प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल उत्सव को वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित किया। कार्यक्रम पणजी, गोवा में आयोजित किया गया। इस अवसर पर गोवा के मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत, केंद्रीय मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने श्रीकृष्ण भक्तों को जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर बधाई दी।
शुरुआत में, प्रधानमंत्री ने सभी देशवासियों के साथ देश की तीन बड़ी उपलब्धियों को साझा करने की इच्छा प्रकट करते हुए कहा कि भारत की इन उपलब्धियों के बारे में जानकर हर देशवासी को बहुत गर्व होगा। उन्होंने कहा कि अमृत काल में भारत जिन विशाल लक्ष्यों पर काम कर रहा है उससे जुड़े तीन अहम पड़ाव हमने पार किए हैं। उन्होंने कहा, “सबसे पहले, आज देश के 10 करोड़ ग्रामीण परिवार पाइप से स्वच्छ पानी की सुविधा से जुड़ चुके हैं। ये घर जल पहुंचाने की सरकार के अभियान की एक बड़ी सफलता है। ये “सबका प्रयास” का एक बेहतरीन उदाहरण है।" दूसरा, उन्होंने कहा कि देश ने और विशेषकर गोवा ने आज एक उपलब्धि हासिल की है। आज गोवा देश का पहला राज्य बना है, जिसे हर घर जल सर्टिफाई किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि दादरा नगर हवेली एवं दमन और दीव भी, हर घर जल सर्टिफाइड केंद्रशासित राज्य बन गए हैं। प्रधानमंत्री ने लोगों, सरकार और स्थानीय स्व-सरकारी संस्थानों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द कई राज्य इस सूची में शामिल होने जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की तीसरी उपलब्धि स्वच्छ भारत अभियान से जुड़ी है। कुछ साल पहले सभी देशवासियों के प्रयासों से, देश खुले में शौच से मुक्त घोषित हुआ था। इसके बाद हमने संकल्प लिया था कि गांवों को ओडीएफ प्लस बनाएंगे। इसको लेकर भी देश ने अहम माइलस्टोन हासिल किया है। अब देश के अलग-अलग राज्यों के एक लाख से ज्यादा गांव ओडीएफ प्लस हो चुके हैं, यानी उनके पास सामुदायिक शौचालय, प्लास्टिक कचरा प्रबंधन, ग्रे वाटर प्रबंधन और गोवर्धन परियोजनाएं होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने दुनिया के सामने जल सुरक्षा की चुनौती के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में पानी की कमी एक बड़ी बाधा बन सकती है। उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार जल सुरक्षा की परियोजनाओं के लिए पिछले 8 वर्षों से अथक प्रयास कर रही है।' स्वार्थी अल्पकालिक दृष्टिकोण से ऊपर एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण की आवश्यकता को दोहराते हुए, प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, "यह सच है कि सरकार बनाने के लिए, किसी को उतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती, जितनी मेहनत देश बनाने के लिए करनी पड़ती है। हम सभी ने राष्ट्र निर्माण के लिए काम करने का विकल्प चुना है। इसलिए हम वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों पर काम कर रहे हैं। जिन्हें देश की परवाह नहीं है, उन्हें देश का वर्तमान या भविष्य खराब होने की परवाह नहीं है। ऐसे लोग बड़ी-बड़ी बातें जरूर कर सकते हैं, लेकिन पानी के लिए बड़े विजन के साथ कभी काम नहीं कर सकते।”
जल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार के बहुआयामी दृष्टिकोण के बारे में बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने 'कैच द रेन', अटल भूजल योजना, हर जिले में 75 अमृत सरोवर, नदियों को आपस में जोड़ने और जल जीवन मिशन जैसी पहलों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि भारत में अब रामसर साइट्स यानि वेटलैंड की संख्या भी बढ़कर 75 हो गई है। इनमें से भी 50 साइट्स पिछले 8 वर्षों में ही जोड़ी गई हैं। यानि वाटर सिक्योरिटी के लिए भारत चौतरफा प्रयास कर रहा है और इसके हर दिशा में नतीजे भी मिल रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने सराहना करते हुए कहा कि सिर्फ 3 साल के भीतर जल जीवन मिशन के तहत 7 करोड़ ग्रामीण परिवारों को पाइप के पानी की सुविधा से जोड़ा गया है। ये कोई सामान्य उपलब्धि नहीं है। जबकि, आजादी के 7 दशकों में देश के सिर्फ 3 करोड़ ग्रामीण परिवारों के पास ही पाइप से पानी की सुविधा उपलब्ध थी। उन्होंने कहा, "देश में करीब 16 करोड़ ग्रामीण परिवार थे, जिन्हें पानी के लिए बाहरी स्रोतों पर निर्भर रहना पड़ता था। हम गांव की इतनी बड़ी आबादी को इस बुनियादी जरूरत के लिए लड़ते हुए नहीं छोड़ सकते थे। इसलिए 3 साल पहले मैंने लाल किले से घोषणा की थी कि हर घर में पाइप से पानी मिलेगा। इस अभियान पर 3 लाख 60 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। 100 साल की सबसे बड़ी महामारी के कारण आई रुकावटों के बावजूद इस अभियान की गति धीमी नहीं हुई। इस निरंतर प्रयास का ही परिणाम है कि मात्र 3 वर्षों में देश ने 7 दशकों में किए गए कार्य से दोगुने से भी अधिक कार्य किया है। यह उसी मानव-केंद्रित विकास का उदाहरण है, जिसके बारे में मैंने इस बार लाल किले से बात की थी।
प्रधानमंत्री ने भावी पीढ़ी और महिलाओं के लिए हर घर जल के लाभ पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पानी की समस्या से महिलाएं सबसे अधिक पीड़ित होती हैं। इसके नाते सरकार के प्रयासों के केंद्र में महिलाएं होती हैं। यह महिलाओं के जीवन की सुगमता में सुधार कर रहा है और उन्हें जल शासन में एक महत्वपूर्ण भूमिका दे रहा है। उन्होंने कहा, "जल जीवन अभियान केवल एक सरकारी योजना नहीं है, बल्कि यह समुदाय द्वारा, समुदाय के लिए चलाई जाने वाली योजना है।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन की सफलता की वजह उसके चार मजबूत स्तंभ हैं। पहला- जनभागीदारी, पीपुल्स पार्टिसिपेशन, दूसरा- साझेदारी, हर स्टेकहोल्डर की पार्टनरशिप, तीसरा- राजनीतिक इच्छाशक्ति, पॉलीटिकल विल और चौथा- संसाधनों का पूरा इस्तेमाल- ऑप्टिमम यूटिलाइजेशन ऑफ रिसोर्सेस। अभियान में स्थानीय लोगों और ग्राम सभाओं और स्थानीय शासन की अन्य संस्थाओं को अभूतपूर्व भूमिका दी गई है। स्थानीय महिलाओं को जल परीक्षण के लिए प्रशिक्षित किया जाता है और वे 'पानी समितियों' की सदस्य हैं। पंचायतों, गैर-सरकारी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों और सभी मंत्रालयों द्वारा दिखाए गए उत्साह में हितधारकों की भागीदारी स्पष्ट है। इसी तरह, पिछले 7 दशकों में जो हासिल किया गया था, उससे सिर्फ 7 वर्षों में बहुत अधिक हासिल करना राजनीतिक इच्छाशक्ति को दर्शाता है। संसाधनों का इष्टतम इस्तेमाल मनरेगा जैसी योजनाओं के साथ तालमेल बिठाने में परिलक्षित होता है। उन्होंने कहा कि पाइप से पानी की सैचुरेशन भी किसी भी भेदभाव की संभावना को खत्म कर देगी।
जल आपूर्ति और गुणवत्ता नियंत्रण के लिए जल संसाधनों की जियो-टैगिंग और इंटरनेट ऑफ थिंग्स समाधान जैसी प्रौद्योगिकी के उपयोग के बारे में चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों की शक्ति, महिला शक्ति और प्रौद्योगिकी की शक्ति जल जीवन मिशन को शक्ति प्रदान कर रही है।
देश भर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम है।
— PMO India (@PMOIndia) August 19, 2022
सभी देशवासियों को, दुनियाभर में फैले भगवान श्रीकृष्ण के भक्तों को बहुत-बहुत बधाई: PM @narendramodi
आज मैं सभी देशवासियों के साथ देश की तीन बड़ी उपलब्धियों को साझा करना चाहता हूं।
— PMO India (@PMOIndia) August 19, 2022
भारत की इन उपलब्धियों के बारे में जानकर हर देशवासी को बहुत गर्व होगा।
अमृतकाल में भारत जिन विशाल लक्ष्यों पर काम कर रहा है, उससे जुड़े तीन अहम पड़ाव हमने आज पार किए हैं: PM @narendramodi
आज देश के 10 करोड़ ग्रामीण परिवार पाइप से स्वच्छ पानी की सुविधा से जुड़ चुके हैं।
— PMO India (@PMOIndia) August 19, 2022
ये घर जल पहुंचाने की सरकार के अभियान की एक बड़ी सफलता है।
ये सबका प्रयास का एक बेहतरीन उदाहरण है: PM @narendramodi
देश ने और विशेषकर गोवा ने आज एक उपलब्धि हासिल की है।
— PMO India (@PMOIndia) August 19, 2022
आज गोवा देश का पहला राज्य बना है, जिसे हर घर जल सर्टिफाई किया गया है।
दादरा नगर हवेली एवं दमन और दीव भी, हर घर जल सर्टिफाइड केंद्र शासित राज्य बन गए हैं: PM
इसको लेकर भी देश ने अहम माइलस्टोन हासिल किया है।
— PMO India (@PMOIndia) August 19, 2022
अब देश के अलग-अलग राज्यों के एक लाख से ज्यादा गांव ODF प्लस हो चुके हैं: PM @narendramodi
देश की तीसरी उपलब्धि स्वच्छ भारत अभियान से जुड़ी है।
— PMO India (@PMOIndia) August 19, 2022
कुछ साल पहले सभी देशवासियों के प्रयासों से, देश खुले में शौच से मुक्त घोषित हुआ था।
इसके बाद हमने संकल्प लिया था कि गांवों को ODF प्लस बनाएंगे: PM @narendramodi
सरकार बनाने के लिए उतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती, लेकिन देश बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होती है।
— PMO India (@PMOIndia) August 19, 2022
हम सभी ने देश बनाने का रास्ता चुना है, इसलिए देश की वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों का लगातार समाधान कर रहे हैं: PM @narendramodi
भारत में अब रामसर साइट्स यानि wetlands की संख्या भी बढ़कर 75 हो गई है।
— PMO India (@PMOIndia) August 19, 2022
इनमें से भी 50 साइट्स पिछले 8 वर्षों में ही जोड़ी गई हैं।
यानि water security के लिए भारत चौतरफा प्रयास कर रहा है और इसके हर दिशा में नतीजे भी मिल रहे हैं: PM @narendramodi
सिर्फ 3 साल के भीतर जल जीवन मिशन के तहत 7 करोड़ ग्रामीण परिवारों को पाइप के पानी की सुविधा से जोड़ा गया है।
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ये कोई सामान्य उपलब्धि नहीं है।
आज़ादी के 7 दशकों में देश के सिर्फ 3 करोड़ ग्रामीण परिवारों के पास ही पाइप से पानी की सुविधा उपलब्ध थी: PM @narendramodi
जल जीवन मिशन की सफलता की वजह उसके चार मजबूत स्तंभ हैं।
— PMO India (@PMOIndia) August 19, 2022
पहला- जनभागीदारी, People’s Participation
दूसरा- साझेदारी, हर Stakeholder की Partnership
तीसरा- राजनीतिक इच्छाशक्ति, Political Will
और चौथा- संसाधनों का पूरा इस्तेमाल- Optimum utilisation of Resources: PM @narendramodi