प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में जागरण प्रकाशन समूह द्वारा आयोजित जागरण फोरम को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री ने लोकतंत्र में जागरूकता के महत्व पर जोर देने के लिए ‘सतत जागरूकता, स्वतंत्रता का मूल्य है’ को उद्धृत किया। उन्होंने कहा जीवंत लोकतंत्र के लिए जन भागीदारी की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि उन्होंने कैसे स्वतंत्रता संग्राम को जन आंदोलन में बदल दिया। उन्होंने कहा कि ‘जन आंदोलन’ का यह मॉडल देश की विकास प्रक्रिया पर भी लागू किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी से पहले कानून इस आधार पर बनते थे कि लोगों पर भरोसा नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि अब यह दृष्टिकोण बदलना चाहिए।
इस संदर्भ में प्रधानमंत्री ने दस्तावेजों के स्व-प्रमाणन, स्वच्छ भारत अभियान में लोगों की भागीदारी और रसोई गैस सब्सिडी छोड़ने के अभियान के उदाहरण दिए।
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि कैसे प्रधानमंत्री जन-धन योजना और ‘स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया’ पहल सकारात्मक प्रभाव पैदा कर रही है।
प्रधानमंत्री ने ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम सुशासन’ यानी मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस के दृष्टिकोण की व्याख्या की और कहा कि पुराने कानून समाप्त किए जा रहे हैं।