प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज 2017 बैच के लगभग 160 युवा आईएएस अधिकारियों से बातचीत की। इन अधिकारियों को हाल ही में भारत सरकार में सहायक सचिव नियुक्त किया गया है।
प्रधानमंत्री ने मसूरी में प्रशिक्षण के दौरान इन अधिकारियों के समूह के साथ हुई अपनी बैठक को स्मरण किया।
अधिकारियों ने बातचीत के दौरान फील्ड प्रशिक्षण से जुड़े अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने मसूरी में अपने कक्षा प्रशिक्षण सत्रों के साथ इन अनुभवों को जोड़ा। जिन अधिकारियों ने आकांक्षी जिलों में काम किया था उन्होंने बताया कि इन जिलों में हाल ही में की गई विभिन्न पहलों के कितने सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने भारत सरकार के साथ इन अधिकारियों की आगामी तीन माह की संबद्धता को बेहद महत्वपूर्ण और सुविचारित प्रक्रिया का अंग बताया। उन्होंने कहा कि इस अवधि में प्रत्येक अधिकारी के पास नीति निर्धारण को प्रभावित करने का अवसर होगा।
श्री नरेन्द्र मोदी ने अधिकारियों को समस्याओं के समाधान के लिए नई दृष्टि, नये विचार और नये दृष्टिकोण लाने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य सरकार के कामकाज में नवीनता और ताजगी लाना है। उन्होंने कहा कि अनुभवों का संगम और ताजगी व्यवस्था के लिए लाभदायक होगी।
उन्होंने कहा कि अधिकारी खुद को सौंपे गये कार्यों के प्रति नये और ‘जन-केन्द्रित दृष्टिकोण’ अपनाएं।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि अधिकारियों को जो जिम्मेदारी सौंपी गई हैं, उन्हें उनके पूर्ण समाधान तलाशने की कोशिश करनी चाहिए।
उन्होंने उनसे यह भी अनुरोध किया कि वे दिल्ली में जो काम करेंगे, उसे फील्ड में प्राप्त किये गये अपने अनुभवों से जोड़ें। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह, प्रधानमंत्री कार्यालय और कार्मिक तथा प्रशिक्षण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
सरकार वल्लभभाई पटेल के जीवन और उपलब्धियों का चित्रण करने वाली एक दृश्य-श्रव्य फिल्म भी इस अवसर पर दिखाई गई। श्री पटेल को भारत में सिविल सेवाओं का निर्माता माना जाता है।