प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना की सफल शुरुआत के लिए बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों के उल्लेखनीय कार्य की सराहना की है।
प्रधानमंत्री ने एक ई-मेल में लिखा है कि वह इस योजना को अब तक मिले अभूतपूर्व जन समर्थन से अभिभूत हैं। इस योजना की शुरुआत के पहले पांच सप्ताह में ही पांच करोड़ से ज्यादा बैंक खाते खोले जा चुके हैं, जबकि योजना के पहले वर्ष में 7.5 करोड़ खाते खोले जाने का लक्ष्य है।
श्री मोदी ने कहा, ‘यह सफलता आपके परिश्रम और प्रतिबद्धता की बदौलत मिली है। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि देश में एक भी नागरिक खाते के बिना नहीं रहना चाहिए। मेरा हमेशा से विश्वास रहा है कि हम अपनी अदम्य निष्ठा और परिश्रम से किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। आपने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम जब यहां से आगे बढ़ेगें तो यह यात्रा कठिन हो जायेगी और लक्ष्यों को पाना भी मुश्किल होता जाएगा। उन अंतिम नागरिकों तक पहुंचना भी और ज्यादा कठिन हो जायेगा जिनका बैंक खाता नहीं है। हमें हर नागरिक तक पहुंचने के अपने प्रयासों को कमजोर नहीं पड़ने देना चाहिए।’
श्री मोदी ने कहा, ‘यह उचित समय है कि हम अपनी योजना में जरूरी मध्यावधि संशोधन कर लें। नए खाता धारकों में वित्तीय समझ पैदा करने के लिए अनेक प्रयास करने होंगे। नए खातों को प्रचलन और उचित उपयोग में रखना होगा। आधार नंबर को बैंक खातों से जोड़ना होगा। इन्टरनेट के माध्यम से अपने ग्राहक को जानने (ऑनलाइन-केवाईसी) जैसी सुविधाओं का उचित उपयोग करना होगा। बैंक शाखाओं और बैंक मित्रों को नियमित रूप से खाता धारकों तक पहुंचने के लिए सक्रिय भूमिका निभानी होगी।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आपके उत्साह और प्रतिबद्धता से मैं आश्वस्त हूं कि हम प्रधानमंत्री जन-धन योजना के निर्धारित लक्ष्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त कर लेंगे।’
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प्रधानमंत्री कार्डिनल और बिशप सहित ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं से बातचीत करेंगे
यह पहली बार होगा, जब कोई प्रधानमंत्री भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेंगे
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 23 दिसंबर को शाम 6:30 बजे नई दिल्ली स्थित सीबीसीआई सेंटर परिसर में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में भाग लेंगे।
प्रधानमंत्री ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं के साथ बातचीत करेंगे, जिनमें कार्डिनल, बिशप और चर्च के प्रमुख नेता शामिल होंगे।
यह पहली बार होगा, जब कोई प्रधानमंत्री भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेंगे।
कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) की स्थापना 1944 में हुई थी और ये संस्था पूरे भारत में सभी कैथोलिकों के साथ मिलकर काम करती है।