प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेंस के जरिये वाराणसी में भारत कालीन प्रदर्शनी (इंडिया कारपेट एक्सपो) को संबोधित किया।
भारत और विदेश से आने वाले मेहमानों का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पहली बार वाराणसी में दीनदयाल हस्तकला संकुल भारत कालीन प्रदर्शनी का आयोजन कर रहा है। उन्होंने कहा कि कालीन उद्योग में वाराणसी, भदोही और मिर्जापुर महत्वपूर्ण केन्द्र हैं। उन्होंने हस्तकला, छोटे और मझौले उद्योगों को प्रोत्साहित करने के संबंध में किये जाने वाले प्रयासों का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में हस्तकला की एक लंबी परम्परा है और वाराणसी ने इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस संबंध में उन्होंने महान संत कवि कबीर का उल्लेख करते हुए कहा कि वे भी इसी क्षेत्र से ताल्लुक रखते थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हस्तकला, स्वतंत्रता संग्राम और आत्मनिर्भता के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है। उन्होंने महात्मा गांधी, सत्याग्रह और चरखे का भी उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत कालीन का सबसे बड़ा निर्माता है और विश्व बाजार में उसका लगभग 35 प्रतिशत हिस्सा है। उन्होंने इस क्षेत्र के शानदार निर्यात प्रदर्शन का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि मध्यवर्ग की तरक्की और कालीन उद्योग को दिये जाने वाले समर्थन ऐसे दो कारक हैं, जो इस क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कालीन बुनकरों के कौशल की प्रशंसा की, जिन्होंने ‘मेड इन इंडिया कारपेट’ को बड़ा ब्रांड बना दिया है। उन्होंने कालीन निर्यातकों को दिये जाने वाले लॉजिस्टिक समर्थन और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विश्वस्तरीय प्रयोगशालाओं की स्थापना का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि कालीन क्षेत्र को आधुनिक करघे और ऋण सुविधाएं जैसी तमाम सहूलियतें उपलब्ध कराई जा रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि कालीन बुनकरों की कड़ी मेहनत और उनका कौशल राष्ट्र की ताकत बने।