प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में प्रशासन और विकास में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी आधारित उपकरण और अनुप्रयोगों को बढ़ावा देने पर आयोजित राष्ट्रीय बैठक के एक विशेष सत्र में भाग लिया।
वरिष्ठ अधिकारियों ने लगभग दो घंटे से अधिक समय में विभिन्न प्रस्तुतियों के माध्यम से प्रधानमंत्री को विभिन्न विषयों पर आयोजित सत्र के परिणामों की जानकारी दी।
विशेष सत्र में अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों का उपयोग कर शासन के सभी क्षेत्रों में नई पहल की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने जून 2014 में इसरो की अपनी यात्रा को याद का उल्लेख किया जिसमें उन्होंने इसरो को इस पर काम करने का आग्रह किया था। उन्होंने इस पर अपना संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि उनके उस दौरे के बाद से अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग करने वाले सरकारी विभागों की संख्या में काफ़ी वृद्धि हुई है।
प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों से आह्वान किया कि वे कैलेंडर वर्ष 2015 में अपने कार्यक्षेत्र में कम से कम एक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी आधारित अनुप्रयोग की पहचान करें।
प्रधानमंत्री ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के मौके पर प्रख्यात अंतरिक्ष वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के कथनों को याद किया जिन्होंने कहा था कि भारत के आम आदमी की जरूरतों को पूरा करने में कोई कोर-कसर नहीं रहनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने सरकारी विभागों द्वारा अपने प्रशासन के संबंधित क्षेत्रों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के जबर्दस्त उत्साह पर ख़ुशी जताई। उन्होंने उत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों और डेटा का उपयोग करने की जरूरत पर बल दिया।
प्रधानमंत्री ने आम आदमी के फायदे के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के कई संभावित अनुप्रयोगों, जैसे - मछुआरों के लिए मछली पकड़ने का स्थान, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए सिंचाई के बुनियादी ढांचे, अवैध खनन की ट्रैकिंग आदि पर जानकारी दी।
श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी सबसे शक्तिशाली माध्यम है। उन्होंने आम आदमी और अंतरिक्ष को एक-दूसरे से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया।