक बार फिर वहां के नागरिकों को विश्वास दे रहा हूं कि आपके प्यार को ब्याज समेत विकास के द्वारा लौटाए बिना हम चैन से नहीं बैठेंगे।‘

श्री मोदी ने कहा कि देश में नॉर्थ ईस्ट के लोगों को हमेशा लगा कि दिल्ली हमसे दूर है, लेकिन हमने ऐसी स्थिति पैदा की कि दिल्ली उनके दरवाजे पर खड़ी कर दी। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने DONER मंत्रालय बनाया था और हर विभाग को दस प्रतिशत राशि नॉर्थ ईस्ट के विकास के लिए रखने का निर्णय लिया था। प्रधानमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार ने इसे आगे बढ़ाया, और आज हिंदुस्तान में किसी भी राज्य सरकार के पास कोई मंत्रालय मोबाइल नहीं हैं, लेकिन केंद्र सरकार में DONER मंत्रालय मोबाइल है। महीने में एक बार DONER मंत्रालय का सचिवालय नॉर्थ ईस्ट के राज्य में जाता है, वहां रुकता है और नॉर्थ ईस्ट के लोगों के सवालों का समाधान करता है। केंद्र सरकार द्वारा पूर्वोत्तर के विकास को लेकर किए गए गंभीर प्रयासों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद नॉर्थ ईस्ट में जितने मंत्री गए होंगे, हमने चार साल में उससे अधिक मंत्री भेजे हैं। हर पंद्रह दिन में हमारा कोई न कोई मंत्री नॉर्थ ईस्ट के दौरे पर जाता है और वहां के लोगों की समस्या का निवारण करता है।

केंद्र सरकार नॉर्थ ईस्ट के नागरिकों को लेकर कितनी संवेदनशील है, प्रधानमंत्री ने इसके बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि 2014 में केंद्र में सरकार बनने के बाद, दिल्ली में नॉर्थ ईस्ट के बच्चों के साथ जब अत्याचार हुआ था, तब केंद्र सरकार ने दिल्ली में नॉर्थ ईस्ट के लोगों की समस्याएं सुलझाने के लिए लगातार बैठकें की थीं। यह नॉर्थ ईस्ट के लोगों के लिए Surprise था कि अब दिल्ली में एक ऐसी सरकार बैठी है, जो उनके बच्चों के साथ किसी तरह के अन्याय को लेकर इतनी संवेदनशील है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर के लोगों के लिए हमारा यह पहला संदेश था, जो 2014 में ही चला गया था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वास्तुशास्त्र की चर्चा करते हुए कहा कि ‘हमने सुना है कि वास्तुशास्त्र के हिसाब से जब मकान बनाया जाता है तो उसमें नॉर्थ ईस्ट का कोना सबसे महत्वपूर्ण होता है और यह ठीक हो गया तो पूरी इमारत ठीक हो जाती है।‘ श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने भी ऐसा ही किया है और इसी का परिणाम है कि आज इस देश का नॉर्थ ईस्ट विकास की यात्रा का नेतृत्व करने आगे आया है।

 

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में त्रिपुरा में शहीद हुए भाजपा कार्यकर्ताओं का स्मरण करते हुए कहा कि त्रिपुरा में पिछले कई वर्षों से जो माहौल था लोग उससे त्रस्त थे। राज्य के गरीब, अनपढ़ मतदाताओं ने लोकतंत्र की ताकत से इस चोट का जवाब वोट से दिया है। श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि “भ्रम और भय फैलाने वालों को सबसे अच्छा जवाब लोकतंत्र में मतदाता ही देता है और लोकतंत्र ने सारे झूठ का जवाब दे दिया है।“

श्री मोदी ने त्रिपुरा की जीत में भाजपा संगठन की भूमिका की चर्चा करते हुए कहा कि ‘त्रिपुरा में संगठन और कार्यकर्ताओं की शक्ति के माध्यम से भाजपा ने NO ONE से WON यानी शून्य से शिखर तक की यात्रा तय की है।‘ प्रधानमंत्री ने लोकतंत्र की खूबियों के बारे में बताते हुए कहा कि ‘लोकतंत्र में जय और पराजय बहुत स्वाभाविक होते हैं, लेकिन विजय को पचाना जितना जरूरी होता है, उतना ही पराजय के प्रति Sportsman Spirit का होना।‘

भाषण के अंत में प्रधानमंत्री ने नॉर्थ ईस्ट के चुनावों को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए सुरक्षा बलों और चुनाव आयोग का आभार जताया।

 

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प्रधानमंत्री 24 नवंबर को 'ओडिशा पर्व 2024' में हिस्सा लेंगे
November 24, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 24 नवंबर को शाम करीब 5:30 बजे नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 'ओडिशा पर्व 2024' कार्यक्रम में भाग लेंगे। इस अवसर पर वह उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।

ओडिशा पर्व नई दिल्ली में ओडिया समाज फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसके माध्यम से, वह ओडिया विरासत के संरक्षण और प्रचार की दिशा में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने में लगे हुए हैं। परंपरा को जारी रखते हुए इस वर्ष ओडिशा पर्व का आयोजन 22 से 24 नवंबर तक किया जा रहा है। यह ओडिशा की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करते हुए रंग-बिरंगे सांस्कृतिक रूपों को प्रदर्शित करेगा और राज्य के जीवंत सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक लोकाचार को प्रदर्शित करेगा। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख पेशेवरों एवं जाने-माने विशेषज्ञों के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय सेमिनार या सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।