प्रधानमंत्री ने इन प्रतिनिधियों से टीकों के बारे में जागरूकता फैलाने और टीका लगाने को लेकर लोगों में झिझक से निपटने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया
महामारी के दौरान प्रदान की गई सहायता ‘एक भारत-एकनिष्ठ प्रयास’ का एक उत्‍कृष्‍ट उदाहरण है: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने इन प्रतिनिधियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि हर कोई ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ का हिस्सा बने
देश की आजादी के 75 वर्ष के अवसर पर आइए हम सभी ‘भारत जोड़ो आंदोलन’ के जरिए देश को एकजुट करने की दिशा में काम करें: प्रधानमंत्री
इन प्रतिनिधियों ने सबसे आगे रहकर कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया; कोविड-19 की तीसरी लहर को रोकने के लिए हरसंभव सहयोग दें

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 से जुड़ी स्थिति पर चर्चा करने के लिए धार्मिक और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बातचीत भी देशहित में समाज और सरकार द्वारा साथ मिलकर काम करने का अच्छा उदाहरण है। उन्होंने कोविड-19 की चुनौतियों से निपटने में इन संगठनों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जाति और धर्म पर बिना विचार किए लोगों को मदद दी गई तथा यह ‘एक भारत – एकनिष्ठ प्रयास’ का श्रेष्ठ उदाहरण है। पूरे देश में मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारा महामारी के दौरान अस्पताल और आइसोलेशन केन्द्र बन गए। इसके साथ ही इन धार्मिक स्थलों के द्वारा जरूरतमंदों को भोजन और दवाएं उपलब्ध कराई गई।

प्रधानमंत्री ने पूरे देश में टीकाकरण अभियान के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ‘सबको वैक्सीन, मुक्त वैक्सीन’ एक सुरक्षा कवच के समान है। उन्होंने धार्मिक और समुदाय के नेताओं से सरकार के प्रयासों में शामिल होने का आग्रह किया, ताकि टीकाकरण के प्रति जागरूकता को बढ़ाया जा सके तथा वैक्सीन को लेकर अफवाहों और दुविधाओं का मुकाबला किया जा सके। उन्होंने विशेषकर उन क्षेत्रों में सरकार के साथ प्रयास करने का आग्रह किया, जहां लोगों में वैक्सीन के प्रति झिझक अधिक है। इससे हमारे स्वास्थ्यकर्मियों को प्रत्येक नागरिक तक पहुंचने में बहुत सहायता मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने इन लीडर्स से स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के जलसे का हिस्सा बनने के लिए भी कहा। उन्होंने उन सबसे कहा कि वे सुनिश्चित करें कि हर कोई 'आजादी के अमृत महोत्सव' का हिस्सा बने। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस अवसर पर हमें 'भारत जोड़ो आंदोलन' के जरिए पूरे देश को एकजुट करने की दिशा में काम करना चाहिए और 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की सच्ची भावना का प्रदर्शन करना चाहिए।

इस बातचीत में केंद्रीय धार्मिक जन मोर्चा के संयोजक और जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष प्रो. सलीम इंजीनियर; भारतीय सर्व धर्म संसद, उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय संयोजक महा ऋषि पीठाधीश्वर गोस्वामी सुशील महाराज; नई दिल्ली के ओंकार धाम के पीठाधीश्वर स्वामी ओंकारानंद सरस्वती; गुरुद्वारा बंगला साहिब, नई दिल्ली के प्रमुख ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी रणजीत सिंह; नई दिल्ली के इंस्टिट्यूट ऑफ हार्मनी एंड पीस स्टडीज़ के संस्थापक निदेशक डॉ. एम डी थॉमस; अखिल भारतीय रविदासिया धर्म संगठन के अध्यक्ष स्वामी वीर सिंह हितकारी; गलता पीठ, जयपुर के स्वामी संपत कुमार; अंतर्राष्ट्रीय महावीर जैन मिशन, नई दिल्ली के अध्यक्ष आचार्य विवेक मुनि; नई दिल्ली में लोटस टेंपल और भारतीय बहाई समुदाय के राष्ट्रीय ट्रस्टी व सचिव डॉ. ए. के. मर्चेंट; रामकृष्ण मिशन, नई दिल्ली के अध्यक्ष स्वामी शांतात्मानंद; और सिस्टर ओम शांति रिट्रीट सेंटर, हरियाणा की सिस्टर बी. के. आशा ने हिस्सा लिया।

इन लीडर्स ने इस बातचीत का आयोजन करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में उनके निर्णायक नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कोविड-19 से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संगठनों द्वारा किए गए अनुकरणीय कार्यों के बारे में बातें कीं। उन्होंने अभी चल रहे टीकाकरण अभियान के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अपना समर्थन दिया और तीसरी लहर को रोकने के लिए अपने विचार और सुझाव दिए।

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