प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा है कि शहरों की शासन प्रणाली का पुनर्निर्माण शहरी विकास मंत्रालय के दृष्टिकोण का प्रमुख बिदुं होना चाहिए। प्रधानमंत्री शहरी विकास से जुडे मुद्दों पर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
प्रधानमंत्री ने इस अभियान को पूर्ण करने के लिए देश में शहरी शासन प्रणाली के स्तर को क्रमबद्ध रूप से उन्नत करने के लिए अधिकारियों को दिए जाने वाले विशेष प्रशिक्षण को संस्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रधानमंत्री ने डिजिटल इंडिया अभियान और शहरी पुनर्निर्माण अभियान के बीच तालमेल पर ध्यान दिलाते हुए कहा कि इसमें मोबाइल शासन, ई-गवर्नेंस, अपशिष्ट प्रबंधन और पेयजल अपवयन आदि को भी शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन विषयों पर गहन विचार-विमर्श की आवश्यकता है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के प्रशिक्षण में शहरी प्रशासन पर विशेष पाठ्यक्रम होना चाहिए।
श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इन लक्ष्यों के स्पष्ट हो जाने के बाद सामान्य तौर पर सार्वजनिक निजी भागीदारी पर आधारित इन कार्यक्रमों को राज्यों के साथ समन्वय और विचार-विमर्श द्वारा क्रियान्वित किया जाना चाहिए। साथ ही इसके लिए मानव संसाधनों का अनुमान और कुशल व्यक्तियों का चयन भी किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने देश के पांच सौ शहरों में अपशिष्ट प्रबंधन और पेयजल अपवयन से संबंधित अपने दृष्टिकोण का विवरण भी प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि जैविक उर्वरकों की आसानी से उपलब्धता के कारण शहरों के आस-पास के क्षेत्रों में जैविक खेती विशेषतौर पर सब्जियों की खेती को बढ़ावा मिलेगा। इससे शहरों को प्रचुर मात्रा में सब्जियां उपलब्ध होंगी, जिससे महंगाई में कमी आएगी और स्वास्थ्य एवं पर्यटन क्षेत्रों को इसका फायदा मिलेगा।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान को शहरी विकास से जोड़ा जाना चाहिए ताकि शहरों में पूर्ण स्वच्छता प्रवृत्ति को बढ़ावा दिया जा सके।
विरासत शहरों पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने ह्दय-विरासत शहर विकास और संवर्धन योजना के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि किसी भी शहर की धरोहर का संरक्षण करते समय इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि लोगों को आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हों। प्रधानमंत्री ने कहा कि सांस्कृतिक धरोहरों से संपन्न शहर पर्यटन के लिए चुंबक का काम कर सकते हैं।
श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ दिल्ली का आह्वान करते हुए कहा कि यदि इस लक्ष्य को प्राप्त किया जाए तो यह देश की छवि के साथ-साथ स्वच्छ भारत अभियान का सफलता पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा। शहरी विकास से जुड़े मामलों पर आयोजित इस उच्च स्तरीय बैठक में केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री श्री वेंकैया नायडू और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।