प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज समाज के संपन्न वर्गों से अपील की कि वे स्वेच्छा से एलपीजी सब्सिडी छोड़ दें, ताकि इसका लाभ समाज के गरीब वर्गों को और अधिक दिया जा सके। नई दिल्ली में वैश्विक ऊर्जा सम्मेलन – ऊर्जा संगम- 2015 में अपने उद्घाटन संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि देशभर के करीब 2.8 लाख लोगों ने पहले ही एलपीजी सब्सिडी छोड़ दी है। उन्होंने कहा कि यह गरीब की सेवा में महत्वपूर्ण सहयोग है।
प्रधानमंत्री ने 2022 में भारत की स्वाधीनता की प्लेटिनम जयंती तक देश के ऊर्जा आयात के बोझ को कम से कम 10 प्रतिशत तक घटाने के लिए घरेलू उत्पादन को बढ़ाने की अपील की।
प्रधानमंत्री ने ओएनजीसी विदेश लिमिटेड, इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड और बरौनी रिफाइनरी को पांच दशकों की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं और देश के ऊर्जा क्षेत्र से वैश्विक दृष्टिकोण के अनुसार अगले पांच दशकों के लिए योजना तैयार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि भारत की आबादी विश्व की कुल जनसंख्या के छठे हिस्से के बराबर है और वैश्विक समृद्धि में सहयोग के लिए भारत को उसी अनुपात में ऊर्जा की जिम्मेदारियां उठानी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने केन्द्र सरकार की विभिन्न उपलब्धियों और पिछले दस महीनों के दौरान ऊर्जा क्षेत्र में उठाए गए सुधारवादी कदमों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि अधिक ऊर्जा सुरक्षा के लिए यह आवश्यक और जिम्मेदारीपूर्ण सुधार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी नकद अनुदान हस्तांतरण कार्यक्रम 'पहल' के जरिए एलपीजी सब्सिडी सीधे बैंक खाते में हस्तांतरित करने की योजना से राजस्व रिसाव समाप्त हुआ और भ्रष्टाचार नियंत्रित किया जा सका। उन्होंने सरकार के अन्य प्रमुख कदमों के रूप में डीजल मूल्यों को नियंत्रण मुक्त करने, गन्ना किसानों की सहायता के लिए इथनोल मिश्रित पेट्रोल, बायो-डीजल को बढ़ावा देने और देश के पूर्वी भागों में गैस ग्रिड का विस्तार करने के बारे में भी बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्ष में एक करोड़ घरों तक विस्तारित पाइप से प्राकृतिक गैस (पीएनजी) पहुंचाने का है।
प्रधानमंत्री ने भारतीय ऊर्जा कंपनियों से बहुराष्ट्रीय कंपनी बनने, भारत-मध्य-पूर्व एशिया, भारत- मध्य एशिया और भारत-दक्षिण एशिया ऊर्जा गलियारों की दिशा में कार्य करने का आग्रह किया। उन्होंने उनसे उत्तरी अमरीका और अफ्रीका में भी गैस क्षेत्र में अपना स्थान स्थापित करने की भी अपील की।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद, श्री धर्मेंद्र प्रधान, श्रीमती निर्मला सीतारमण और बांग्लादेाश के विद्युत, ऊर्जा एवं खनिज संसाधन राज्य मंत्री श्री नसरूल हामिद भी उपस्थित थे।