"Two-fold objective for agricultural scientists – enable farmers to feed India and the world
"PM gives ICAR mantras of "Kam zameen, kam samay, zyaada upaj" and "per drop, more crop""
"Create talent pool of young, educated and progressive farmers, and agricultural research scholars"

प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय किसान को दो क्षेत्रों में सक्षम बनाने की दिशा में काम करने के लिए कृषि वैज्ञानिकों का आह्वान किया: (क) राष्ट्र और विश्व का पेट भरने के लिए; और (ख) किसान की जेब भरने के लिए।

l2014072955433  _ 684
दिल्ली के एनएएससी परिसर में, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 86 वें स्थापना दिवस पर कृषि वैज्ञानिक समुदाय को संबोधित करते हुए- जिन्होंने पहले प्रधानमंत्री का "गर्मजोशी" के साथ स्वागत किया गया था – प्रधानमंत्री ने दर्शकों से, उन लाखों किसानों का "गर्मजोशी" के साथ स्वागत करने का आह्वान किया जिन्होंने भारत के भाग्य को बदलने में एक बड़ी भूमिका निभाई है।

l2014072955437  _ 684 l2014072955436  _ 684
कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए दस पुरस्कार देने के बाद बोलते हुए, श्री नरेन्द्र मोदी ने वैज्ञानिकों से उनके अनुसंधान को सरल शब्दों में समझाने का आह्वाह्न किया जिससे यह किसानों को समझाया जा सके,  और उन्हें नए उत्पादों और पहल को अपनाने की कोशिश करने के लिए राजी किया जा सके। भारत में खेती वंशानुगत है, और यहाँ की खेती करने की पुरानी प्रथाओं को बदलना मुश्किल है, इसलिए,  प्रधानमंत्री ने कहा, यह परिवर्तन तभी हो सकता है जब किसानों को इसकी क्षमता के बारे में आश्वस्त किया जा सके। इसलिए, कृषि वैज्ञानिकों को- जलवायु, पानी और मिट्टी की बदलती परिस्थितियों के अनुसार – किसान को उनकी पहल के बारे में आश्वस्त करने में मदद करनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि जल चक्र को बदलते मौसम चक्र के अनुसार ही व्यवस्थित किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से उनके शताब्दी वर्ष के लिए लक्ष्य निर्धारित करने को कहा, जो अब 14 वर्ष दूर हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद को काम करने के लिए दो मंत्र लेने चाहिए:

• "कम जमीन, कम समय, ज्यादा उपज"  

• "प्रति बूँद, अधिक फसल"

उन्होंने कहा कि खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने, और दालों का प्रोटीन सामग्री और उपलब्धता में सुधार लाने पर अपनी दृष्टि गङाने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का आह्वान किया।

l2014072955435  _ 684

अब जबकि मांग बढ़ रही है, और उपलब्ध भूमि में वृद्धि नहीं होगी, सारा ध्यान मिट्टी की उर्वरता पर चला गया है, प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया। महात्मा गांधी का उदाहरण देकर, और जल संरक्षण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से जल संरक्षण और सिंचाई के अधिक कुशल तरीके (जल संचय से जल सींचन) के लिए काम करने को कहा।

श्री मोदी ने यह भी कहा कि पशुपालन के क्षेत्र में, और दूध उत्पादकता के स्तर को बढ़ाने के लिए विशेष प्रयासों को किए जाने की जरूरत है।

"प्रयोगशाला से खेत तक" की चुनौती को पूरा करने के लिए- वैज्ञानिक अनुसंधान के हस्तक्षेप को सफल बनाने के लिए – प्रधानमंत्री ने कृषि कॉलेजों का रेडियो स्टेशन शुरू करने के लिए आह्वान किया। इस पर ध्यान देते हुए कि किसान रेडियो बहुत ज्यादा सुनते हैं, उन्होंने कहा कि कॉलेज के छात्रों द्वारा चलाए रेडियो कार्यक्रम किसानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होंगें। उन्होंने कहा कि देश के सभी कृषि अनुसंधान के लिए एक डिजीटल डेटाबेस बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि युवा शिक्षित और प्रगतिशील किसान; और कृषि अनुसंधान के विद्वान एक साथ देश के सभी जिलों में एक प्रतिभा संचय मंच बना सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने एक नीली क्रांति का आह्वान भी किया जिससे वैज्ञानिक अनुसंधान के लाभों का विस्तार मत्स्य पालन के क्षेत्र तक भी होगा। उन्होंने तटीय समुद्री शैवाल और हिमालय हर्बल औषधीय पौधों को बढ़ावा देने के लिए और अधिक अनुसंधान करने के लिए कहा।

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
Cabinet approves minimum support price for Copra for the 2025 season

Media Coverage

Cabinet approves minimum support price for Copra for the 2025 season
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
सोशल मीडिया कॉर्नर 21 दिसंबर 2024
December 21, 2024

Inclusive Progress: Bridging Development, Infrastructure, and Opportunity under the leadership of PM Modi