भारत एक बहुरत्न वसुंधरा है। विभिन्न समय अंतराल में भिन्न-भिन्न क्षेत्रों के लोगों का अपना विशेष योगदान रहा है: प्रधानमंत्री
लक्ष्मणराव इनामदार जी का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत: प्रधानमंत्री मोदी
सहकारी आंदोलन सिर्फ तंत्र से जुड़ा हुआ है, ऐसा नहीं है। यह एक भाव है जो लोगों को कुछ बेहतर करने के लिए एकजुट करता है: पीएम मोदी

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में श्री लक्ष्मणराव इनामदार के जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर सहकार सम्मेलन में भाग लिया।

इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा देश एक "बहुरत्न वसुंधरा" है जहां कई लोगों ने अनेक क्षेत्रों और कालखंड में महान योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि उनमें से कुछ अच्छी तरह प्रसिद्ध हैं और उनके बारे में मीडिया बात करती है, लेकिन कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने अपना बहुमूल्य योगदान दिया है लेकिन वे व्यापक रूप से अज्ञात हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वकील साहब - लक्ष्मणराव इनामदार ऐसे ही व्यक्तियों में से एक थे। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि सहकारी आंदोलन का पहला सिद्धांत सभी को एकजुट करना है, भले ही बाकी चीजें गुमनाम रहे। उन्होंने कहा कि श्री इनामदार ने इस सिद्धांत को अपने जीवन में आत्मसात किया था और उनका जीवन प्रेरणा का एक स्रोत है।

प्रधानमंत्री ने 2022 तक किसानों की आय को दुगुना करने और ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में संतुलित विकास जैसे लक्ष्यों की बात की। उन्होंने कहा कि सहकारी आंदोलन इन उद्देश्यों की प्राप्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

प्रधानमंत्री ने सहकारी आंदोलन में "उत्‍साह" बनाए रखने के महत्व पर बल दिया, जिस पर उन्होंने कहा कि अभी भी ग्रामीण इलाकों में यह काफी हद तक कायम है। उन्होंने श्री इनामदार का मंत्र "बिना संस्कार, नहीं सहकार" की बात दोहरायी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज, किसान खुदरा खरीदते है, लेकिन थोक में बेचते है। उन्होंने कहा कि बिचौलियों को खत्म करने और आय को बढ़ाने के लिए इस प्रक्रिया को उलट देने की जरुरत है। डेयरी सहकारी समितियों का उदाहरण देते हुए, उन्होंने कहा कि सहकारी आंदोलन में लोगों की समस्याओं को हल करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि सहकारी आंदोलन भारतीय समाज के स्‍वभाव के साथ एक समन्वय है। प्रधानमंत्री ने यूरिया का नीम कोटिंग, मधुमक्खी पालन और समुद्री खरपतवार संवर्धन का उल्लेख ऐसे क्षेत्रों के रूप में किया जहां सहकारी आंदोलन महत्वपूर्ण योगदान कर सकता है।

प्रधानमंत्री ने दो पुस्तकों का विमोचन किया: पहली पुस्‍तक श्री लक्ष्मणराव इनामदार पर और दूसरी, जिसका शीर्षक है "भारतीय सहकारी आंदोलन के नौरत्‍न।" इस अवसर पर उन्होंने सहकारी उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार भी प्रदान किए।

 

 

 

 

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प्रधानमंत्री 23 दिसंबर को नई दिल्ली के सीबीसीआई सेंटर में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में शामिल होंगे
December 22, 2024
प्रधानमंत्री कार्डिनल और बिशप सहित ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं से बातचीत करेंगे
यह पहली बार होगा, जब कोई प्रधानमंत्री भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 23 दिसंबर को शाम 6:30 बजे नई दिल्ली स्थित सीबीसीआई सेंटर परिसर में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में भाग लेंगे।

प्रधानमंत्री ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं के साथ बातचीत करेंगे, जिनमें कार्डिनल, बिशप और चर्च के प्रमुख नेता शामिल होंगे।

यह पहली बार होगा, जब कोई प्रधानमंत्री भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेंगे।

कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) की स्थापना 1944 में हुई थी और ये संस्था पूरे भारत में सभी कैथोलिकों के साथ मिलकर काम करती है।