प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज पटना में विभिन्न विकास परियोजनाओं की शुरूआत की। उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना प्रारम्भ की, दनियावा-बिहार शरीफ रेलवे लाइन का उद्घाटन किया, राजगीर-बिहार शरीफ- दनियावां- फतुहा सवारी गाड़ी और पटना-मुम्बई वातानुकूलित सुविधा एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई, पटना में आईआईटी का स्थायी परिसर राष्ट्र को समर्पित किया, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स, पटना के लिए इनक्यूबेशन सेंटर प्रारम्भ किया एवं आधारशिला रखी और जगदीशपुर-हल्दिया पाइपलाइन परियोजना के प्रथम चरण के निर्माण का उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास गरीबी और बेरोजगारी से जुड़ी समस्त समस्याओं की दवाई है। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि अब इस बात पर आम सहमति है और विकास को लेकर राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा का माहौल बन रहा है। उन्होंने कहा कि सिर्फ राज्यों के विकास के जरिये ही भारत की प्रगति होगी और इसके लिए केंद्र और राज्यों को मिलकर कार्य करना होगा।
बुनियादी ढांचे के महत्व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज प्रारम्भ की गई गैस पाइपलाइन और रेल परियोजनाओं से विकास होगा और राज्य की जनता के जीवन स्तर में सुधार आएगा। उन्होंने कहा कि अगर भारत को तरक्की करनी है, तो पूर्वी भारत का विकास अनिवार्य है। उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से बिहार के लिए मंजूर की गई अनेक सड़क परियोजनाओं का भी उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आईआईटी पटना, जिसके नए परिसर का आज उद्घाटन किया गया है, उसे राज्य की विकास संबंधी जरूरतों को भी पूरा करना चाहिए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि चिकित्सा उपकरणों के लिए प्रारम्भ किए गए इनक्यूबेशन सेंटर से भारत में चिकित्सा उपकरण बनाने में सहायता मिलेगी जिससे वे आसानी से सभी को उपलब्ध हो सकेंगे।
इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल श्री केशरी नाथ त्रिपाठी, बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री श्री सुरेश प्रभु, श्री राम विलास पासवान, श्री रवि शंकर प्रसाद, श्री धमेंद्र प्रधान, श्री पीयूष गोयल, श्री उपेंद्र कुशवाहा और श्री राम कृपाल यादव उपस्थित थे।