प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित 94वें सिविल सेवा फाउंडेशन कोर्स के 430 प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ गुजरात के केवडि़या में संवाद किया।
प्रधानमंत्री को अपनी तरह के पहले सप्ताह भर चलने वाले अनूठे व्यापक फाउंडेशन कोर्स ‘आरंभ’ के बारे में अवगत कराया गया। पारस्परिक संवादात्मक सत्र के दौरान प्रशिक्षु अधिकारियों ने 5 विषयगत क्षेत्रों जैसे कि कृषि एवं ग्रामीण सशक्तिकरण, स्वास्थ्य सेवा संबंधी सुधारों एवं नीति निर्माण, टिकाऊ ग्रामीण प्रबंधन तकनीकों, समावेशी शहरीकरण और शिक्षा के भविष्य पर प्रस्तुतियां दीं।
प्रधानमंत्री को विश्व बैंक के अध्यक्ष श्री डेविड मालपास, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, इंस्टीट्यूट ऑफ फ्यूचर एवं यूनिवर्सिटी ऑफ डायवर्सिटी के विद्वानों एवं विश्लेषकों द्वारा विषयगत मुद्दों पर संचालित विभिन्न सत्रों की मुख्य बातों से भी अवगत कराया गया।
इसके बाद आयोजित पारस्परिक संवादात्मक सत्र के दौरान प्रधानमंत्री ने यह बात रेखांकित की कि यह वास्तव में एक प्रशंसनीय बात है कि यह कोर्स 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर आयोजित किया जा रहा है, जिन्हें भारतीय सिविल सेवाओं का जनक माना जाता है।
उन्होंने कहा, ‘भारतीय सिविल सेवा काफी हद तक सरदार पटेल का ऋणी है। यहां केवडि़या, जहां ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिट’ स्थापित की गई है, में हम सभी को अपने देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा एवं शक्ति मिले। आइये, हम सभी भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में ठोस कार्य करें।’
प्रधानमंत्री ने ‘आरंभ’ फाउंडेशन कोर्स को भविष्य पर केन्द्रित एक ऐसा पाठ्यक्रम बताया, जिसमें प्रशासन में व्यापक बदलाव लाने की अपार क्षमता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह पाठ्यक्रम ‘आरंभ’ राष्ट्र-केन्द्रित एवं भविष्य-केन्द्रित है। यह प्रशासन में इस तरह का व्यापक बदलाव लाने का मार्ग प्रशस्त करेगा, जिसके तहत लोग अलग-थलग रहकर काम करना बंद कर देंगे। इसके विपरीत, लोग एक साथ मिलकर और व्यापक तरीके से काम करेंगे।’’
प्रधानमंत्री ने प्रशिक्षुओं का आह्वान करते हुए कहा कि वे चीजों को देखने के तरीके में बदलाव लाएं। उन्होंने कहा कि कभी-कभी शब्दावली में परिवर्तन भी परिप्रेक्ष्य को बदलने में मदद करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आइये, हम चीजों को देखने के तरीके में बदलाव लाएं। यहां तक कि कभी-कभी बदली हुई शब्दावली से भी मदद मिलती है। इससे पहले, लोग ‘पिछड़े जिले’ कहा करते थे। अब हम कहते हैं – आकांक्षी जिले। किसी भी पोस्टिंग को सजा वाली पोस्टिंग के रूप में क्यों देखा जाना चाहिए। क्यों नहीं इसे अवसर वाली पोस्टिंग के रूप में देखा जाना चाहिए।’
प्रशिक्षु अधिकारियों की प्रतिबद्धता एवं उनके नये विचारों की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि सर्वोत्तम वैश्विक तौर-तरीकों और प्रौद्योगिकियों पर आयोजित इस अनूठे प्रशिक्षण कोर्स से मिली ठोस जानकारियां नीति निर्माण और लोक प्रशासन में आगे इनके करियर में लाभप्रद साबित होंगी।
उन्होंने कहा कि इन्हें प्रणाली में अलग-थलग रहकर काम करने और पदानुक्रम को हटाने की कोशिश करनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अलग-थलग रहकर कार्य करने और पदानुक्रम से हमारी प्रणाली को कोई मदद नहीं मिलती है। हम चाहे जो भी हों, हम चाहे जहां भी हों, हमें राष्ट्र के लिए मिल-जुलकर काम करना है।’
PM @narendramodi is addressing Aarambh. This is a unique, first of its kind Common Foundation Course for young officers being held in Kevadia.
— PMO India (@PMOIndia) October 31, 2019
Young officers have made insightful presentations on diverse aspects such as agriculture, skill development, urban development and more. pic.twitter.com/DZEH0HXucL
This course, Aarambh, is nation-centric and future-centric.
— PMO India (@PMOIndia) October 31, 2019
It will usher a paradigm shift in administration, whereby people stop working on silos. Instead, people work together and in a comprehensive manner: PM @narendramodi pic.twitter.com/GesQ8S4WsW
The presence of silos and hierarchy doesn’t help our system.
— PMO India (@PMOIndia) October 31, 2019
Whoever we are, wherever we are, we have to work together for the nation: PM @narendramodi
Let’s change how we look at things. Even something like a changed terminology helps. Earlier, people would keep saying backward districts. Today we say- aspirational districts.
— PMO India (@PMOIndia) October 31, 2019
Why should any posting be a punishment posting. Why not see it as an opportunity posting: PM
The Indian Civil Service owes a lot to Sardar Patel.
— PMO India (@PMOIndia) October 31, 2019
From here in Kevadia, where the ‘Statue of Unity’ is, may we all find inspiration and vigour to do something for our nation.
Let us work towards making India a five trillion dollar economy: PM @narendramodi pic.twitter.com/SrXs3lss8o