30 नवंबर 2015 को पेरिस में सीओपी शिखर सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के शुभारंभ के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लिखी गई पुस्तक “कन्विनियेंट एक्शन – कॉन्टीन्यूटी फ़ॉर चेंज” का विमोचन किया गया। इस पुस्तक का विमोचन फ्रांस के राष्ट्रपति श्री फ्रेंकवा ओलांद, संयुक्त राष्ट्र महासचिव श्री बान की मून और विश्व के अन्य नेताओं की उपस्थिति में किया गया।
इस पुस्तक में जलवायु परिवर्तन के खतरे को कम करने और हमारे पर्यावरण में सुधार लाने की दिशा में भारत सरकार के प्रयासों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। इस पुस्तक में जलवायु नैतिकता और जलवायु न्याय पर प्रधानमंत्री के विचारों का उल्लेख है। श्री नरेन्द्र मोदी कई वर्षों से जलवायु न्याय पर बल दे रहे हैं और उनका मानना है कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी आने वाली पीढ़ी का ध्यान रखते हुए उन्हें प्राकृतिक आपदाओं और पर्यावरण के क्षरण के बुरे प्रभावों से सुरक्षित रखें।
इस पुस्तक में श्री मोदी ने भारत के प्रयासों के बारे में विस्तार से बात की है कि कैसे भारत कम कार्बन उत्सर्जन करने वाली अर्थव्यवस्था बन सकता है। प्रधानमंत्री ने एक स्वच्छ और हरित भारत की सबकी इच्छा की पूर्ति के लिए सामूहिक रूप से एक साथ काम करने के महत्व पर जोर दिया है। लोग, व्यापार, वैज्ञानिक समुदाय, सरकार और गैर-सरकारी संगठनों के बीच सकारात्मक भागीदारी के एक मॉडल पर आधारित श्री मोदी के प्रस्ताव के अंतर्गत स्थानीय पहल के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा और समृद्धि तथा तेजी से परिवर्तन लाने के प्रयासों को मजबूती देने का लक्ष्य निर्धारित है।
अग्रणी प्रकाशन संस्था लेक्सिसनेक्सिस द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया और जापान के प्रमुख शहरों में उपलब्ध है।
अंतर्राष्ट्रीय सौर एलायंस का शुभारंभ इस तरह की पुस्तक के विमोचन के लिए उपयुक्त समय था। इस तरह का एलायंस कई वर्षों से प्रधानमंत्री मोदी का सपना था। महत्वपूर्ण सीओपी-21 शिखर सम्मेलन के दौरान एलायंस के इस सपने को सच करने में राष्ट्रपति ओलांद द्वारा दिखाए गए उत्साह और उनकी रुचि की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस अवसर पर उपस्थित राष्ट्रपति ओलांद और संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने सौर ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा एवं अन्य मुद्दों पर अपने विचार साझा किए।
अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा कि समय आ गया है जब हमें हमारे भविष्य में उर्जा संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए सौर उर्जा की दिशा में आगे बढ़ने की ज़रूरत है। उन्होंने इस बात पर निराशा जताई कि दुनिया के कई भागों में सूरज की किरणें पहुँचने के बावजूद लाखों लोग अंधेरे में रह रहे हैं। उन्होंने भारत की उल्लेखनीय प्रगति और नवीकरणीय ऊर्जा, विशेष रूप से सौर ऊर्जा के महत्वाकांक्षी लक्ष्य का भी उल्लेख किया।
श्री मोदी की कई वर्षों से यह दिली इच्छा थी कि जलवायु परिवर्तन की समस्या का समाधान निकले। मुख्यमंत्री के रूप में श्री मोदी ने “कन्विनियेंट एक्शन: गुजरात रेस्पोंस टू चैलेंजेज ऑफ़ क्लाइमेट चेंज” नामक एक पुस्तक लिखी थी जिसमें उन्होंने जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए