प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सेंट पीटर्सबर्ग में 18वीं वार्षिक भारत-रूस शिखरवार्ता में रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन से मुलाकात की।
शिखरवार्ता के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को गुजरात के मुख्य मंत्री के रूप में वर्ष 2001 में सेंट पिटर्सबर्ग की अपनी पहली यात्रा की याद आई। उन्होंने कहा कि भारत और रूस के बीच रक्षा से लेकर संस्कृति तक के विषयों पर अच्छे संबंध हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच 70 वर्षों के राजनयिक संबंधों के दौरान विभिन्न द्विपक्षीय और वैश्विक विषयों पर उल्लेखनीय तालमेल रहा है।
प्रधानमंत्री ने आज जारी की गई सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा का उल्लेख एक अशांत, इंटरडिपेंडेंट और इंटरकनेक्टेड विश्व में अस्थिरता के बैंचमार्क के रूप में किया। उन्होंने कहा कि SPIEF में एक अतिथि देश के रूप में भारत की भगीदारी तथा कल वहां उनके दिए जाने वाले संबोधन से दोनों देशों के बीच आर्थिक सहायोग और अधिक बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री ने ऊर्जा सहयोग का उल्लेख भारत और रूस के बीच संबंध के स्तंभ के रूप में किया और इस बात पर गौर किया कि आज की गई वार्ता और लिए गए निर्णयों से परमाणु, हाइड्रोकार्बन तथा अक्षय ऊर्जा क्षेत्रों में सहयोग और अधिक मजबूत होगा। इस संबंध में उन्होंने कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की 5 और 6 यूनिटों के समझौते का जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच व्यापार और वाणिज्यिक रिश्तों को बढ़ाने में निजी क्षेत्र की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि भारत और रूस वर्ष 2025 तक 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत के लक्ष्य को पूरा करने के काफी करीब हैं।
कनेक्टिविटी के विषय पर बोलते हुए प्रधान मंत्री ने इंटरनेशनल नॉर्थ साउथ ट्रांसपोर्ट कोरिडोर में दोनों देशों के बीच सहयोग का उल्लेख किया। अपने संबोधन में प्रधान मंत्री ने, अन्य पहलों में, स्टार्टअप और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने हेतु "bridge to innovation" तथा यूरेसियन इकनोमिक यूनियन के साथ फ्री ट्रेड समझौते पर आगे शुरू होने वाली चर्चाओं का जिक्र किया।
भारत-रूस संबंध के जांचे-परखे सामरिक संबंध को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच आगामी प्रथम Tri-services exercise - INDRA 2017 का जिक्र किया। उन्होंने Kamov 226 हेलिकॉप्टरों और युद्ध पोत (frigates) के प्रॉडक्शन के लिए डिफेंस प्रॉडक्शन ज्वाइंट वेंचर्स का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने क्रास बॉर्डर आतंकवाद के मुद्दे पर भारत को रूस की बिना शर्त सहायता का स्वागत किया।
संस्कृति के विषय पर प्रधान मंत्री ने कहा भारत में रूसी संस्कृति की गहरी जागरूकता तथा रूस में योग और आयुर्वेद के प्रति जागरूकता काफी संतोष का विषय है।
प्रधानमंत्री ने भारत-रूस संबंधों को मजबूती मिलने में राष्ट्रपति पुतिन के नेतृत्व का स्वागत और प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री ने यह घोषणा की कि दिल्ली में एक सड़क का नाम बदलकर राजदूत ऐलेक्जेंडर कडाकिन किया गया है, जिन्हें उन्होंने भारत का एक मित्र बताया, जिनका हाल ही में देहांत हो गया था।
इससे पूर्व, दोनों देशों के CEOs को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने रूसी कंपनियों को भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया और सामरिक क्षेत्र में अवसरों का विशेष रूप से उल्लेख किया।
भारत और रूस ने परमाणु ऊर्जा, रेलवे, रत्न एवं जेवरात, पारंपरिक ज्ञान और सांस्कृतिक आदान-प्रदान क्षेत्रों को कवर करते हुए आज पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
इससे पहले, आज प्रधानमंत्री ने Piskarovskoye Cemetery में Battle of Leningrad के बहादुर सैनिकों और ज़ांबाजों को श्रंद्धाजलि दी।
Trade, commerce, innovation and engineering are of immense importance in this era: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) June 1, 2017
Companies from Russia should explore the opportunities in India and collaborate with Indian industry: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) June 1, 2017
Defence is a key area where India and Russia can cooperate. I appreciate President Putin's role in enhancing India-Russia ties: PM
— PMO India (@PMOIndia) June 1, 2017