वर्तमान समय में भी स्वामी विवेकानंद जी के विचार प्रासंगिक हैं: प्रधानमंत्री मोदी
पूरी दुनिया भारत के युवाओं की तरफ देख रही है: पीएम मोदी
सिटिजनशिप एक्ट, नागरिकता लेने का नहीं, नागरिकता देने का कानून है: प्रधानमंत्री

रामकृष्ण मठ के महासचिव श्रीमान स्‍वामी सुविरानंदा जी महाराज, स्‍वामी दिव्‍यानंद जी महाराज, यहां उपस्थित पूज्‍यसंतगण, अतिथिगण, मेरे युवा साथियो।

आप सभी को स्वामी विवेकानंद जयंती के इस पवित्र अवसर पर, राष्ट्रीय युवा दिवस पर, बहुत-बहुत शुभकामनाएं। देशवासियों के लिए बेलुड़ मठ की इस पवित्र भूमि पर आना किसी तीर्थयात्रा से कम नहीं है, लेकिन मेरे लिए तो हमेशा से ही ये घर आने जैसा ही है। मैं प्रेसीडेंट स्‍वामी का, यहां पर सभी व्‍यवस्‍थापकों का ह्दय से बहुत आभारी हूं कि मुझे कल रात यहां रहने के लिए इजाजत दी और सरकार का भी मैं आभारी हूं क्‍योंकि सरकार में प्रोटोकॉल, सिक्‍योरिटी ये भी इधर से उधर जाने नहीं देते। लेकिन मेरी Request को व्‍यवस्‍था वालों ने भी माना। और मुझे इस पवित्र भूमि में रात बिताने का सौभाग्‍य मिला। इस भूमि में, यहां की हवा में स्‍वामी राम कृष्‍ण परमहंस, मां शारदा देवी, स्‍वामी ब्रह्मानंद, स्‍वामी विवेकानंद सहित तमाम गुरुओं का सानिघ्‍य हर किसी को अनुभव हो रहा है। जब भी यहां बेलुड़ मठ आता हूं तो अतीत के वो पृष्‍ठ खुल जाते हैं। जिनके कारण आज मैं यहां हूं। और 130 करोड़ भारतवासियों की सेवा में कुछ कर्तव्‍य निभा पा रहा हूं।

पिछली बार जब यहां आया था तो गुरुजी, स्वामी आत्मआस्थानंद जी के आशीर्वाद लेकर गया था। और मैं कह सकता हूं कि उन्‍होंने मुझे ऊंगली पकड़ कर जनसेवा ही प्रभुसेवा का रास्‍ता दिखाया। आज वो शारीरिक रूप से हमारे बीच विद्यमान नहीं हैं। लेकिन उनका काम, उनका दिखाया मार्ग, रामकृष्ण मिशन के रूप में सदा-सर्वदा हमारा मार्ग प्रशस्त करता रहेगा।

यहां बहुत युवा ब्रह्मचारी बैठे हैं मुझे उनके बीच कुछ पल बिताने का मौका मिला। जो मन:स्थिति आपकी है कभी मेरी भी हुआ करती थी। और आपने अनुभव किया होगा हममें से ज्‍यादा लोग यहां खींचे चले आते हैं उसका कारण विवेकानंद जी के विचार, विवेकानंद जी की वाणी, विवेकानंद जी का व्‍यक्तित्‍व हमें यहां तक खींचकर के ले आता है। लेकिन.... लेकिन.... इस भूमि में आने के बाद माता शारदा देवी का आंचल हमे बस जाने के लिए एक मां का प्‍यार देता है। जितने भी ब्रह्चारी लोग है सबको यही अनुभूति होती होगी। जो कभी मैं करता था।

साथियों, स्वामी विवेकानंद का होना सिर्फ एक व्यक्ति का होना नहीं है, बल्कि वो एक जीवन धारा का, जीवन शैली का नामरूप है। उन्होंने दरिद्रनारायण की सेवा और भारत भक्ति को ही अपने जीवन का आदि और अंत मान भी लिया, जी भी लिया और जीने के लिए आज भी करोड़ों लोगों को रास्‍ता भी दिखा दिया।

आप सभी, देश का हर युवा और मैं विश्‍वास से कह रहा हूं। देश का हर युवा चाहे विवेकानंद को जानता हो या न जानता हो। जाने-अनजाने में भी उसी संकल्प का ही हिस्सा हैं। वक्‍त बदला है, दशक बदले हैं, सदी बदल गई है, लेकिन स्वामी जी के उस संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाने का जिम्‍मा हम पर भी है, आने वाली पीढि़यों पर भी है। और ये काम कोई ऐसा नहीं है कि एक बार कर दिया तो हो गया। ये अभिरथ करने का काम है, निरंतर करने का काम है, युग-युग तक करने का काम है।

कई बार हम सोचने लगते हैं कि मेरे अकेले के करने से क्या होगा। मेरी बात कोई सुनता ही नहीं है। मैं जो चाहता हूं, मैं जो सोचता हूं, उस पर कोई ध्यान ही नहीं देता है और इस स्थिति से युवा मन को बाहर निकालना बहुत ज़रूरी है। और मैं तो सीधा-साधा मंत्र बता देता हूं। जो मैं भी कभी गुरुजनों से सीखा हूं। हम कभी अकेले नहीं है। कभी भी अकेले नहीं है। हमारे साथ एक और होता है जो हमें दिखता नहीं है वो ईश्‍वर का रूप होता है। हम अकेले कभी नहीं होते हैं। हमारा सर्जनहार हर पल हमारे साथ ही होता है।

स्वामी जी की वो बात हमें हमेशा याद रखनी होगी जब वो कहते थे कि “अगर मुझे सौ ऊर्जावान युवा मिल जाएं, तो मैं भारत को बदल दूंगा”। स्‍वामी जी ने कभी ये नहीं कहा कि मुझे सौ लोग मिल जाएंगे तो मैं ये बन जाऊंगा... ऐसा नहीं कहा, उन्‍होंने ये कहा कि भारत बदल जाएगा। यानि परिवर्तन के लिए हमारी ऊर्जा, कुछ करने का जोश ही ये ज़ज्‍बा बहुत आवश्यक है।

स्वामी जी तो गुलामी के उस कालखंड में 100 ऐसे युवा साथियों की तलाश कर रहे थे। लेकिन 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने के लिए, नए भारत के निर्माण के लिए तो करोड़ों ऊर्जावान युवा आज हिन्‍दुस्‍तान के हर कोने में खड़े हुए हैं। दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी का खज़ाना भारत के पास है।

साथियों, 21वीं सदी के भारत की इस देश के युवाओं से ही नहीं, इस देश के युवाओं से सिर्फ भारत को ही नहीं पूरे विश्‍व को बहुत कुछ अपेक्षाएं हैं। आप सभी जानते हैं कि देश ने 21वीं सदी के लिए, नए भारत के निर्माण के लिए बड़े संकल्प लेकर कदम उठाए हैं। ये संकल्प सिर्फ सरकार के नहीं, ये संकल्प 130 करोड़ देशवासियों के हैं, देश के युवाओं के हैं।

बीते 5 वर्षों का अनुभव दिखाता है कि देश के युवा जिस मुहिम के साथ जुड़ जाते हैं, उसका सफल होना तय है। भारत स्वच्छ हो सकता है या नहीं, इसको लेकर 5 वर्ष पहले तक एक निराशा का भाव था, लेकिन देश के युवा ने कमान संभाली और परिवर्तन सामने दिख रहा है।

4-5 वर्ष पहले तक अनेक लोगों को ये भी असंभव लगता था कि भारत में डिजिटल पेमेंट का प्रसार इतना बढ़ सकता है क्या? लेकिन आज भारत दुनिया के सबसे तेज़ी से बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था में अपनी मजबूती के साथ खड़ा है।

भ्रष्टाचार के विरुद्ध कुछ वर्ष पहले तक कैसे देश का युवा सड़कों पर था, ये भी हमने देखा है। तब लगता था कि देश में व्यवस्था को बदलना मुश्किल है। लेकिन युवाओं ने ये बदलाव भी कर दिखाया।

साथियों, युवा जोश, युवा ऊर्जा ही 21वीं सदी के इस दशक में भारत को बदलने का आधार है। एक प्रकार से 2020, ये जनवरी महीना, एक प्रकार से नव वर्ष की शुभकामनाओं से शुरू होता है। लेकिन हम ये भी याद रखें कि ये सिर्फ नववर्ष नहीं है ये नया दशक भी है। और इसलिए हमें अपने सपनों को इस दशक के संकल्‍प के साथ जोड़ करके सिद्धि प्राप्‍त करने की दिशा में और अधिक ऊर्जा के साथ, और अधिक उमंग के साथ, और अधिक समर्पण के साथ जुड़ना है।

नए भारत का संकल्प, आपके द्वारा ही पूरा किया जाना है। ये युवा सोच ही है जो कहती है कि समस्याओं को टालो नहीं, अगर आप युवा हैं तो समस्‍याओं को टालने की कभी सोच ही नहीं सकते हैं। युवा है मतलब समस्‍या से टकराव, समस्‍या को सुलझाओं, चुनौती को ही चुनौती दे डालो। इसी सोच पर चलते हुए केंद्र सरकार भी देश के सामने उपस्थित दशकों पुरानी चुनौतियों को सुलझाने के लिए प्रयास कर रही है।

साथियों, बीते कुछ समय से देश में और युवाओं में बहुत चर्चा है सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट की। ये एक्ट क्या है, इसे लाना क्यों जरूरी था? युवाओं के मन में बहुत से सवाल भांति-भांति लोगों के द्वारा भर दिए गए हैं। बहुत से नौजवान जागरूक हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो अब भी इस भ्रम के शिकार हुए हैं, अफवाहों के शिकार हुए हैं। ऐसे हर युवा को समझाना भी हम सबका दायित्व है और उसे संतुष्ट करना भी हम सबकी ही जिम्मेदारी है।

और इसलिए आज राष्ट्रीय युवा दिवस पर मैं फिर से देश के नौजवानों को, पश्चिम बंगाल के नौजवानों को, नॉर्थ ईस्ट के नौजवानों को आज इस पवित्र धरती से और युवाओं के बीच खड़ा हो कर जरूर कुछ कहना चाहता हूं।

साथियों, ऐसा नहीं है कि देश की नागरिकता देने के लिए भारत सरकार ने रातो-रात कोई नया कानून बना दिया है। हम सबको पता होना चाहिए कि दूसरे देश से, किसी भी धर्म का कोई भी व्यक्ति, जो भारत में आस्था रखता है, भारत के संविधान को मानता है, भारत की नागरिकता ले सकता है। कोई दुविधा नहीं है इसमें... मैं फिर कहूंगा, सिटिजनशिप एक्ट, नागरिकता छीन लेने का नहीं, ये नागरिकता देने का कानून है और सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट, उस कानून में सिर्फ एक संशोधन है। ये संशोधन, ये अमेंडमेंट क्या है? हमने बदलाव ये किया है कि भारत की नागरिकता लेने की सहूलियत और बढ़ा दी है। ये सहूलियत किसके लिए बढ़ाई है? उन लोगों के लिए, जिन पर बंटवारे के बाद बने पाकिस्तान में, उनकी धार्मिक आस्था की वजह से अत्याचार हुआ, जुल्‍म हुआ, जीना मुश्किल हो गया, बहन-बेटियों की इज्‍जत असुरिक्षत हो गई। जीवन जीना ही एक सवाल या निशान बन गया। अनेक संकटों से ये जीवन ही घिर गया।

साथियों, स्वतंत्रता के बाद, पूज्‍य महात्मा गांधी से लेकर तब के बड़े-बड़े दिग्गज नेताओं का यही कहना था कि भारत को ऐसे लोगों को नागरिकता देनी चाहिए, जिन पर उनके धर्म की वजह से पाकिस्तान में अत्याचार किया जा रहा है।

अब मैं आपसे पूछता हूं मुझे बताइए कि ऐसे शरणार्थियों को हमें मरने के लिए वापस भेजना चाहिए क्‍या? भेजना चाहिए क्‍या? क्‍या हमारी जिम्‍मेवारी है कि नहीं है, उनको बराबरी में हमारा नागरिक बनाना चाहिए कि नहीं बनाना चाहिए। अगर वो कानून के साथ, बंधनों के साथ रहता है, सुख-चैन की जिंदगी जीता है तो हमें संतोष होगा कि नहीं होगा... ये काम पवित्र है कि नहीं है...हमें करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए। औरों की भलाई के लिए काम करना अच्‍छा है कि बुरा है? अगर मोदी जी ये करते हैं तो आपका साथ है न... आपका साथ है न... हाथ ऊपर उठा करके बताइए आपका साथ है न।

हमारी सरकार ने देश को स्वतंत्रता दिलाने वाले महान सपूतों की इच्छा का ही सिर्फ पालन किया है। जो महात्‍मा गांधी कहकर गए उस काम को हमने किया है जी.... और सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट में हम नागरिकता दे ही रहे हैं, किसी की भी... किसी की भी... नागरिकता छीन नहीं रहे हैं।

इसके अलावा, आज भी किसी भी धर्म का व्यक्ति, भगवान को मानता हो या न मानता हो... जो व्‍यक्ति भारत के संविधान को मानता है, वो तय प्रक्रियाओं के तहत भारत की नागरिकता ले सकता है। ये आपको साफ-साफ समझ आया कि नहीं आया। समझ गए न... जो छोटे-छोटे विद्यार्थी है वो भी समझ गए न... जो आप समझ रहे है न वो राजनीतिक खेल खेलने वाले समझने को तैयार नहीं है। वे भी समझदार हैं लेकिन समझना चाहते नहीं है। आप समझदार भी हैं और देश का भला चाहने वाले युवा नौजवान भी हैं।

और हां, जहां तक नॉर्थ ईस्ट के राज्यों की सवाल है। हमारा गर्व है नॉर्थ ईस्ट हमारा गर्व है। नॉर्थ ईस्ट के राज्यों की संस्कृति, वहां की परंपरा, वहां की डेमोग्राफी, वहां के रीति-रिवाज, वहां के रहन-सहन, वहां का खान-पान, वहां की डेमोग्राफी इस पर इस कानून में जो सुधार किया गया है इसका कोई विपरित प्रभाव उन न पड़े, इसका भी प्रावधान केंद्र सरकार ने किया है।

साथियों, इतनी स्पष्टता के बावजूद, कुछ लोग अपने राजनीतिक कारणों से सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट को लेकर लगातार भ्रम फैला रहे हैं। मुझे खुशी है कि आज का युवा ही ऐसे लोगों का भ्रम भी दूर कर रहा है।

और तो और, पाकिस्तान में जिस तरह दूसरे धर्मों के लोगों पर अत्याचार होता है, उसे लेकर भी दुनिया भर में आवाज हमारा युवा ही उठा रहा है। और ये बात भी साफ है कि नागरिकता कानून में हम ये संशोधन न लाते तो न ये विवाद छिड़ता और न ये विवाद छिड़ता तो दुनिया को भी पता न चलता कि पाकिस्‍तान में minority पर कैसे-कैसे जुर्म हुए हैं। कैसे मानवधिकार का हनन हुआ है। कैसे बहन-बेटियों की जिंदगी को बरबाद किया गया है। ये हमारे initiative का परिणाम है कि अब पाकिस्‍तान को जवाब देना पड़ेगा कि 70 साल में आपने वहां पर minority के साथ ये जुर्म क्‍यों किया।

साथियों, जागरूक रहते हुए, जागरूकता फैलाना, दूसरों को जागरूक करना भी हम सभी का दायित्व है। और भी बहुत से विषय हैं जिसको लेकर के समाज जागरण, जन-आंदोलन, जनचेतना आवश्‍यक है जैसे पानी को ही ले लो... पानी बचाना आज हर नागरिक का दायित्‍व बनता जा रहा है। सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ अभियान हो या फिर गरीबों के लिए सरकार की अनेक योजनाएं, इन सभी बातों के लिए जागरूकता बढ़ाने में आपका सहयोग देश की बहुत बड़ी मदद करेगा।

साथियों, हमारी संस्कृति और हमारा संविधान हमसे यही अपेक्षा करता है कि नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों को, अपने दायित्वों को हम पूरी ईमानदारी और पूरे समर्पण भाव से निभाएं। आजादी के 70 साल के दरम्‍यान हमने अधिकार... अधिकार... हमने बहुत सुना है। अधिकार के लिए लोगों को जागरूक भी किया है। और वो आवश्‍यक भी था। लेकिन अब अधिकार अकेला नहीं हर हिन्‍दुस्‍तानी का कर्तव्‍य भी उतना ही महत्‍वपूर्ण होना चाहिए। और इसी रास्ते पर चलते हुए हम भारत को विश्व पटल पर अपने स्वभाविक स्थान पर देख पाएंगे। यही स्वामी विवेकानंद की भी हर भारतवासी से अपेक्षा थी और यही इस संस्थान के भी मूल में है।

स्वामी विवेकानंद जी भी यही चाहते थे, वे भारत मां को भव्‍य रूप में देखना चाहते थे। और हम सब भी तो उन्‍हीं के सपनों को साकार करने के लिए संकल्‍प ले रहे हैं। आज फिर एक स्वामी विवेकानंद जी की पावन पर्व पर बेलुड़ मठ की इस पवित्र धरती पर पूज्‍य संतों के बीच बड़े मनोयोग से कुछ पल बिताने का मुझे सौभाग्‍य मिला। आज सुबह-सुबह बहुत देर तक पूज्‍य स्वामी विवेकानंद जी जिस कमरे में ठहरते थे वहां पर एक आध्‍यात्मिक चेतना है, स्‍पंदन है। उस माहौल के अंदर आज के प्रात: काल का समय मुझे बिताने का मेरे जीवन का बहुत अमूल्‍य समय था वो जो मुझे आज बिताने का मौका मिला। ऐसा अनुभव कर रहा था जैसे पूज्‍य स्वामी विवेकानंद जी हमसे और अधिक काम करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, नई ऊर्जा दे रहे हैं। हमारे अपने संकल्‍पों में नया सामर्थ्‍य भर रहे हैं और इसी भाव के साथ, इसी प्रेरणा के साथ, इसी नई ऊर्जा के साथ आप सब साथियों के उत्‍साह के साथ इस मिट्टी के आशीर्वाद के साथ मैं फिर एक बार आज यहां से उसी सपनों को साकार करने के लिए चल पड़ूंगा, चलता रहूंगा कुछ-न-कुछ करता रहूंगा... सभी संतों के आशीर्वाद बने रहें। आप सबको भी मेरी तरफ से अनेक-अनेक शुभकामनाएं हैं और स्‍वामी जी ने हमेशा कहा था सब कुछ भूल जाओ मां भारती को ही अपनी देवी मान करके उसके लिए लग जाओ उसी भाव को लेकर के आप मेरे साथ बोलेंगे.... दोनों मुट्ठी हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बोलिए...

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
10 big-bang policy moves Modi government made in 2024

Media Coverage

10 big-bang policy moves Modi government made in 2024
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
सोशल मीडिया कॉर्नर 27 दिसंबर 2024
December 27, 2024

Citizens appreciate PM Modi's Vision: Crafting a Global Powerhouse Through Strategic Governance