प्रधानमंत्री ने आज लेह में लेह-करगिल श्रीनगर ट्रांशमिशन लाइन की आधारशिला रखी। 245 किलोमीटर लंबी इस ट्रांसमिशन लाइन को बनाने में 1788 करोड़ रूपये की लागत आएगी। श्री नरेन्द्र मोदी ने सिंधु नदी पर 45 मेगावाट की निम्मो-बाजगो पनबिजली परियोजना को राष्ट्र को समर्पित किया।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि ये परियोजनाएं ऊर्जा के जरिए लद्दाख तथा जम्मू-कश्मीर को देश के अन्य भागों से जोड़ेगीं। प्रधानमंत्री ने विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि लद्दाख में काफी समय बाद बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए हैं। उन्होंने कहा कि वह लद्दाख की जनता का प्यार, स्नेह और शक्ति से भली भांति परिचित हैं। उन्होंने कहा कि वह लद्दाख की जनता द्वारा वर्षों तक दिये गये प्यार, स्नेह और सम्मान का ऋण चुकाएंगे। इससे लद्दाख को राष्ट्रीय विकास की मुख्यधारा में शामिल होने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा था जब अनेक वर्षों तक किसी प्रधानमंत्री ने यहां की यात्रा नहीं की थी लेकिन मैं यहां दो महीनें में दो बार आया हूं। यह आपका प्यार है जो मुझे यहां लाया है।
उन्होंने कहा कि प्रकाश, पर्यावरण और पर्यटन लद्दाख की वह शक्ति है जिससे कि न केवल जम्मू-कश्मीर बल्कि पूरे देश को लाभ होगा। प्रकाश यहां से अंधेरा दूर करेगा, पर्यावरण की सुरक्षा होगी और पर्यटकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लद्दाख के पास सौर ऊर्जा की अपार क्षमता है। उनकी सरकार यहां सौर ऊर्जा पार्क विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि लद्दाख जल्द ही अपनी सभी ऊर्जा आवश्यकताओं का उत्पादन करने लगेगा। प्रधानमंत्री ने सौर परियोजना के लिए 60 करोड़ रूपये की राशि को लेकर केन्द्र तथा राज्य सरकार के बीच मतभेद का जिक्र करते हुए 60 करोड़ रूपये की राशि माफ करने की घोषणा की।
देश के विकास के लिए आधारभूत संरचनाओं की आवश्यकता पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह रेल, सड़क, टेलीफोन और ऊर्जा के जरिए देश के सभी हिस्सों को एक दूसरे से जोड़ना चाहते हैं । उन्होंने कहा कि विकास के बारे में उनके विचार का उद्देश्य आमजन की जिंदगी में बदलाव लाना है।
हिमालयी राज्यों की विकास रणनीति की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों के पूरे देश के लिए विकास का मॉडल बनाने में सहायता मिलेगी। सरकार जम्मू-कश्मीर सहित देश के सभी भागों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री ने बताया की बजट में हिमालयी राज्यों के विकास के लिए अनेक कदमों की घोषणा की गई है । इसमें जैविक खेती भी है। जैविक खेती के लिए हम विश्व बाजार उपलब्ध कराएंगे। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की आय बढ़ेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमालय के प्राकृतिक तथा पर्यावरण संसाधनों के संरक्षण के लिए एक अंनुसंधान संस्थान स्थापित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य में केसर उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए मसाला विकास बोर्ड में केसर की नई इकाई बनायी जाएगी।
प्रधानमंत्री ने पशमिना को जम्मू-कश्मीर का गौरव बताते हुए कहा कि पशमिना उत्पादकों और कारिगरों के कौशल को बढ़ाने के लिए एक विशेष योजना शुरू की जाएगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में राज्य में चार महत्वपूर्ण सड़क परियोजनोओं की परिकल्पना की गई थी। इन परियोजनाओं की ऊंची लागत के बोझ को उठाने के लिए केन्द्र और राज्य तैयार नहीं थे। प्रधानमंत्री ने इन परियोजनाओं के लिए केन्द्र से आठ हजार करोड़ रूपये की अतिरिक्ति राशि देने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बिजली और पानी न केवल उद्योगों को देने के लिए प्रतिबद्ध है बल्कि साधारण लोगों की जिंदगी में बदलाव तथा युवाओं के कौशल विकास में मदद के लिए भी प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि विकास के लिए धन की कमी नहीं है लेकिन राशि का एक बड़ा हिस्सा भ्रष्टाचार में चला जाता है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पूरी शक्ति के साथ भ्रष्टाचार का मुकाबला करेगी।
इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल श्री एन. एन. वोहरा, मुख्यमंत्री श्री उमर अब्दुल्ला और ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल भी उपस्थित थे।