प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शपथपत्रों के इस्तेमाल को कम करके इसकी जगह स्व–प्रमाणन को अपनाने के लिए बल दिया है, ताकि आम नागरिकों को लाभ मिल सके।
नागरिकों के लाभ को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों तथा राज्य सरकारों से आग्रह किया गया है कि वे शपथपत्रों के स्थान पर दस्तावेजों के स्व-प्रमाणन का प्रावधान करें, जहां कानूनी बाध्यता न हो।
दस्तावेजों को राजपत्रित अधिकारी द्वारा सत्यापित करने के स्थान पर नागरिकों द्वारा स्व-प्रमाणन को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया जा रहा है। स्व-प्रमाणन प्रक्रिया के तहत मिलान के लिए मूल दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।
ज्ञात हो कि फर्जी स्व-प्रमाणन के मामले में भारतीय दण्ड संहिता के प्रावधान लागू होंगे।