Quoteभारत में निवेश का इससे अच्छा समय नहीं हो सकता: 'इंडिया आइडियाज समिट' में प्रधानमंत्री मोदी
Quoteभारत के उदय का अर्थ है, एक ऐसे राष्ट्र के साथ व्यापार के अवसरों में वृद्धि, जिस पर आप भरोसा कर सकते हैं: पीएम मोदी
Quoteप्रधानमंत्री ने अमेरिकी कंपनियों को एनर्जी, हेल्थकेयर सेक्टर और कृषि सेक्टर में निवेश के लिए भी आमंत्रित किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज इंडिया आइडियाज समिट को संबोधित किया। यह सम्मलेन अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष के सम्मेलन की थीम 'बेहतर भविष्य का निर्माण' है।

प्रधानमंत्री ने यूएसआईबीसी को इस साल उसकी 45वीं वर्षगांठ पर बधाई दी। उन्होंने भारत-अमेरिका आर्थिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए यूएसआईबीसी नेतृत्व की प्रतिबद्धता के लिए उनका धन्यवाद दिया।

मजबूत घरेलू आर्थिक क्षमताओं से वैश्विक अर्थव्यवस्था होगी फिर से सशक्त

प्रधानमंत्री ने विकास के एजेंडे के मूल में गरीबों और कमजोरों को रखने की जरूरत के बारे में बात की। उन्होंने जोर देकर कहा कि 'ईज ऑफ लिविंग' उतना ही महत्वपूर्ण है जितना 'ईज ऑफ बिजनस'। उन्होंने कहा कि महामारी ने हमें बाहरी झटकों के खिलाफ वैश्विक अर्थव्यवस्था के लचीलेपन की महत्ता की याद दिलाई है, जो मजबूत घरेलू आर्थिक क्षमताओं द्वारा हासिल की जा सकती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 'आत्मनिर्भर भारत' के आह्वान के जरिए भारत एक समृद्ध और सशक्त दुनिया बनाने में अपना योगदान कर रहा है।

भारत खुलेपन, अवसरों और विकल्पों का आदर्श सम्मिश्रण प्रस्तुत करता है

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को लेकर दुनियाभर में आशावाद है क्योंकि यह खुलेपन, अवसरों और विकल्पों का आदर्श सम्मिश्रण प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि पिछले छह वर्षों में हमारी अर्थव्यवस्था को ज्यादा खुली और सुधार उन्मुख बनाने के प्रयास किए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि सुधारों से प्रतिस्पर्धात्मकता, ज्यादा पारदर्शिता, डिजिटलीकरण का विस्तार, ज्यादा नवाचार और ज्यादा नीतिगत स्थिरता सुनिश्चित हुई है।

एक ताजा रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि शहरी इंटरनेट यूजर्स की तुलना में गांवों में इंटरनेट यूजर्स ज्यादा हैं। भारत को अवसरों की भूमि बताते हुए उन्होंने कहा कि अब देश में लगभग आधे अरब एक्टिव इंटरनेट यूजर्स हैं जबकि आधे अरब से ज्यादा लोग कनेक्ट हो रहे हैं। उन्होंने 5जी तकनीकी, बिग डेटा एनालिटिक्स, क्वांटम कम्प्यूटिंग, ब्लॉक-चेन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स तकनीकों में अवसरों का जिक्र किया।

विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के व्यापक अवसर

प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि भारत के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करने के व्यापक अवसर मौजूद हैं। उन्होंने हाल ही में कृषि क्षेत्र में किए गए ऐतिहासिक सुधारों के बारे में बात की और कहा कि कृषि सामग्री और मशीनरी, कृषि आपूर्ति श्रृंखला, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र, मत्स्य पालन और जैविक उत्पाद समेत कई क्षेत्रों में निवेश के अवसर हैं। इस बात का जिक्र करते हुए कि भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र हर साल 22 प्रतिशत से ज्यादा की रफ्तार से बढ़ रहा है और चिकित्सा-प्रौद्योगिकी, टेली-मेडिसिन और डायग्नोस्टिक्स उत्पादन में भारतीय कंपनियों ने काफी प्रगति की है, उन्होंने कहा कि भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निवेश बढ़ाने का यह सबसे अच्छा समय है।

प्रधानमंत्री ने कई अन्य क्षेत्रों की सूची भी सामने रखी जो निवेश के लिए शानदार अवसर प्रदान करते हैं जैसे- ऊर्जा क्षेत्र; घरों, सड़कों, हाइवे और बंदरगाहों के निर्माण सहित अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण; नागरिक उड्डयन, जहां कई शीर्ष निजी भारतीय एयरलाइंस की आने वाले दशक में एक हजार से ज्यादा नए विमान शामिल करने की योजना है, इस प्रकार से किसी भी निवेशक के लिए अवसर खुले हैं जो भारत में विनिर्माण सुविधाएं, रखरखाव मरम्मत व संचालन सुविधाएं स्थापित करना चाहता है। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि भारत रक्षा क्षेत्र में एफडीआई कैप 74 प्रतिशत तक बढ़ा रहा है, रक्षा उपकरणों और प्लेटफॉर्मों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए दो रक्षा गलियारे स्थापित किए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि निजी और विदेशी निवेशकों के लिए विशेष प्रोत्साहन की पेशकश की गई है। उन्होंने अंतरिक्ष क्षेत्र में किए जा रहे महत्वपूर्ण सुधारों का भी जिक्र किया।

वित्त और बीमा में निवेश को आमंत्रित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने बीमा क्षेत्र में एफडीआई कैप को बढ़ाकर 49 प्रतिशत और बीमा मध्यस्थों में निवेश के लिए 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, कृषि, व्यवसाय और जीवन बीमा में बीमा कवर बढ़ाने के व्यापक अवसर हैं, जिनका अभी इस्तेमाल नहीं हुआ है।

भारत में बढ़ता निवेश

प्रधानमंत्री ने विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनस रैंकिंग में भारत के उभार के बारे में बात की। उन्होंने जोर दिया कि हर साल भारत में एफडीआई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि 2019-20 में भारत में एफडीआई प्रवाह 74 अरब डॉलर था, जो पिछले साल की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि महामारी के दौरान भी भारत ने इस साल अप्रैल और जुलाई के बीच 20 अरब डॉलर से ज्यादा का विदेशी निवेश हासिल किया है।

भारत में निवेश करने का सबसे अच्छा समय

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के पास वह है, जो वैश्विक आर्थिक रिकवरी को ताकत प्रदान करने के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत के उदय का मतलब एक ऐसे राष्ट्र के साथ व्यापार के अवसरों में वृद्धि, जिस पर भरोसा किया जा सकता है, बढ़ते खुलेपन के साथ वैश्विक एकीकरण में वृद्धि, बाजार तक पहुंच के साथ प्रतिस्पर्धा में वृद्धि और कुशल मानव संसाधनों की उपलब्धता के साथ निवेश पर रिटर्न में वृद्धि। अमेरिका और भारत को स्वाभाविक साझीदार कहते हुए उन्होंने कहा कि यह साझेदारी महामारी के बाद विश्व के तेजी से पुरानी स्थिति में लौटने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। अमेरिकी निवेशकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में निवेश करने के लिए यह सबसे अच्छा समय है।

 

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पीएम मोदी का BRICS सेशन में संबोधन: ‘शांति और सुरक्षा’
July 06, 2025

Friends,

वैश्विक शांति और सुरक्षा केवल एक आदर्श नहीं है,ये हम सभी के साझा हितों और भविष्य की बुनियाद है। एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित वातावरण में ही मानवता का विकास संभव है। इस उद्देश्य को पूरा करने में ब्रिक्स की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। हमारी साझा चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें एकजुट होकर, सामूहिक प्रयास करने होंगे। मिलकर आगे बढ़ना होगा।

Friends,

आतंकवाद, आज मानवता के लिए सबसे गंभीर चुनौती बनकर खड़ा है। हाल ही में भारत ने एक अमानवीय और कायरतापूर्ण आतंकी हमले का सामना किया। 22 अप्रैल को, पहलगाम में हुआ आतंकी हमला, भारत की आत्मा, अस्मिता और गरिमा पर सीधा प्रहार था। यह हमला केवल भारत पर नहीं, पूरी मानवता पर आघात था। इस दुख की घड़ी में, जो मित्र देश हमारे साथ खड़े रहे, जिन्होंने समर्थन और संवेदना व्यक्त की, मैं उनका हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ।

आतंकवाद की निंदा हमारा ‘सिद्धांत’ होना चाहिए, केवल ‘सुविधा’ नहीं। अगर पहले यह देखेंगे कि हमला किस देश में हुआ, किसके विरुद्ध हुआ, तो यह मानवता के खिलाफ विश्वासघात होगा।

Friends,

आतंकवादियों के खिलाफ sanctions लगाने पर कोई संकोच नहीं होना चाहिए। आतंकवाद के victims और supporters को एक ही तराजू में नहीं तौल सकते। निजी या राजनीतिक स्वार्थ के लिए, आतंकवाद को मूक सम्मति देना, आतंक या आतंकियों का साथ देना, किसी भी अवस्था में स्वीकार्य नहीं होना चाहिए। आतंकवाद को लेकर कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं होना चाहिए। अगर हम यह नहीं कर सकते तो यह प्रश्न स्वाभाविक है कि क्या आतंकवाद के खिलाफ ल़डाई को लेकर हम गंभीर हैं भी या नहीं?

Friends,

पश्चिम एशिया से लेकर यूरोप तक, आज विश्व विवादों और तनावों से घिरा हुआ है। गाजा में जो मानवीय स्थिति है, वह बड़ी चिंता का कारण है।भारत का अडिग विश्वास है, कि परिस्थितियाँ चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हों, मानवता की भलाई के लिए शांति का पथ ही एकमात्र विकल्प है।

भारत भगवान् बुद्ध और महात्मा गांधी की भूमि है। हमारे लिए युद्ध और हिंसा का कोई स्थान नहीं है। भारत हर उस प्रयास का समर्थन करता है, जो विश्व को, विभाजन और संघर्ष से बाहर निकालकर, संवाद, सहयोग और समन्वय की ओर अग्रसर करे, एकजुटता और विश्वास बढ़ाए।इस दिशा में, हम सभी मित्र देशों के साथ, सहयोग और साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं।धन्यवाद ।

Friends,

अंत में, अगले वर्ष भारत की अध्यक्षता में होने जा रही ब्रिक्स समिट के लिए मैं आप सभी को भारत आने के लिए आमंत्रित करता हूँ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।