प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी आज यहां नीति आयोग द्वारा ‘आर्थिक नीति – ‘आगे की राह’ विषय पर बैठक में भाग लिया और अर्थशास्त्रियों एवं अन्या विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श में भाग लिया।
सत्र के दौरान सहभागियों ने कृषि, कौशल विकास तथा रोजगार सृजन, कराधान तथा टैरिफ से जुड़े मामले, शिक्षा, डिजिटल प्रौद्योगिकी, आवास, पर्यटन, बैंकिंग, गर्वनेंस सुधार, डाटा संचालित नीति तथा विकास के लिए भावी उपायों जैसे विभिन्न आर्थिक विषयों पर सहभागियों ने अपने विचार साझा किए।
प्रधानमंत्री ने विभिन्नए सहभागियों को उनके सुझावों एवं टिप्पवणियों के प्रति आभार जताया। उन्होंनने कौशल विकास और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में नवाचार दृष्टिकोण अपनाए जाने का विशेष रूप से आह्वान किया।
बजट प्रक्रिया पर बोलते हुए उन्होंरने कहा कि इससेवास्तदव में अर्थव्यकवस्थार पर प्रभाव पड़ेगा। उन्होंरने कहा कि हमारे वर्तमान बजट कैलेण्डकर में मानसून के साथ खर्चों की शुरूआत होती है। उन्होंकने कहा कि इससे उत्पामदक मानसून-पूर्व अवधि में सरकारी कार्यक्रम अपेक्षाकृत कमजोर हो जाते है। उन्होंकने कहा कि इसे ध्याकन में रखते हुए बजट पेश करने की तारीख को पहले किया जा रहा है ताकि समय पर निधि का आवंटन किया जा सके।
वित्तर मंत्री श्री अरूण जेटली, योजना राज्यत मंत्री श्री राव इंद्रजीत सिंह, नीति आयोग के उपाध्यिक्ष श्री अरविन्दश पनगढिया तथा केंद्र सरकार और नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया। बैठक में प्रो0 प्रवीण कृष्णर, प्रो0 सुखपाल सिंह, प्रो0 विजय पाल शर्मा, श्री नीलकंठ मिश्रा, श्री सुरजीत भल्ला्, डॉ0 पुलक घोष, डॉ0 गोविंद राव, श्री माधव चव्हा ण, डॉ0 एन. के. सिंह, श्री विवेक दहजीया, श्री प्रमथ सिन्हाघ, श्री सुमित बोस और श्री टी. एम. निनान ने भी भाग लिया।