प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज श्रीलंका के केंद्रीय प्रांत डिकोया में एक अस्पताल का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करने के लिए बड़ी संख्या में लोग सड़कों के किनारे पंक्तिबद्ध खड़े थे। प्रधानमंत्री ने इसके बाद नोरवुड में श्रीलंका के राष्ट्रपति, श्रीलंका के प्रधानमंत्री और बड़ी संख्या में पहुंचे तमिल समुदाय के नेताओं की मौजूदगी में भारी तादाद में उपस्थित भारतीय मूल के तमिलों को संबोधित किया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने भारतीय मूल के तमिल समुदाय द्वारा श्रीलंका में दिए गए योगदान और भारत एवं श्रीलंका की लंबी साझा विरासत का जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने सीलोन वर्कर्स कांग्रेस और तमिल प्रोगेसिव एलायंस के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की।
प्रधानमंत्री का संबोधन सुनने के लिए लगभग 30,000 लोग उपस्थित थे। इनमें से अधिकतर मध्य श्रीलंका में रहने वाले भारतीय मूल के तमिल थे। प्रधानमंत्री के संबोधन के कुछ प्रमुख अंश निम्नलिखित हैं:
मुझे आज यहां आकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है।
आपके गर्मजोशी भरे और उत्साही स्वागत के लिए, मैं आप सब का आभारी हूं।
श्रीलंका के इस सुंदर क्षेत्र का दौरा करने वाला पहला भारतीय प्रधानमंत्री होना बड़े ही सम्मान की बात है।
लेकिन आपसे बात करने का अवसर मिलना, इससे भी बड़ा सम्मान है।
दुनिया भर के लोग सीलोन चाय से भलीभांति परिचित हैं, जो इसी उपजाऊ भूमि पर पैदा होती है।
जिसके बारे में लोग कम जानते हैं, वह आपका परिश्रम और पसीना है, जो सीलोन चाय को दुनिया भर में लाखों लोगों की पसंद बनाता है।
अगर आज श्रीलंका चाय का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक है, तो इसकी वजह आपकी कड़ी मेहनत है।
काम के प्रति आपके प्रेम के कारण ही श्रीलंका दुनिया में चाय की 17 फीसदी मांग को पूरा करता है और विदेशी मुद्रा में 1.5 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की राशि अर्जित करता है।
आप श्रीलंका के फलते-फूलते चाय उद्योग की रीढ़ हैं जिसने अपनी सफलता और वैश्विक पहुंच से खुद को गौरवान्वित किया है।
आपके योगदान को समूचे श्रीलंका और उससे आगे व्यापक महत्व दिया जाता है।
आपकी कड़ी मेहनत की सराहना करने वालों में से मैं भी एक हूं।
आपने और मुझमें एक चीज एक जैसी है।
जैसा कि आप में से कुछ ने सुना होगा, मेरा चाय से विशेष नाता रहा है।
चाय पर चर्चा, महज एक स्लोगन (नारा) नहीं है।
बल्कि, ईमानदार श्रम की गरिमा एवं पवित्रता के प्रति गहरे सम्मान का प्रतीक है।
आज, हम आपके पूर्वजों को याद करते हैं।
मजबूत इच्छाशक्ति और साहस वाले उन पुरुषों व महिलाओं ने अपनी जीवनयात्रा भारत से तत्कालीन सीलोन के लिए शुरू की।
भले ही उनकी यात्रा आसान नहीं रही और उनका संघर्ष कड़ा रहा लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।
आज हम उनके हौसले को याद करते हैं, सलाम करते हैं।
आपकी पीढ़ी ने भी निरंतर कठिनाइयों का सामना किया है।
आपको एक नए स्वतंत्र राष्ट्र में अपनी पहचान बनाने और छाप छोड़ने के लिए कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा।
लेकिन, आपने साहसपूर्वक उनका सामना किया। आप अपने हक के लिए लड़े लेकिन आपने ये सब शांतिपूर्ण तरीके से किया।
हम सौम्यामूर्ति थोंडमान जैसे नेताओं को नहीं भूल सकते, जिन्होंने आपके अधिकारों, आपके उत्थान और आर्थिक समृद्धि के लिए कड़ी मेहनत की।
एक तमिल विद्वान कनियन पुनगुनरानार ने दो हजार साल पहले की घोषणा की थी, याथुम ओरे; यवरम केलर, जिसका अर्थ है 'हर शहर गृहनगर है और सभी लोग हमारे परिजन हैं।'
और, आपने उस वचन की सच्ची भावना को पकड़ लिया है।
आपने श्रीलंका को अपना घर बनाया है
आप इस खूबसूरत राष्ट्र के सामाजिक ताने-बाने का आंतरिक हिस्सा हैं।
आप तमिल थाई की संतान हैं।
यह गर्व की बात है कि आप में से कई सिंहली भी बोलते हैं।
और, भाषा संचार के लिए एक उपकरण से कही ज्यादा है।
यह एक संस्कृति को परिभाषित करती है, रिश्तों का निर्माण करती है, समुदायों को मिलाती है और एक मजबूत एकजुट शक्ति के रूप में कार्य करती है।
शांति और सामंजस्य में रहने वाले बहुभाषी समाज से बेहतर कोई नहीं है।
विविधता उत्सव का आह्वान करती है; टकराव का नहीं।
हमारा अतीत अंदरूनी तौर पर हमेशा संयमपूर्वक बुना गया है।
जातक कहानियों सहित कई बौद्ध ग्रंथों में संत अगस्त्य का उल्लेख है, जिन्हें कई लोग तमिल भाषा के पिता मानते हैं।
कैंडी के सिंहली नायक मदुरै के राजा ने तंजौर के नायक राजा के साथ वैवाहिक गठजोड़ किया था।
सिंहली और तमिल अदालती भाषाएं थीं।
हिंदू और बौद्ध मंदिर, दोनों को श्रद्धेय माना गया और उनका सम्मान किया गया।
हमें एकता और सद्भाव के इन धागे को अलग करने की नहीं मजबूत करने की आवश्यकता है।
और, आप शायद इस तरह के प्रयासों का नेतृत्व करने और इसमें अपना योगदान देने के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान पर हैं।
मैं भारत के गुजरात राज्य यानी महात्मा गांधी के जन्म स्थान से आता हूं।
लगभग 90 साल पहले, उन्होंने कैंडी, नुवरा एलीया, मटाले, बदुल्ला, बांडार्वाले और हैटन सहित श्रीलंका के इस सुंदर भाग का दौरा किया था।
गांधीजी का श्रीलंका का पहला और एकमात्र दौरा सामाजिक-आर्थिक विकास के संदेश को फैलाने वाला था।
उस ऐतिहासिक यात्रा की स्मृति में, 2015 में मटाले में भारत सरकार की सहायता के साथ महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय केंद्र की स्थापना की गई थी।
बाद के वर्षों में भारत के एक और राष्ट्रीय प्रतीक, पूरची थलीवर एमजीआर का जन्म इस मिट्टी पर हुआ था, जिनमें एक जीवन-काल संबंध स्थापित किया।
और, हाल के दिनों में आपने क्रिकेट में दुनिया के बेहतरीन स्पिनरों में से एक को उपहार में दिया है, मुथैया मुरलीधरन।
हम जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियों का बहुत आनंद लेते हैं।
भारतीय मूल के लोगों की सफलता से हम आनंदित होते हैं क्योंकि वे पास या दूर रहकर भी दुनिया भर में एक छाप छोड़ते हैं।
मैं कई और चमकदार सफलताओं की ओर देख रहा हूं।
आप भारत और श्रीलंका के लोगों एवं सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं।
हम आपको इस खूबसूरत देश के साथ हमारे संबंधों की निर्बाध निरंतरता के हिस्से के रूप में देखते हैं।
इन जोड़ को बनाए रखना मेरी सरकार की प्राथमिकता है।
हमारी साझेदारी और मेलमिलाप को ऐसे तरीके से आकार दें, जो अंततः सभी भारतीयों और श्रीलंका के सभी लोगों की प्रगति में योगदान देता हो, और आपके जीवन को भी छूता हो।
आपने भारत के साथ अपने बंधन को जीवित रखा है।
भारत में आपके दोस्त और रिश्तेदार हैं।
आप भारतीय त्योहारों को अपनी तरह से मनाते हैं।
आपने हमारी संस्कृति को अपने अंदर समाहित कर लिया है और इसे अपना बना लिया है।
भारत आपके दिल में धड़कता है।
और, मैं आपको यह बताने के लिए यहां पर हूं कि भारत आपकी भावनाओं की गर्मजोशी का उसी तरह प्रतिदान करता है।
हम सभी संभव तरीकों से अपने सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए अथक प्रयास करेंगे।
मुझे जानकारी है कि श्रीलंका सरकार आपके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए पांच वर्षीय राष्ट्रीय कार्ययोजना सहित कई सक्रिय कदम उठा रही है।
भारत इस दिशा में पूरी तरह से उनके प्रयासों का समर्थन करेगा।
भारत ने आपके कल्याण के लिए खासकर शिक्षा, स्वास्थ्य और सामुदायिक विकास के क्षेत्रों में, श्रीलंका के साथ मिलकर कई परियोजनाएं भी शुरू की हैं।
1947 में सीलोन एस्टेट वर्कर्स एजुकेशन ट्रस्ट (सीईडब्ल्यूईटी) की स्थापना की गई ताकि छात्रों को अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
इसके तहत, हम श्रीलंका और भारत में पढ़ाई के लिए सालाना लगभग 700 छात्रवृत्ति प्रदान करते हैं।
आपके बच्चे इससे लाभान्वित हुए हैं।
आजीविका और क्षमता निर्माण के क्षेत्र में, हमने व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र, 10 अंग्रेजी भाषा प्रशिक्षण केंद्र और प्रयोगशालाएं स्थापित की हैं, ताकि उपयुक्त कौशल प्रदान करने में मदद की जा सके।
इसी तरह, हमने बागान स्कूलों में कंप्यूटर और विज्ञान प्रयोगशालाओं को स्थापित करने में मदद की है।
हम कई बागान स्कूलों का उन्नयन भी कर रहे हैं।
कुछ समय पहले, राष्ट्रपति सिरीसेना, प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे और मैंने जनता को डिकोया में एक 150-बिस्तर का अस्पताल परिसर समर्पित किया, जिसे भारतीय सहायता से बनाया गया है।
इसकी अत्याधुनिक सुविधाएं क्षेत्र की स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं की पूर्ति करेगी।
मुझे यह घोषणा करने में भी प्रसन्नता हो रही है कि हमने 1990 की इमरजेंसी एंबुलेंस सेवाओं का विस्तार करने का निर्णय लिया है, जो वर्तमान में पश्चिमी और दक्षिणी प्रांतों में चल रही हैं। अब इनका विस्तार सभी दूसरे प्रांतों में भी किया जाएगा।
हमें आपके साथ भारत की समग्र स्वास्थ्य देखभाल परंपराओं जैसे योग और आयुर्वेद को साझा करने में भी प्रसन्नता हो रही है।
जैसे कि हम अगले महीने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाते हैं। हमें इसके कई लाभों को लोकप्रिय बनाने में आपकी सक्रिय भागीदारी की प्रतीक्षा है।
श्रीलंका में अभिनव भारतीय आवास परियोजना के एक भाग के रूप में, अपतटीय क्षेत्रों में 4000 घरों का निर्माण किया जा रहा है।
मुझे खुशी है कि पहली बार लाभार्थियों को उन जमीनों का स्वामित्व दिया जा रहा है, जिन पर घरों का निर्माण हो रहा है।
इस क्षेत्र में हमारी प्रतिबद्धता को जारी रखने के लिए, मुझे इस परियोजना के तहत अपक्षेत्रीय इलाकों में अतिरिक्त दस हज़ार घरों के निर्माण की घोषणा करने में प्रसन्नता हो रही है।
इससे पहले आज, मैंने कोलंबो से वाराणसी तक एयर इंडिया की सीधी उड़ानों की घोषणा की।
इससे, आप आसानी से वाराणसी जा सकते हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद पा सकते हैं।
शांति और समृद्धि की दिशा में आपकी इस यात्रा में भारत की सरकार और लोग आपके साथ हैं।
अपने भविष्य की संभावनाओं को समझने के लिए हम आपको अपने अतीत की चुनौतियों से उबरने में मदद करेंगे।
जैसा कि महान कवि थिरुवल्लुवर ने कहा है, 'अमोघ ऊर्जा और प्रयासों वाले व्यक्ति के लिए धन स्वयं अपना रास्ता खोज लेगा।'
मुझे विश्वास है कि यह एक उज्ज्वल भविष्य होगा जो आपके सपनों और आपके बच्चों की क्षमताओं एवं आपकी विरासत से मेल खाता है।
धन्यवाद, नंदरी।
बहुत-बहुत धन्यवाद।
It is a great pleasure to be here today. And, I am most grateful for your warm and enthusiastic welcome: PM @narendramodi pic.twitter.com/IteqSrO4fP
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People the world over are familiar with famous Ceylon Tea that originates in this fertile land: PM @narendramodi
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We remember your forefathers. Men & women of strong will & courage, who undertook the journey of their life from India to then Ceylon: PM
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You speak one of the oldest-surviving classical languages in the world. It is a matter of pride that many of you also speak Sinhala: PM
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We need to strengthen, not separate, (these) threads of unity and harmony: PM @narendramodi
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Another national icon of India from later years, Puratchi Thalaivar MGR was born on this very soil, establishing a life-long connection: PM
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In more recent times, you have gifted to the world one of the finest spinners in cricket, Muttiah Muralitharan: PM @narendramodi
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Am aware the Government of Sri Lanka is taking active steps to improve your living conditions including a 5-year National Plan of Action: PM
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We have decided to extend 1990 Emergency Ambulance Service, currently operating in Western & Southern Provinces, to all other Provinces: PM
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The Government and people of India are with you in your journey towards peace and greater prosperity: PM @narendramodi
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