प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने राज्‍यसभा से सेवानिवृत्‍त हो रहे सदस्‍यों को विदाई दी
सेवानिवृत्‍त हो रहे सदस्‍यों द्वारा साझा किये गये ज्ञान और अनुभव से देश को लाभ मिला है: प्रधानमंत्री मोदी
मैं आशा करता हूँ कि सेवानिवृत्‍त हो रहे सदस्‍यों के अनुभव और ज्ञान से राष्‍ट्र हमेशा लाभान्वित होता रहेगा: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज राज्‍यसभा सदस्‍यों के साथ सदन से सेवानिवृत्‍त हो रहे सदस्‍यों को विदाई दी।

इस अवसर पर उन्‍होंने कहा कि आज सेवानिवृत्‍त हो रहे सदस्‍यों द्वारा साझा किये गये ज्ञान और अनुभव से देश लाभान्वित हुआ है। उन्‍होंने कहा कि राज्‍यसभा, सदस्‍यों का दृष्टिकोण बढ़ाने और ज्ञान को व्‍यापक बनाने में मदद करती है। उन्‍होंने कहा कि इस अनुभव से वे समृद्ध होते हैं और यह पूंजी राष्‍ट्र तथा समाज के लिए है।

उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की कि सेवानिवृत्‍त हो रहे सदस्‍यों के अनुभव और ज्ञान से राष्‍ट्र हमेशा लाभान्वित होता रहेगा।

उन्‍होंने कहा कि आज जिन सदस्‍यों का कार्यकाल आज समाप्‍त हो रहा है वे कई महत्‍वपूर्ण फैसलों में शामिल थे। उन्‍होंने कहा कि यह बेहतर होता कि राज्‍यों के लिए अधिक लाभदायक दो और फैसलों के समय ये सदस्‍य सदन में उपस्थित होते। उन्‍होंने कहा कि इनमें से एक वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक और दूसरा प्रतिपूरक वनीकरण निधि विधेयक है, जिसके तहत वनीकरण के लिए राज्‍यों को बड़ी निधि आवंटित की जायेगी।

प्रधानमंत्री ने सेवानिवृत्‍त हो रहे सदस्‍यों के कल्याण की कामना की और सरकार की तरफ से उनके सहयोग के लिए आभार व्‍यक्‍त किया।

राज्य सभा के सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों की विदाई के अवसर पर प्रधानमंत्री का संबोधन :

आदरणीय सभापति जी,

राज्‍यसभा को एक विशेष लाभ है जो लोकसभा को नहीं है और वो ये है कि हम ही हमारे बीच अपनों को विदाई भी दे पाते हैं, स्‍वागत भी कर पाते हैं। वो सौभाग्‍य लोकसभा को नहीं है और इस सदन की शुभकामनाएं, यहां से जो निवृत्‍त हो करके जाते हैं, उनको निवृत्‍त होने के लिए नहीं, अधिक प्रवृत्‍त होने की प्रेरणा देती हैं, ताकत देती है। मैं भी उन सबका आभार व्‍यक्‍त करता हूं कि जिन्‍होंने गत 6 वर्ष दो सरकारों के साथ अपनी जिम्‍मेवारियां निभाईं, अपनी भूमिका अदा की और राष्‍ट्रहित के महत्‍वपूर्ण निर्णयों में उन्‍होंने अपने ज्ञान का, अनुभव का और क्षेत्र विशेष की आवश्‍यकताओं का लाभ हम सबको पहुंचाया| और दोनों सरकारों को आपके अनुभव का लाभ मिला है। इस सरकार को कम मिला, पुरानी वाली सरकार को ज्‍यादा मिला लेकिन देश को पूर्ण रूप में आपका लाभ मिला है।

यहां जब हम आते हैं तब हमारी अपनी एक विचारों की सीमा रहती है। यहां देश के हर कोने से, हर प्रकार के पार्श्‍व भूमि के लोगों के साथ बैठने से विचार-विमर्श करने से हमारा अपना भी सोचने का दायरा बहुत विशाल हो जाता है और एक प्रकार से सदन में आते समय हम जो थे, सदन से जाते समय हम बहुत कुछ और होते हैं और ये जो बहुत कुछ और होते हैं, वो राष्‍ट्र की समाज की पूंजी बनता है। मैं समझता हूं कि सदन ने हमें बड़ा बनाने में, हमारे ज्ञानवर्द्धन में, हमारे vision के विस्‍तार के लिए बहुत बड़ी अहम भूमिका निभाई है, हर साथियों ने भूमिका निभाई है। और उस महान सम्‍फुट को ले करके हम जा रहे हैं तो जाने के बाद भी क्षेत्र विशेष के लिए, समस्‍या विशेष के लिए और राष्‍ट्र के लिए आपका अनुभव काम आता रहेगा। मेरी आप सबको हमेशा-हमेशा बहुत शुभकामनाएं रहती हैं और रहेंगी।

सदन से जाने के बाद ये सरकार आपके लिए उसी प्रकार से काम करने के लिए तत्‍पर रहेगी जिस प्रकार से एक सदस्‍य के तौर पर आपका हक बनता है और इसलिए जाने के बाद भी जहां तक सरकार का मसला है, आपका वैसा ही हक बना रहेगा, और मैं भी चाहूंगा कि आप इस हक का भरपूर लाभ उठाएं और समाज की सेवा में आपकी शक्ति, योगदान मिलता रहे।

कई महत्‍वपूर्ण निर्णयों में आपका योगदान रहा है। आप अब जब विदाई दे रहे हैं उसी के कालखंड का सत्र हम देखें तो महत्‍वपूर्ण reform के निर्णय आपकी मौजूदगी में, आपकी पार्टनरशिप में, आपकी intervention से हुए हैं। बड़े महत्‍वपूर्ण निर्णय हुए हैं लेकिन मुझे हमेशा क्‍योंकि आप state को represent करते हैं, उस state के हित, वो आपकी प्राथमिकता रहनी भी चाहिए और रहती भी है। दो चीजों का गिला-शिकवा आपके मन में जरूर रहेगा। राज्‍य के रूप में जब देखें तो अच्‍छा होता आपके रहते, आपकी मौजूदगी में, दो ऐसे निर्णय होते तो जिस राज्‍य को आप represent करते हैं वो राज्‍य आपके प्रति हमेशा-हमेशा गर्व अनुभव करता।

एक GST, ताकि जो बिहार से यहां आते हैं। GST से बिहार का भरपूर लाभ होने वाला था, यूपी को भरपूर लाभ होने वाला था। एक या दो राज्‍य को छोड़ करके सब राज्‍यों को भरपूर फायदा होने वाला था और इस सदन में आए हुए लोगों का ये दायित्‍व बनता था और ये गर्व है कि अब आपको वो मौका नहीं मिला है। लेकिन आप में से जो वापिस आएंगे मुझे विश्‍वास है उनको ये अवसर मिलेगा और जिस राज्‍य से आएंगे उस राज्‍य की भलाई का एक महत्‍वपूर्ण काम आपके हाथों से होगा जो वापिस आएंगे।

दूसरा महत्‍वपूर्ण काम जो मैं मानता हूं वो है CAMPA का। अगर हमने इस बार उसका निर्णय किया होता तो राज्‍यों को, CAMPA, 42,000 crore rupees राज्‍यों को मि‍लने वाले थे और करीब-करीब एक-एक राज्‍य को दो हजार-तीन हजार करोड़ रुपए के आसपास पैसे मि‍लने वाले थे और ये पैसे.. दो हजार-तीन हजार करोड़ रुपए कम रकम नहीं होती है। ये forestry के लि‍ए मि‍लने वाले थे और ये वर्षा के season में ये पैसे सर्वाधि‍क काम आ सकते थे। अच्‍छा नि‍र्णय होना था लेकि‍न शायद इस बार नहीं हो पाया। वर्षा का season चला जाएगा, 4-6 महीने और इंतजार करना पड़ेगा लेकि‍न ये राज्‍यों की भलाई का सीध-सीधा काम रह गया।

मैं मानता हूं कि‍आप जहां भी होंगे, आप शुभकामनाएं देते रहि‍ए, प्रयास करते रहि‍ए ताकि‍राज्‍यों को जो लाभ पहुंचाने का काम ये सदन कर सकता है, वो शायद और सदन कम कर सकता है। मुझे वि‍श्‍वास है कि‍आपकी शक्‍ति‍, आपका अनुभव इसलि‍ए भी काम आएगा।

मैं फि‍र एक बार हृदय की गहराई से आप सब को, जो आज नि‍वृत्‍त हो रहे हैं, अधि‍क प्रवृत्‍त होने के रास्‍ते पर जा रहे हैं, उनको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं और आपके सहयोग के लि‍ए सरकार की तरफ से मैं आपका बहुत-बहुत आभार व्‍यक्‍त करता हूं।

धन्‍यवाद।

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प्रधानमंत्री 24 नवंबर को 'ओडिशा पर्व 2024' में हिस्सा लेंगे
November 24, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 24 नवंबर को शाम करीब 5:30 बजे नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 'ओडिशा पर्व 2024' कार्यक्रम में भाग लेंगे। इस अवसर पर वह उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।

ओडिशा पर्व नई दिल्ली में ओडिया समाज फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसके माध्यम से, वह ओडिया विरासत के संरक्षण और प्रचार की दिशा में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने में लगे हुए हैं। परंपरा को जारी रखते हुए इस वर्ष ओडिशा पर्व का आयोजन 22 से 24 नवंबर तक किया जा रहा है। यह ओडिशा की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करते हुए रंग-बिरंगे सांस्कृतिक रूपों को प्रदर्शित करेगा और राज्य के जीवंत सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक लोकाचार को प्रदर्शित करेगा। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख पेशेवरों एवं जाने-माने विशेषज्ञों के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय सेमिनार या सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।