श्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए दिल्ली की जनता से सभी सात सीटों पर भाजपा के उम्मीदवारों को चुनने की अपील की। उन्होंने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों की असलियत उजागर करते हुए आप को कांग्रेस की बी टीम करार दिया। श्री मोदी ने कांग्रेस पार्टी को, आज जारी हुए उसके घोषणापत्र के लिए आढ़े हाथ लेते हुए कहा कि प्रत्येक दल के लिए घोषणापत्र पवित्र विषय माने जाते हैं लेकिन कांग्रेस पार्टी ने इसे एक मजाक बनाकर रखा दिया है और इसमें वही सब वादे दोहराये हैं जिन्हें वह 2004 के घोषणापत्र से अब तक पूरा नहीं कर सकी है।
श्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी संस्थाओं की पवित्रता में भरोसा नहीं रखती। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा, “शहजादे ने प्राइमरी की नई प्रणाली शुरु की। उसने कहा कि यह राजनीति बदल देगी। 15 सीटें ढूंढ़ी गयीं जहां से उम्मीदवारों को टिकिट दिया जाना था। इसके बारे में काफी कुछ लिखा गया, लेकिन अंत में इसका क्या हश्र हुआ? यह प्रणाली पनपने से पहले ही खत्म हो गयी। इस प्रणाली के तहत ही वड़ोदरा में एक उम्मीदवार तय हुआ था। लेकिन रातों रात उसका नाम काट दिया । वह अपनी खुद की क्षमता के आधार पर उम्मीदवार चुना गया था लेकिन रातों रात उसका नाम सूची से काट दिया। उसका एक ही अपराध है- वह दलित है। उस पर उम्मीदवारी छोड़ने को दबाव डाला गया। क्या दलित होना अपराध है? क्या एक दलित को अवसर नहीं मिलना चाहिए?”
आम आदमी पार्टी की अवसरवादिता और अपरिपक्वता के लिए उस पर निशाना साधते हुए श्री मोदी ने कहा कि पार्टी ने अभी परिपक्वता हासिल नहीं की है जो कि लोकतंत्र के लिए जरूरी है। उन्होंने आप को कांग्रेस की बी टीम करार दिया। उन्होंंने कहा, “आपको दिल्ली में किस प्रकार का अनुभव हुआ? आपने कांग्रेस ए और कांग्रेस बी देखी। क्या गठबंधन है! पहले कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाओ, उसके बाद इस्तीफा देकर कांग्रेस की मदद के लिए पूरे देश का दौरा करो और पिछले दरवाजे से दिल्ली का प्रशासन कांग्रेस को सौंप दो।” उन्होंने सवाल किया कि चुनाव हारने के बावजूद दिल्लीे का प्रशासन कांग्रेस के पास क्यों है? श्री मोदी ने कहा, “उन्हें भारत की चिंता नहीं थी। वे सिर्फ कांग्रेस की मदद करना चाहते हैं”
श्री मोदी ने याद किया कि भाजपा और जन संघ कई वर्षों तक विपक्ष में रहे। उस समय भी जबकि उनकी टिकिट पर जीतने वाले पार्षदों की संख्या भी कम थी। फिर भी पार्टी ने अथक परिश्रम किया और सरकार को कटघरे में रखकर खुद जनता के निकट रहकर काम किया। उन्होंने उन लोगों से सवाल किया जो कैमरों के साथ दिल्ली के रैन बसेरों में गये थे। मोदी ने कहा कि उन लोगों ने अब दिल्ली को क्यों भुला दिया। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में जो अनुभव चाहिए उसका स्पष्ट अभाव था। लोग गलतियों को माफ कर सकते हैं लेकिन धोखे को नहीं। दिल्ली् की जनता को अपने अनुभव के आधार पर निर्णय करना चाहिए।”
यूपीए सरकार के शिथिल प्रदर्शन पर टिप्प्णी करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी दशक में किसी भी सरकार का प्रदर्शन इतना बेकार नहीं था जितना यूपीए सरकार का पिछले दशक में रहा है। उन्होंने अल्पसंख्यक समाज के प्रति कांग्रेस की गंभीरता का जिक्र भी किया। उन्होंने महिला सुरक्षा के प्रति भी यूपीए सरकार की उदासीनता को उजागर करते हुए कहा कि जिस तरह सरकार निर्भय फंड से धनराशि खर्च करने में नाकाम रही है, इससे यह जाहिर होता है।
दिल्ली की 7 लोक सभा सीट से भाजपा के उम्मीरदवार- डाक्टर हर्षवर्धन (चांदनी चौक), मीनाक्षी लेखी (नई दिल्लीी), श्री महेश गिरि (पूर्वी दिल्ली), श्री प्रवेश वर्मा (पश्चिम दिल्ली) श्री रमेश बिधूड़ी (दक्षिण दिल्ली्) डा उदित राज ( उत्तेर-पश्चिम दिल्ली), श्री मनोज तिवारी(पूर्वोत्त्र दिल्ली ) रैली में उपस्थित थे। श्री वी के मल्होत्रा और श्री विजय गोयल भी इस मौके पर मौजूद रहे।