प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वाराणसी में महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता कार्यक्रमों की शुरूआत की। इस कार्यक्रम के तहत 101 ई-रिक्शा, 501 पैडल रिक्शा और हाथगाड़ी वितरित किए गए। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत लाभकर्ताओं को बैंक खाते और रुपे कार्ड वितरित किए जाएंगे। इस योजना के तहत दिए जा रहे ई-रिक्शा डिजिटल उपकरणों जैसे जीपीआरएस और कैमरे से लैस होंगे।
इन कार्यक्रमों के लिए विभिन्न वित्तीय संस्थाओं जिसमें सिडबी, आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक और अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन के बीच समन्वित प्रयास किए गए हैं। कार्यक्रम के दौरान इन संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इस कार्यक्रम से एक शुरूआत हुई है जिससे वाराणसी के लोगों के भाग्य में बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि गरीबी को खत्म करने के लिए काफी कुछ कहा गया है, लेकिन इन प्रयासों से कई दशकों तक पर्याप्त परिणाम नहीं मिले हैं। हमें गरीबी का उन्मूलन करने के लिए इन कार्यक्रमों की गति और स्तर बढ़ाने की आवश्यकता है। निर्धन व्यक्ति अपनी आने वाली पीढ़ियों का जीवन स्तर सुधारने के लिए कठिन परिश्रम करने के लिए तैयार है। इस संबंध में केन्द्र सरकार कौशल विकास पर विशेष ध्यान दे रही है, ताकि निर्धनों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने रिक्शा और हाथगाड़ी प्राप्त करने वाले लोगों से बातचीत की। उन्होंने लोगों के साथ अपने सपने साझे किए, जिसमें उनके बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा और हाथगाड़ी की मदद से अधिक बिक्री के कारण आय में वृद्धि जैसी बातें सम्मिलित थीं।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने हाल ही में रक्षा बंधन के अवसर पर वाराणसी से बड़ी संख्या में प्राप्त राखियों का जिक्र करते हुए वाराणसी की मां और बहनों का उनके आशीर्वाद और शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद दिया।