भारत सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है और यह 2030 तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो सकती है: प्रधानमंत्री मोदी
ऊर्जा, सामाजिक-आर्थिक वृद्धि का प्रमुख चालक है, ऊर्जा न्याय मेरे लिए भी एक प्रमुख उद्देश्य है और भारत के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है: पीएम मोदी
सौभाग्य योजना के तहत इस साल देश में 100 प्रतिशत घरों में बिजली पहुंचाई जानी है, एलईडी बल्बों के वितरण से एक साल में 17,000 करोड़ रुपए यानी 2.5 अरब डॉलर की बचत हुई: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोयडा स्थित इंडिया एक्सपो सेंटर में भारत के प्रमुख हाइड्रोकार्बन सम्मेलन 13वें पेट्रोटेक-2019 का उद्घाटन किया।

अपने उद्घाटन भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा कि सामाजिक-आर्थिक विकास में ऊर्जा की अहम भूमिका होती है। उन्होंने कहा, ‘अर्थव्यवस्था के तेज विकास के लिए उचित मूल्य, स्थिर और सतत ऊर्जा आपूर्ति आवश्यक होती है। इससे आर्थिक लाभ में हिस्सेदारी के लिए समाज के निर्धन और वंचित वर्गों को सहायता भी मिलती है।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि ऊर्जा खपत पश्चिम से पूर्व की तरफ आ गई है और शेल क्रांति के बाद अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा तेल और गैस उत्पादक देश बन गया। बहरहाल, सस्ती नवीकरणीय ऊर्जा, प्रौद्योगिकियों और डिजिटल सुविधाओं के बढ़ने के संकेत मौजूद हैं, जिनसे सतत विकास लक्ष्य प्राप्त करने में तेजी आएगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समय जिम्मेदार मूल्य निर्धारण की जरूरत है, ताकि उत्पादक और उपभोक्ता के हितों के बीच संतुलन स्थापित हो सके। उन्होंने कहा कि हमें तेल और गैस दोनों के लिए पारदर्शी और लचीले बाजारों की तरफ बढ़ना होगा। तब हम आदर्श तरीके से लोगों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में सफल होंगे।

जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का मिलकर सामना करने के लिए विश्व समुदाय का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पेरिस में सीओपी-21 के जो लक्ष्य हमने अपने लिए तय किए थे, उन्हें हासिल किया जा सकता है। इस संबंध में उन्होंने उल्लेख किया कि भारत अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री ने ऊर्जा सेक्टर में महामहिम डॉ. सुल्तान अल जाबिर को उनके योगदान और भावी दृष्टि के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि उद्योग 4.0 द्वारा नई प्रौद्योगिकी और प्रक्रियाओं के जरिए उद्योग संचालन में बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि हमारी कंपनियां अपनी कुशलता में सुधार करने, सुरक्षा बढ़ाने और लागत घटाने के लिए नई प्रौद्योगिकियां अपना रही हैं।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि लोगों को साफ, सस्ती और सतत ऊर्जा आपूर्ति होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम अधिक ऊर्जा उपलब्धता के दौर में प्रवेश कर रहे हैं, परंतु अफसोस इस बात का है कि दुनिया में एक अरब से अधिक लोग अब भी बिजली से दूर हैं। ऐसे तमाम लोग मौजूद हैं, जिनकी पहुंच साफ ईंधन तक नहीं है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा सुगमता के इन मुद्दों को हल करने के लिए भारत ने बढ़त हासिल कर ली है।

श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेज बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है और वह 2030 तक दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। इसी तरह वह दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता बन सकता है। उन्होंने कहा कि 2040 तक ऊर्जा की मांग दुगुनी होने की संभावना है, जिसके मद्देनजर भारत ऊर्जा कंपनियों के लिए आकर्षक बाजार बना हुआ है।

प्रधानमंत्री ने दिसंबर, 2016 में आयोजित पिछले पेट्रोटेक सम्मेलन को याद किया, जिसमें उन्होंने उल्लेख किया था कि भारत के ऊर्जा भविष्य के चार स्तंभ हैं- ऊर्जा सुगमता, ऊर्जा कुशलता, ऊर्जा निरंतरता और ऊर्जा सुरक्षा। ऊर्जा न्याय भी अब एक प्रमुख लक्ष्य है और भारत में इसे उच्च प्राथमिकता दी जाती है। उन्होंने कहा, ‘इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमने कई नीतियों को विकसित और कार्यान्वित किया है। इन प्रयासों के नतीजे अब सामने आ रहे हैं। बिजली हमारे सभी ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच चुकी है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि ऊर्जा न्याय तभी हासिल किया जा सकता है, जब लोग अपनी सामूहिक शक्ति में विश्वास करें।

‘ब्लू फ्लेम’ क्रांति की प्रगति की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि एलपीजी दायरा अब 90 प्रतिशत से अधिक हो चुका है, जबकि 5 वर्ष पहले वह 55 प्रतिशत था। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 5 वर्षों के दौरान भारत के तेल और गैस सेक्टर में कई सुधार हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत दुनिया में चौथा सबसे बड़ा तेल शोधक क्षमता वाला देश है। वर्ष 2030 तक इस क्षमता में इजाफा होकर यह 200 मिलियन मिट्रिक टन हो जाएगा।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत गैस आधारित अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। 16,000 किलोमीटर से अधिक लंबी गैस पाइपलाइन का निर्माण हो चुका है और अतिरिक्त 11,000 किलोमीटर पर काम चल रहा है। शहरी गैस वितरण के लिए बोली के 10वें दौर के दायरे में 400 से अधिक जिले हैं तथा हमारी 70 प्रतिशत आबादी तक शहरी गैस वितरण का दायरा पहुंच रहा है।

पेट्रोटेक-2019 में तेल और गैस सेक्टर के दिग्गज हिस्सा ले रहे हैं। सदी के अंतिम 25 सालों के दौरान ऊर्जा सेक्टर की चुनौतियों और उनके समाधान पर चर्चा करने के लिए पेट्रोटेक ने एक शानदार मंच के रूप में काम किया है। पेट्रोटेक से ऊर्जा सेक्टर के भविष्य पर विचार करने का अवसर मिलता है और वह इस बात पर विचार करने का मंच प्रदान करता है कि ऊर्जा सेक्टर में भावी निवेश और बाजार स्थिरता के लिए नीतियां और नई प्रौद्योगिकियां कैसे बनाई जाएं।

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Prime Minister Shri Narendra Modi paid homage today to Mahatma Gandhi at his statue in the historic Promenade Gardens in Georgetown, Guyana. He recalled Bapu’s eternal values of peace and non-violence which continue to guide humanity. The statue was installed in commemoration of Gandhiji’s 100th birth anniversary in 1969.

Prime Minister also paid floral tribute at the Arya Samaj monument located close by. This monument was unveiled in 2011 in commemoration of 100 years of the Arya Samaj movement in Guyana.