प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित ‘सीपीएसई सम्मेलन’ में शिरकत की।
इस दौरान प्रधानमंत्री के समक्ष विभिन्न विषयों (थीम) पर प्रस्तुतियां दी गईं जिनमें कॉरपोरेट गवर्नेंस, मानव संसाधन का प्रबंधन, वित्तीय पुनर्गठन, नवाचार एवं प्रौद्योगिकी और नए भारत के लिए विजन 2022 शामिल हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित ‘सीपीएसई सम्मेलन’ में शिरकत की।
इस दौरान प्रधानमंत्री के समक्ष विभिन्न विषयों (थीम) पर प्रस्तुतियां दी गईं जिनमें कॉरपोरेट गवर्नेंस, मानव संसाधन का प्रबंधन, वित्तीय पुनर्गठन, नवाचार एवं प्रौद्योगिकी और नए भारत के लिए विजन 2022 शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (पीएसई) के लिए मुनाफा कमाना और सामाजिक लाभ सृजित करना दोनों ही अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। पीएसई कर्मचारियों के उल्लेखनीय योगदान के लिए उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विद्युत सुविधा से वंचित सभी गांवों में बिजली पहुंचाना और गरीबों को एलपीजी कनेक्शन सुलभ कराना जैसे प्रमुख सरकारी लक्ष्यों की प्राप्ति पीएसई कर्मियों की कड़ी मेहनत के बिना संभव नहीं थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अतीत में अर्जित विशिष्ट प्रतिष्ठा ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उभरती चुनौतियों के अनुरूप स्वयं को ढालना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि उद्यम और नवाचार को 21वीं सदी में मार्गदर्शक सिद्धांत होने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रोत्साहन, कल्पना और संस्थान निर्माण सफलता के लिए तीन कुंजी हैं।
प्रधानमंत्री ने पीएसई का आह्वान किया कि वे प्रौद्योगिकी और प्रक्रियाओं में बदलावों के जरिए ‘नए भारत’ का निर्माण करने में मदद करें। उन्होंने कहा कि इसके लिए पीएसई को ‘5-पी’ के फॉर्मूले की जरूरत होगी जिनमें परफॉर्मेंस (प्रदर्शन), प्रॉसेस (प्रक्रिया), पर्सोना (छवि), प्रोक्योरमेंट (खरीद) और प्रिपेयर (तैयार रहना) शामिल हैं।
इस बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने परिचालनगत एवं वित्तीय प्रदर्शन में बेहतरी, पारदर्शिता एवं प्रक्रियाओं में जवाबदेही, ‘जेम’ प्लेटफॉर्म के जरिए एवं एमएसएमई से खरीद और तकनीकी व्यवधानों जैसे कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, क्वांटम कम्पूटिंग एवं रोबोटिक्स के लिए तैयार रहने का उल्लेख किया।
उन्होंने ‘नए भारत’ के लिए पीएसई के समक्ष पांच चुनौतियां रखीं-
वर्ष 2022 तक भारतीय पीएसयू कैसे अपनी भू-रणनीतिक पहुंच को अधिकतम करेंगे ?
वर्ष 2022 तक भारतीय पीएसयू कैसे देश के आयात बिल को न्यूनतम करेंगे?
वर्ष 2022 तक भारतीय पीएसयू कैसे नवाचार और अनुसंधान को एकीकृत करेंगे?
वर्ष 2022 तक भारतीय पीएसयू के सीएसआर कोष के उपयोग को इष्टतम करने के लिए उनका रोडमैप क्या होगा?
वर्ष 2022 तक भारतीय पीएसयू देश को कौन-सा नया विकास मॉडल देंगे?
प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व की 500 सबसे बड़ी कंपनियों में से एक चौथाई कंपनियां किसी न किसी देश के सार्वजनिक क्षेत्र के अंतर्गत आती हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि भारतीय पीएसयू स्वयं को अन्य देशों के पीएसयू से जोड़ सकते हैं और विदेश में निवेश के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पीएसयू भारत के आयात बिल को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। प्रधानमंत्री ने यह बात रेखांकित की कि सीएसआईआर, आईसीएआर इत्यादि में उपलब्ध सुविधाओं के अलावा सीपीएसई में आधुनिक आरएंडडी (अनुसंधान एवं विकास) बुनियादी ढांचा भी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नवाचार और अनुसंधान को अब एकीकृत करने की जरूरत है। इस संदर्भ में उन्होंने सीपीएसई एवं सरकारी विभागों के बीच और ज्यादा सूचनाओं को साझा करने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि सीपीएसई के सीएसआर संबंधी व्यय को प्रत्येक साल मुख्यतः एक विशिष्ट थीम पर केंद्रित होना चाहिए। इस संदर्भ में उन्होंने उस सफलता का उल्लेख किया जब इस तरह के सीएसआर व्यय का उपयोग स्कूलों में शौचालय निर्माण के लिए किया गया था। उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिलों का विकास एक अच्छी थीम हो सकती है। उन्होंने कहा कि सीपीएसई अपने सीएसआर के तहत कौशल विकास कार्यक्रम भी शुरू कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सीपीएसई अनेक क्षेत्रों जैसे कि कागज रहित कार्य संस्कृति, कैश लेस लेन-देन और कचरा प्रबंधन में आदर्श के रूप में काम कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि सीपीएसई ‘नए भारत’ के सपने को साकार करने में अपनी ओर से व्यापक योगदान करेंगे।
एक प्रकार से PSE का सही मायनों में अर्थ होता है- Profit and Social benefit generating Enterprise. यानि ना सिर्फ शेयर होल्डर्स के लिए Profit कमाए बल्कि Society के लिए Benefit भी Generate करे: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 9, 2018
आप के ही इस साहस का नतीजा है कि सरकार बड़े-बड़े फैसले ले पाने में सक्षम है। फिर वो चाहे देश के हर गांव में बिजली पहुंचाने की बात हो या फिर देश की हर गरीब माता-बहन की रसोई तक LPG Connection की बात, आपके संस्थानों से जुड़े लाखों कर्मचारियों के परिश्रम के बिना ये संभव नहीं था: PM
— PMO India (@PMOIndia) April 9, 2018
मैं मानता हूं कि Economic Decision Making में Idealism और Ideology काफी नहीं है, इसकी जगह Pragmatism and Practicality को भी स्थान मिलना चाहिए। सेक्टर चाहे कोई भी हो लेकिन जब 21वीं सदी की बात करते हैं तब, Enterprise & Innovation, वो मंत्र होना चाहिए जो हम सभी को गाइड करे: PM
— PMO India (@PMOIndia) April 9, 2018
Private Sector हो या फिर Public Sector, Success के लिए अलग-अलग मंत्र नहीं होते। सफलता के मंत्र की जब मैं बात करता हूं तब, 3 I की एक सोच सामने आती है.
— PMO India (@PMOIndia) April 9, 2018
3 I यानि - Incentives, Imagination and Institution Building.
Economists बताते हैं कि ये Human Behavior में Incentives, बदलाव लाने वाला सबसे बड़ा tool है। लेकिन Incentives सिर्फ Financial हों ऐसा जरूरी नहीं है, कई बार बेहतर perform करने वाले की फोटो बुलेटिन बोर्ड में लगाने जैसी छोटी बातें सैकड़ों कर्मचारियों को motivate कर सकती हैं: PM
— PMO India (@PMOIndia) April 9, 2018
आज स्थिति ये है कि कई कामयाब प्राइवेट कंपनियां दो दशक से ज्यादा नहीं टिक पातीं।
— PMO India (@PMOIndia) April 9, 2018
इसका बड़ा कारण है आने वाले बदलाव, टेक्नोलॉजी में होने वाले changes के हिसाब से खुद को ना ढाल पाना। यहीं Leadership की Imagination काम आती है। आज Diversification and Disruption की अहमियत बढ़ गई है: PM
तीसरा I यानि Institution building, ये संभवत: Leadership का सबसे अहम Test है। एक ऐसी Team का Formation जो व्यवस्था केंद्रित हो। व्यक्ति केंद्रित और व्यक्ति आधारित व्यवस्थाएं लंबे समय तक नहीं चल पातीं: PM
— PMO India (@PMOIndia) April 9, 2018
आज तक हम PSEs को नवरत्न के रूप में Classify करते रहे हैं। लेकिन अब वक्त आ गया है जब हम इससे आगे की सोचें। क्या हम New India रत्न बनाने के बारे में नहीं सोच सकते? क्या आप तकनीक और प्रक्रियाओं में बदलाव के जरिए New India रत्न बनने और बनाने के लिए तैयार हैं: PM
— PMO India (@PMOIndia) April 9, 2018
मैं समझता हूं कि New India के निर्माण में आपकी सहभागिता 5 P फॉर्मूले पर चलते हुए और ज्यादा हो सकती है। ये 5 P हैं: Performance + Process + Persona + Procurement और Prepare: PM
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हमें खुद से ये सवाल पूछना होगा कि न्यू इंडिया में भारतीय PSUs किस तरह अगले 5-10 साल में Global Greatness को हासिल कर पाएंगे। कैसे उनमें ज्यादा से ज्यादा Innovation हो, प्रक्रियाओं में ऐसा कौन सा सुधार करें जिससे Tax Revenue तो बढ़े ही Employment Generation के भी नए अवसर बने: PM
— PMO India (@PMOIndia) April 9, 2018
2016 में PSUs ने 1 लाख 30 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का Procurement किया था। इसमें से लगभग 25 हजार करोड़ का सामान ही MSME सेक्टर से लिया गया।
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क्या आप सभी मिलकर ऐसा कोई मैकेनिज्म नहीं बना सकते, जिससे देश के लघु और छोटे उद्योगों से ज्यादा से ज्यादा सामान खरीदा जाए: PM
मेरा एक आग्रह आपसे ये भी है कि आप इस बात का भी हमेशा ध्यान रखें कि MSME’s को भुगतान में देरी न हो। Payment late होने पर छोटे उद्यमियों को जिस तरह की दिक्कतें आती हैं, उसकी जानकारी आप सभी को है: PM
— PMO India (@PMOIndia) April 9, 2018
यदि हम Price Competitive हों और Quality Sensitive हों, और ऐसे Products पर फोकस करें जिनके आयात की बाध्यता है और जिन्हें हम नए innovations के जरिए Replace कर सकते हैं, तो import bill में महत्वपूर्ण कमी आ सकती है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 9, 2018
आपको याद होगा 2014-15 में आपने स्कूलों में शौचालय बनाने के लिए CSR Fund डोनेट किया था, जिसके परिणाम आज सबके सामने हैं। नीति आयोग ने देश के 115 सबसे पिछड़ों जिलों की पहचान की है, जिन्हें हम Aspirational Districts मान रहे हैं। क्या इन जिलों का विकास इस वर्ष की थीम हो सकती है: PM
— PMO India (@PMOIndia) April 9, 2018
मेरा आग्रह है कि ज्यादा से ज्यादा Efficiency पर फोकस हो, Corporate Governance पर जोर हो और Resources का सही उपयोग किया जाए। मैं मानता हूं कि Energy और Experience, Enterprise और Enthusiasm के संगम से अभूतपूर्व नतीजे मिलेंगे: PM
— PMO India (@PMOIndia) April 9, 2018