प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात के 20 स्थानों पर असंगठित क्षेत्र के कामगारों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सम्बोधित किया। इस वीडियो कांफ्रेंसिंग के समय प्रधानमंत्री वाराणसी में थे। इसका आयोजन गुजरात सरकार के ‘श्रमयोगी कल्याण मेला’ के तहत किया गया।
सुशासन दिवस पर आयोजनों के तहत गुजरात सरकार ने असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की। इन योजनाओं के लिए केंद्र सरकार के ‘श्रमेव जयते’ विजन से प्रेरणा ली गई है। इस दिशा में की गई पहलों में ‘यू-डब्ल्यूआईएन’- असंगठित क्षेत्र पहचान संख्या भी शामिल है, जिससे असंगठित क्षेत्र के कामगार कई सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में सक्षम हो सकेंगे।
प्रधानमंत्री ने इन पहलों के लिए गुजरात सरकार को बधाई देते हुए कहा कि अन्य राज्यों को भी इसका अनुसरण करना चाहिये। उन्होंने ग्रामीण श्रम आयुक्तालय और ग्रामीण श्रम कल्याण बोर्डों की शुरुआत करने के लिए भी राज्य सरकार को बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने राज्य के असंगठित क्षेत्र के कामगारों की भी सराहना करते हुए कहा कि राज्य में एक भी श्रम दिवस की हानि नहीं हुई, क्योंकि सभी हितधारकों ने एक परिवार की तरह काम करने की गांधीवादी भावना का अनुसरण किया। उन्होंने कहा कि यह भी एक कारण है जिसकी बदौलत राज्य को इतनी बड़ी मात्रा में विदेशी निवेश प्राप्त हो रहा है।