प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ यानी वर्ष 2022 तक स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सपनों के भारत का निर्माण करने के लिए आज राज्य सरकारों से केंद्र सरकार के साथ 'टीम इंडिया' की तरह काम करने काआह्वान किया। नीति आयोग की गर्वनिंग काउंसिल की तीसरी बैठक में समापन भाषण देते हुए उन्होंने राज्यों से अनुरोध किया कि स्थानीय सरकारें और सभी सरकारी एवं गैर सरकारी संगठन वर्ष 2022 के लिए लक्ष्य निर्धारितकरें और इसे प्राप्त करने के लिए मिशन मोड में काम करें।
आज की बैठक में हुई चर्चा को रचनात्मक बताते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां प्रसारित किया गया दृष्टिपत्र एक मसौदा है और इसे अंतिम रूप देने से पहले राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा दिए गए सभी सुझावों का इसमें ध्यानरखा गया है। उन्होंने सुशासन पर जोर देते हुए कहा कि इससे संसाधनों का अधिकतम उपयोग होता है, तब भी जब वे वांछित से कम होते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कई मुख्यमंत्रियों ने क्षेत्रीय असंतुलन का विषय उठाया था।उन्होंने सहमति जताई कि इस विषय पर राष्ट्रीय स्तर पर और राज्यों के अंदर, प्राथमिकता से काम करना होगा।
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निमंत्रण को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि राज्यों को वहां कार्यक्रमों का आयोजन करना चाहिए। उन्होंने जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री के उस सुझाव को भीअनुमोदित किया कि राज्यों को उन राज्यों में भी रुचि लेनी चाहिए जहां उनके राज्य के छात्र पढ़ रहे हैं। उन्होंने राज्यों से समय-समय पर इन छात्रों तक पहुंचने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने इस बात को भी दोहराया कि जीएसटी के लिए राज्य स्तर पर विधायी व्यवस्था में कोई देरी नहीं होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने सरकारी खरीद में भ्रष्टाचार कम करने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए राज्य सरकारों को जीईएम प्लेटफार्म - सरकारी ई-मार्केटप्लेस का इस्तेमाल करने को कहा। उन्होंने कहा कि बीएचआईएम और आधार जैसीप्रौद्योगिकी के परिमाणस्वरूप राज्यों को महत्वपूर्ण बचत होगी।
श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिला खनिज कोष, सीएएमपीए कोष और निर्माण श्रमिक कल्याणकारी कोष राज्य के संसाधनों को महत्वपूर्ण बढ़ावा देंगे। उन्होंने राज्यों द्वारा इस तरह के कोषों का बेहतर इस्तेमाल करने के लिएनीति आयोग से योजना तैयार करने को कहा है।
प्रधानमंत्री ने राज्यों से 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' पहल में शामिल होने का अनुरोध किया। इस पहल को गत वर्ष सरदार पटेल की जयंती पर शुरू किया गया था। उन्होंने कहा कि भारत की समृद्ध संस्कृति और विरासत की अबअनदेखी नहीं की जानी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्यों के चुनाव एक साथ कराने के विषय पर एक रचनात्मक चर्चा शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि लंबे समय तक भारत आर्थिक और राजनीतिक कुप्रबंधन से पीड़ित रहा है। उन्होंने कहा किखराब समय प्रबंधन के कारण, कई अच्छी पहल और योजनाएं अनुमानित परिणाम देने में असफल रही हैं। उन्होंने एक ऐसी मजबूत व्यवस्था विकसित करने की जरूरत पर बल दिया जो विविधता के बीच काम कर सके।
प्रधानमंत्री ने बजट पेश करने की तारीख आगे बढ़ाने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि ऐसे देश में, जहां कृषि से होने वाली आय बहुत महत्वपूर्ण है वहां वर्ष के लिए कृषि आय प्राप्त होने के तुरंत बाद बजट तैयार करना चाहिए।उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष को जनवरी से दिसंबर तक करने के लिए सुझाव दिए गए हैं। उन्होंने राज्यों से इस संबंध में पहल करने का आग्रह किया।
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