9 अगस्त का दिन ‘संकल्प से सिद्धि’ का दिवस है: प्रधानमंत्री 
जब 100 सबसे पिछड़े जिलों की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों में सुधार होगा, इससे देश के समग्र विकास को बढ़ावा मिलेगा: प्रधानमंत्री 
कलेक्टरों को लोगों को एलईडी बल्ब, भीम ऐप जैसी विभिन्न पहल के लाभ के बारे में लोगों को जागरूक करना चाहिए: पीएम मोदी 
फाइलों से हटकर लोगों के बीच जाएं और जिले के दूर-दराज के हिस्‍सों में लोगों को होने वाली विभिन्न परेशानियों को समझें: पीएम 
प्रधानमंत्री ने कलैक्‍टरों से कहा, जीएसटी का सुचारू क्रियान्वयन और जीएसटीएन के तहत हर व्यापारी का पंजीकरण सुनिश्चित करें

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज "न्यू इंडिया-मंथन" विषय पर वीडियो कॉन्फेंसिग के माध्यम से पूरे देश के जिलाधिकारियों को संबोधित किया। भारत छोड़ो आंदोलन की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर हुई जिलाधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की इस तरह की यह पहली इन्‍टरएक्‍शन है, जिसका उद्देश्य "न्यू इंडिया-मंथन" को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करना है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह संयोग ही है कि 9 अगस्त की तारीख सहज रुप से "संकल्प से सिद्धि" - "संकल्प के माध्यम से उपलब्धि।" के मंत्र से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि यह तारीख युवाओं की इच्छा शक्ति और महत्वाकांक्षा का प्रतीक है।

श्री नरेन्द्र मोदी ने याद किया कि भारत छोड़ो आंदोलन की शुरूआत के दिनों में कैसे स्वतंत्रता आंदोलन के वरिष्ठ नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया और कैसे पूरे देश के युवाओं ने आगे बढ़कर इस आंदोलन को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब युवा नेतृत्व की भूमिका में आते हैं तो लक्ष्यों को हासिल करना निश्चित हो जाता है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी न केवल अपने जिलों का प्रतिनिधित्व करते हैं बल्कि वे उस क्षेत्र के युवाओं का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी भाग्यशाली हैं  क्योंकि उन्हें खुद को देश के लिए समर्पित करने का अवसर मिल रहा है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार प्रत्येक व्यक्ति, प्रत्येक परिवार और प्रत्येक संगठन को कुछ लक्ष्यों को निर्धारित और चिन्हित करने के लिए आह्वान कर रही है, जिसे वे 2022 तक पूरा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जिलों के प्रतिनिधियों के रूप में, जिलाधिकारियों को अब यह तय करना होगा कि वे 2022 में अपने जिलों को कहाँ देखना चाहते हैं, किन-किन कमियों को दूर किया जाना चाहिए और किन-किन सेवाओं को सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

 प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ जिले सदैव बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सेवाओं में पीछे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब 100-सबसे पिछड़े जिलों में सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों में सुधार होगा, तो इससे देश के समग्र विकास मानकों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों की जिम्मेदारी जिलाधिकारियों की है कि वे इस काम को एक मिशन मोड में करें।

 प्रधानमंत्री ने उन जिलों को अपने सर्वोत्तम प्रयासों की पुनरावृत्‍ति करने और उसे बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया, जहां क्षेत्र विशेष या योजना में अच्छे परिणाम प्राप्त किए जा रहे हैं।

 प्रधानमंत्री ने जिलाधिकारियों को उनके सहकर्मियों, जिले के बुद्धिजीवियों, स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों से 15 अगस्त से पहले अपने-अपने जिले के लिए एक विजन दस्तावेज या एक संकल्प दस्तावेज तैयार करने को कहा। इस संकल्प दस्तावेज़ में 10 से 15 उन उद्देश्यों को शामिल किया जाना चाहिए, जिन्हें वे 2022 तक हासिल करना चाहते हैं। 

प्रधानमंत्री ने जिलाधिकारियों को वेबसाइट www.newindia.in के बारे में सूचित किया - जिसमें 'संकल्प से सिद्धि' आंदोलन से संबंधित जानकारी और कार्यक्रमों के बारे में उल्‍लेख किया गया है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार वे जिलाधिकारियों के साथ मंथन कर रहे हैं, वैसे ही जिलाधिकारी भी अपने-अपने जिलों में ऐसा कर सकते हैं। 

प्रधानमंत्री ने न्‍यू इंडिया वेबसाइट के बारे में महत्वपूर्ण बातों का उल्लेख किया,  जैसे स्वतंत्रता संग्राम पर ऑनलाइन क्विज़ के एक अंग के रूप में आयोजित विभिन्न घटनाओं पर एक व्यापक कैलेंडर जैसे कि ‘संकल्प से सिद्धि’ आंदोलन। 

प्रधानमंत्री ने जिले में विकास कार्य की तुलना रिले दौड़ से की। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार रिले दौड़ में बैटन को एक एथलीट के माध्यम से दूसरे एथलीट को दौड़ने के लिए दिया जाता है और जिनका अंतिम उद्देश्य दौड़ जीतना होता है उसी प्रकार विकास बैटन को सफलतापू्र्वक एक जिलाधिकारी से दूसरे जिलाधिकारी तक पहुंचाया जाता है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि कई बार योजनाएं अपने अपेक्षित प्रभाव डालने में विफल रहती हैं, क्योंकि लोगों को उनके बारे में जानकारी नहीं होती है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों को लोगों को एलईडी बल्ब, भीम ऐप जैसी पहल के बारे में जागरूक करना चाहिए। इसी प्रकार, प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘स्वच्छ भारत अभियान’ एक उत्तरदायी प्रशासन और लोगों के बीच जागरूकता पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में असली बदलाव केवल सार्वजनिक भागीदारी के जरिए ही लाया जा सकता है। 

प्रधानमंत्री ने जिलाधिकारियों से फाइलों से बाहर निकलने और जमीनी हकीकत को समझने के लिए जिलों के दूरदराज इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति जानने के लिए मैदान में उतरने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी क्षेत्र का जितना अधिक दौरा करेगा, उतना ही अधिक वह फ़ाइलों पर गौर कर पाएगा। जीएसटी पर, प्रधानमंत्री ने जिलाधिकारियों से अपने जिले में व्यापारियों को यह समझाने के लिये कहा कि कैसे यह "अच्छा और सरल कर" है। उन्होंने उनसे यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि हर व्यापारी जीएसटी के अंतर्गत पंजीकृत हो। उन्होंने उनसे अपने जिले में सभी खरीद के लिए सरकारी ई-मार्केटप्लेस का लाभ उठाने का कहा। प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी के संदेश को याद किया कि प्रशासन का अंतिम लक्ष्य सबसे ज्यादा गरीब के जीवनस्तर में सुधार लाने का होना चाहिए। उन्होंने जिलाधिकारियों से आग्रह किया कि वे हर रोज खुद से पूछें कि उन्होंने गरीबों के जीवन में बदलाव लाने के लिए क्या किया है। उन्होंने जिलाधिकारियों से उन गरीबों की बात को ध्यान से सुनने के लिए कहा, जो उनके पास अपनी फरियाद लेकर आते हैं। 

अंत में, प्रधानमंत्री ने कहा कि जिलाधिकारी युवा और सक्षम हैं और अपने जिले के लिए न्‍यू इंडिया 2022 के लिए संकल्प कर सकते हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि उनके संकल्प साकार हो सकते हैं और इस प्रक्रिया में देश भी उपलब्धियों की नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा।

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