प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार शाम जम्मू कश्मीर में राहत कार्यों की समीक्षा के लिए उच्चस्तरीय आपात बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक में प्रधानमंत्री ने स्थिति का विवरण लिया और उन्हें विशेष तौर पर श्रीनगर और कश्मीर घाटी में चल रहे राहत और बचाव कार्य के संबंध में जानकारी दी गई। श्री मोदी ने कहा कि आपदा से हुए भारी नुकसान को देखते हुए राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकार को सभी संभव सहायता प्रदान करेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आपदा से प्रभावित लोगों को मूलभूत आवश्यकताएं जैसे भोजन और पेयजल देने को उच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। प्रधानमंत्री ने श्रीनगर शहर में प्रभावित लोगों को आवश्यक वस्तुएं तुरंत मुहैया कराने का निर्देंश दिया। उन्होंने गृह मंत्रालय को श्रीनगर में स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय के लिए केंद्र और अन्य राज्यों से वरिष्ठ अधिकारियों को तुरंत भेजने का निर्देंश भी दिया।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने श्रीनगर के पानी से भरे क्षेत्रों में स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करने पर जोर दिया। बैठक में प्रधानमंत्री को बताया गया कि श्रीनगर में दूरसंचार को फिर से शुरू करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और 8 हजार लैंडलाइन फोन फिलहाल काम कर रहे हैं। इसके साथ ही सेवा प्रदाता एयरसेल के द्वारा मोबाइल सेवाएं भी आंशिक रूप से शुरू की गई है।
जम्मू कश्मीर में सैन्य बलों और एनडीआरएफ द्वारा चलाए गए बचाव और राहत कार्यों द्वारा अब तक 76 हजार लोगों को बचाया गया है। प्रभावित क्षेत्रों में भोजन, पानी और आवश्यक दवाइयों के लिए प्रबंध किए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बैठक के दौरान स्वयं सेवी संगठनों के बचाव कार्यों में भी समन्वय पर जोर दिया। बैठक में प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री श्री जितेंद्र सिंह, कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, प्रधानमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव और केंद्र सरकार के वरिष्ठ सचिवों और रक्षा अधिकारियों ने भाग लिया।