प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज पूरे देश में कृषि क्षेत्र में मिट्टी की सेहत पर ध्यान देने का आह्वान किया, ताकि उत्पादकता बढ़ाई जा सके और समृद्धि लाई जा सके।
प्रधानमंत्री आज राजस्थान के सूरतगढ़ में केन्द्र सरकार की देशव्यापी मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का शुभांरभ कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गरीबी मिटाने के लिए कृषि महत्वपूर्ण है।
उन्होंने वन्दे मातरम गान की चर्चा करते हुए कहा कि भूमि को सुजलाम-सुफलाम बनाने के लिए मिट्टी का पोषण आवश्यक है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना इस दिशा में लाई गई है।
प्रधानमंत्री ने मिट्टी के नियमित परीक्षण का आह्वान करते हुए कहा कि छोटे शहरों में भी उद्यमी मृदा परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित कर सकते हैं।
उन्होंने मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना और हाल में लांच की गई 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं' योजना को पूरे देश के लिए प्रासंगिक बताया। उन्होंने कहा कि इसीलिए उन्होंने हरियाणा में 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं' योजना लांच की थी और अब राजस्थान में यह योजना लांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बेटी और धरती मां दोनों को बचाना आवश्यक है।
प्रधानमंत्री ने पानी के महत्व की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि पानी का इस्तेमाल किफायती रूप में करना आवश्यक है और एक भी बूंद पानी की बरबाद नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पानी की अधिकता और अभाव दोनों खतरनाक हैं। इसलिए कृषि के लिए मूल है- बूंद-बूंद पानी। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने सभी राज्यों से कहा है कि नीति आयोग के तत्वाधान में सभी राज्य अपने-अपने यहां की कृषि योजनाएं प्रस्तुत करें।
अगले तीन वर्षों में 14 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किये जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों और प्रगतिशील किसानों की अगुवाई में पंजाब, ओडिशा, मेघालय, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, असम, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और गुजरात के सरकारी अधिकारियों को कृषि कर्मण पुरस्कार दिए। प्रधानमंत्री ने कृषि मंत्रियों की अगुवाई में अरूणाचल प्रदेश, नगालैंड, महाराष्ट्र, झारखंड और कर्नाटक के अधिकारियों को प्रशस्ति पुरस्कार दिए।
इस अवसर पर राजस्थान के राज्यपाल श्री कल्याण सिंह, राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे, पंजाब के मुख्यमंत्री श्री प्रकाश सिंह बादल और केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री राधामोहन सिंह उपस्थित थे।