प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुरुवार को बिहार के बक्सर और सीवान में आयोजित विशाल जन-सभाओं को संबोधित किया और राज्य की जनता से बिहार में विकास और युवाओं की तकदीर बदलने के लिए राज्य में भारतीय जनता पार्टी की अगुआई में दो-तिहाई बहुमत की राजग सरकार बनाने की अपील की।
प्रधानमंत्री ने महागठबंधन को महास्वार्थबंधन बताते कहते हुए कहा कि एक तरफ तो हम विकास की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ वे आरक्षण पर झूठ फैलाने में मशगूल हैं। उन्होंने कहा कि जब आरक्षण पर चर्चा शुरू हुई तो सबने एक साथ डंके की चोट पर यह कहा कि इस देश में संप्रदाय के आधार पर आरक्षण नहीं देना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी निर्णय दिया कि 50 फीसद से अधिक आरक्षण देने का किसी को हक नहीं है, अब आगे बढ़ने के लिए उसमें से ही बेमानी करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि लालू, नीतीश और सोनिया पाप की योजनाएं बना रहे हैं और ये सभी लोग दलितों-महादलितों, पिछड़ो-अतिपिछड़ों के पांच फीसद आरक्षण को छीनकर इसे दूसरे सम्प्रदाय को देने का षड़यंत्र कर रहे हैं। उन्होंने आरक्षण पर महागठबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि बाबा साहब ने कहा था, धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं देना चाहिए और यदि किसी ने भी आपका आरक्षण छीनने का प्रयास किया तो मोदी अपनी जान की बाजी लगा देगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने अति-पिछड़ा होने का दर्द जिया है और मैं जनता को आश्वस्त करना चाहता हूँ कि मेरे जीते-जी दलित-पिछड़ों का आरक्षण कम नहीं होगा, इस साजिश को मैं कभी भी पूरा नहीं होने दूंगा। श्री मोदी ने कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि महिलाओं के आरक्षण में रुकावट बनने वाले लालू - नीतीश की जोड़ी के साथ समझौता क्यों किया, उन्हें इसका जवाब राज्य की जनता को देना होगा।
प्रधानमंत्री ने बिहार में विकास की चौतरफा जरूरत पर बल देते हुए कहा कि बिहार के विकास के लिए मेरा छह-सूत्रीय कार्यक्रम है - तीन सूत्रीय कार्यक्रम बिहार राज्य और तीन सूत्रीय कार्यक्रम बिहार के परिवारों के लिए। उन्होंने कहा कि बिहार राज्य के लिए मेरा तीन सूत्र है - बिजली, पानी और सड़क। उन्होंने कहा कि बिजली मिलने पर यहां के जीवन में बदलाव आएगा, उद्योग-कारखाने लगेंगें, पानी मिलेगा तो खेतों से सोना उगलेगा और सड़क ठीक हो गई तो बिहार की रफ्तार बढ़ जाएगी। श्री मोदी ने कहा कि राज्य के परिवारों के लिए मेरा तीन सूत्र है - पढ़ाई, कमाई और तीसरा दवाई। उन्होंने कहा कि गरीब से गरीब को बिहार में ही अच्छी पढ़ाई मिलनी चाहिए, बिहार से नौजवानों का पलायन रुकना चाहिए, उन्हें यहीं पर रोजगार मिलना चाहिए एवं बिहार के बुजुर्गों के लिए यहीं दवाई दवाई का बंदोबस्त होना चाहिए।
बिहार की गौरवमयी संस्कृति और महान परम्परा का जिक्र करते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बिहार की जनता ने चाणक्य की नीतियों को आत्मसात कर लिया है, हिंदुस्तान में अगर कहीं राजनीति की समझ है तो बिहार में हैं। उन्होंने महागठबंधन के नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि अब आप बिहार को बेवकूफ नहीं बना सकते, यह 1990 का बिहार नहीं, 2015 का बिहार है, आप 21वीं सदी के बिहार को अब बर्बाद नहीं कर सकते। प्रधानमंत्री ने बिहार की जनता काफी समझदार है। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ने 35 सालों तक कांग्रेस को राज्य में शासन का अधिकार दिया लेकिन कांग्रेस ने बिहार में विकास को बाधित करने का काम किया, परिणाम यह हुआ कि बिहार की जनता ने कांग्रेस को राज्य से समूल उखाड़ फेंका। उन्होंने कहा कि इसी तरह श्री लालू यादव ने जनता को धोखा देकर, अगड़ी जाति - पिछड़ी जाति के सौहार्द्र को बिगाड़ने की राजनीति करके 15 सालों तक शासन किया, बिहार की जनता ने उनको भी फिर से बिहार में पैर जमाने का कोई मौक़ा नहीं दिया। श्री मोदी ने कहा कि अब लालू जी के छोटे और अहंकारी भाई नीतीश कुमार की बारी है, बिहार की जनता उन्हें भी माफ़ नहीं करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर नीतीश कुमार को बिहार की भलाई और अहंकार में से चुनाव करना हो तो वह बिहार की भलाई के बजाय, अहंकार का चुनाव करेंगें।
श्री नरेन्द्र मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार आगे बढ़ना चाहता है जबकि महागठबंधन के लोग वही घिसी-पिटी राजनीति करके किसी भी तरह राज्य की सत्ता पाना चाहती है। उन्होंने कहा कि लालू-नीतीश की जोड़ी ने बिहार की दो-दो पीढ़ियों को बर्बाद करके रख दिया है और बिहार की जनता लालू, नीतीश और सोनिया जी को कभी माफ़ नहीं करेगी।
प्रधानमंत्री ने लालू यादव और नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे बिहार के विकास की बात नहीं करते लेकिन हर रोज दोनों में कौन मोदी को कितने चांटे मारेगा, इसकी प्रतिस्पर्धा चल रही है। उन्होंने कहा कि हमारा रास्ता है विकास के जरिये बिहार को समृद्धि की नई ऊंचाइयों पर ले जाने का, उनका रास्ता है मोदी को बदनाम करने का, फैसला बिहार की जनता को करना है। उन्होंने कहा कि बिहार विधान सभा का यह चुनाव बिहार से भ्रष्टाचार जैसी बुराइयों को खत्म करने का है। उन्होंने कहा कि मैंने बिहार में विकास के जरिये बदलाव लाने का संकल्प कर लिया है।
प्रधानमंत्री ने लोगों से पूछा कि 21वीं सदी में बिहार के लोगों को बिजली मिलनी चाहिए या नहीं। उन्होंने कहा कि नीतीश जी कहते हैं, हम युवाओं को कंप्यूटर देंगे, मैं पूछना चाहता हूँ कि बगैर बिजली के, कंप्यूटर का क्या करेंगे। उन्होंने कहा कि नीतीश जी, आपके कंप्यूटर में तो लालू वायरस चिपका हुआ है, उसमें से तो जंगलराज, अपराध, अपहरण, भ्रष्टाचार और महिलाओं का उत्पीड़न भी निकलेगा, बिहार के युवाओं को ऐसा कंप्यूटर नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने बिहार को रोशन करने के लिए 1300 मेगावाट बिजली कारखाना एक हजार रुपये के खर्च कर लगाने का संकल्प किया है और इसके लिए 600 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है।
हमारा इरादा बिहार का विकास है और इसलिए हमने 1.65 लाख करोड़ रुपये की राशि बिहार के विकास के लिए आवंटित किया जो बिहार का में विकास की रफ़्तार को तेज करेगी और बिहार के नौजवाओं का भविष्य बदलेगा।
श्री नरेन्द्र मोदी ने लालू-नीतीश को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि लालू-नीतीश जी, अभी चुनाव समाप्त होने में पांच-सात दिन बचे हैं, आपके पास जितना कीचड़ है उछाल दो, जितनी गालियां बाँकी है, दे लो लेकिन आप इस बात को याद रखो कि आप जितना कीचड़ उछालोगे, उतना कमल खिलेगा। उन्होंने कहा कि मोदी को चांटे मारने हो तो मार लो लेकिन बिहार का भला तो करो।
नीतीश कुमार और लालू यादव पर तंज करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जनता अब इनके साथ नहीं है, इसलिए अब ये तंत्र-मंत्र का सहारा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं बिहार की जनता से पूछना चाहता हूँ, आपको लोकतंत्र चाहिए या तंत्र-मंत्र। उन्होंने कहा कि 200 साल पुराणी मानसिकता वाले लोगों के साथ बिहार में विकास नहीं हो सकता, बिहार को तंत्र-मंत्र नहीं चाहिए, रोजगार चाहिए।
बिहार में विगत 25 साल के लालू और नीतीश के शासनकाल पर हमला करते हुए कहा, "इन लोगों के शासनकाल में बिहार बर्बादी के कगार पर पहुँच गया है। नौजवानों, गरीबों, दलितों-महादलितों, पिछड़ों-अतिपिछड़ों की जिंदगी में कोई बदलाव नहीं आया, इनके कल्याण के लिए कोई योजना नहीं बनाई गई, इसके उलटे तो लालू जी के शासनकाल में दलितों और पिछड़ों पर अत्याचार की नई कहानी लिखी गई। उन्होंने कहा कि नीतीश और लालू बिहार को बेचने के लिए निकले हैं। 25 साल तक जनता के द्वारा दिए गए जनादेश का तो कम-से-कम सम्मान करना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 60 सालों तक बिहार को बर्बाद कर देने वाले लोगों को चुन-चुन कर साफ़ कर देने का समय आ गया है।" उन्होंने जनता का आह्वान करते हुए कहा कि बुराइयों को आप नहीं हटाएंगे तो अच्छे लोगों का आना मुश्किल होगा।
प्रधानमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि विकास के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए न तो लालू जी तैयार हैं और न ही नीतीश कुमार। उन्होंने कहा कि इस के बार में मैं कांग्रेस से भी पूछना चाहता हूं, खैर, कांग्रेस को तो बिहार में कोई पूछता ही नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मैदान में ही नहीं है, उन्होंने 40 सीटें तो राजग को ऐसे ही दे दीं।
श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अगर भारत को हमें विकसित करना है तो देश के सभी इलाकों और सभी समाजों का विकास एक साथ होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिर्फ पश्चिमी छोर को आगे बढ़ाते चले जाएंगे तो देश पूरी तरह आगे नहीं बढ़ सकता, देश तो तब आगे बढ़ेगा, जब देश के पश्चिमी छोर के साथ पूर्वी हिंदुस्तान भी आगे बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "देश में पहली हरित क्रांति पंजाब-हरियाणा से आई, दूसरी बिहार से आएगी। उन्होंने कहा कि बिहार प्राकृतिक संसांधनों से भरपूर है, बिहार के पास पानी और उपजऊ जमीन है, यहां के किसान मेहनती हैं। बिहार के किसानों को मौका मिले तो मिट्टी से सोना उपजा दें। पंजाब पांच नदियों का उपयोग करके कितना आगे पहुंच गया लेकिन यहां नहरों में पानी नहीं है। मनरेगा में यहां की नहरों की सफाई करवा देते तो भी यहां के खेतों में पानी पहुंच जाता, लेकिन नहीं किया गया। बिहार ऐसा इलाका है जो देश का पेट भरने की ताकत रखता था लेकिन आज बिहार का युवा बाहर जाने को विवश है। हम ऐसी स्थिति को रोकेंगे।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि सभा में उमड़ी भीड़ बिहार में आनेवाले परिवर्तन की कहानी कहने के लिए पर्याप्त है। उन्होंने कहा कि यह रैली नहीं, रेला भी नहीं, ये तो परिवर्तन का मेला है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार बिहार दो-दो दिवाली मनाने वाला है। उन्होंने कहा कि बिहार में बड़े भाई - छोटे भाई के जुल्मो-सितम का अंत आठ नवंबर को होने वाला है। प्रधानमंत्री ने लालू-नीतीश की जोड़ी पर निशाना साधते हुए कहा कि बड़े भाई-छोटे भाई ने मिलकर बिहार में 25 साल सरकार चलाई, इस चुनाव में उन्हें 25 साल का हिसाब देना चाहिए, लेकिन वे ऐसा नहीं कर रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि यह चुनाव बिहार को अगड़ा बनाने की लड़ाई का चुनाव है, हम बिहार को देश का अगड़ा राज्य बनाने को लेकर कृतसंकल्पित हैं। उन्होंने कहा, यह भारतवर्ष के लिए शुभ संकेत है कि देश का मतदाता अब विकास के मुद्दे पर चुनाव चाहता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज बिहार में जेल में से चुनाव के लिए प्रत्याशियों की टिकटें बेची जा रही है, निर्दोषों को मौत के घाट उतारा जा रहा है, गुंडागर्दी पूरी ताकत से मैदान में कूद पड़ी है और बिहार में जंगलराज फिर से दस्तक देने लगा है। उन्होंने जनता का आह्वान करते हुए कहा कि बिहार से जंगलराज के खात्मे के लिए, बिहार के युवाओं के सपनों को साकार करने के लिए, बिहार को देश का सबसे अगड़ा राज्य बनाने के लिए, दलितों, पिछड़ों और गरीबों के कल्याण के लिए, महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए और राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए आने वाले चरणों में भारी मात्रा में मतदान कीजिये और दो - तिहाई बहुमत से भाजपा की अगुआई में बिहार में राजग की सरकार बनाइए।