प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लेह में भारतीय थल सेना के अधिकारियों, सैनिकों और वायु सेना के जवानों को संबोधित किया। उन्होंने पाकिस्तान द्वारा चलाये जा रहे छद्म-युद्ध की भर्त्सना की। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश में परम्परागत लड़ाई लड़ने की ताकत नहीं है, लेकिन उसका आतंकवाद के रूप में छद़्म-युद्ध जारी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय सशस्त्र सेना के ज्यादातर जवान युद्ध के मुकाबले आतंकवाद के कारण शहीद हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह एक वैश्विक समस्या है और विश्व की सभी मानवीय ताकतों को मिलकर इसका मुकाबला करना चाहिए। भारत इन मानवीय ताकतों को एकजुट करने और मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपने सैन्य बलों को मजबूत बनाने और उन्हें नई टैक्नोलॉजी तथा आधुनिक हथियारों से लैस करने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जवानों को यह आश्वासन दिया जाना चाहिए कि पूरा देश उनके साथ है। भावुक होते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अपने परिवारों द्वारा दैनिक जीवन की अनेक परेशानियां और संघर्ष झेलने के बावजूद सैनिक अपने कर्तव्य के पथ पर अडिग रहते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सैनिकों की यही ऊर्जा और कर्तव्य भावना उन्हें प्रेरित करती है, इसलिए वे सीमा पर तैनात जवानों से प्रेरणा लेने के लिए उनसे मिलते रहते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सीमा पर तैनात हमारी सशस्त्र सेनाएं वहां रहने वाले लोगों के साथ तालमेल बनाकर रहती हैं। उन्होंने करगिल घुसपैठ का उदाहरण देते हुए बताया कि इस घुसपैठ की जानकारी पहली बार ताशी नामग्याल नामक गड़रिये ने हमारी सेना को दी थी।
प्रधानमंत्री ने सशस्त्र सेना के आधुनिकीकरण और कल्याण के लिए केंद्रीय बजट में ‘एक रैंक, एक पेंशन’ सहित कई प्रावधानों के बारे में भी बताया। उन्होंने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक बनाने का भी वादा किया, जिससे देश की भावी पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार रक्षा संबंधी उत्पादों के निर्माण में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
बाद में, लेह सभागार में आगंतुक पुस्तिका में श्री नरेन्द्र मोदी ने लिखा कि विकास के लिए शांति और सुरक्षा पहली आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने जवानों के साथ भी बातचीत की।
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल श्री एन.एन. वोहरा, जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री श्री उमर अब्दुल्ला, ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोभाल और सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह भी इस अवसर पर उपस्थित थे।