भारतीय राजस्व सेवा के 167 प्रशिक्षु अधिकारियों ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की।
भारतीय राजस्व सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री ने उनसे भारत की जनता का भरोसा जीतने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसा वे अपने कार्यों के द्वारा कर सकते हैं। श्री मोदी ने कहा कि देश के अधिकतर लोग कानून का पालन करते हैं और वे देशहित में कानूनों के पालन की इच्छा भी रखते हैं। उन्होंने कहा कि ईमानदारी से टैक्स चुकाने वालों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि, सरकार की राजस्व नीति पर अधिकारीगण अमल करते हुए अपने कर्तव्यों का ही निर्वहन करते हैं।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार की सभी जनोन्मुखी पहलों का लाभ प्राथमिकता के आधार पर जनता तक पहुंचे।
युवा प्रशिक्षु अधिकारियों के सवालों का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अधिकारियों को महसूस करना चाहिए कि इस देश का हर नागरिक उनके परिवार का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी भावना रहेगी तो अधिकारीगण जोश और उत्साह के साथ अपना कार्य करेंगे तथा वे थकान से दूर रहेंगे।
45 मिनट के अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने अपने जीवन और अपने राजनैतिक अनुभवों के कई उदाहरणों को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि लोक सेवकों के लिए यह जरूरी है कि वे संवेदनशीलता और मानवीय मूल्यों के महत्व को समझें।