प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे भाजपा का सौभाग्य मानते हैं कि लगातार प्रयासों के बाद बाबा साहब से जुड़े तीर्थ स्थलों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित करने में सफलता मिल रही है। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी कई अवसरों पर यहां जाने का अवसर प्राप्त हुआ है। चाहे अंबेडकर की जन्मस्थली महू जाने का अवसर हो या महाराष्ट्र में इन्दू मिल की जमीन खरीद कर चैतन्य भूमि पर स्मारक के विकास करने की पहल; नागपुर में दीक्षास्थल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित करने की बात हो या दिल्ली में बाबा साहेब के महापरिनिर्वाण स्थल और 15 जनपथ पर स्मारक बनाने की कोशिश – सरकार जी-जान से पंचतीर्थों के विकास में जुटी हुई है।
- महू में स्मारक - डॉ अम्बेडकर की जन्मस्थली महू जाकर 14 अप्रैल, 2016 को प्रधानमंत्री ने अम्बेडकर स्मारक पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने इस स्मारक को भव्य रूप दिया है। जबकि इस स्मारक की आधारशिला मध्य प्रदेश में तत्कालीन मुख्यमंत्री सुंदर लाल पटवा ने ही रखी थी।
आज यह स्मारक बाबा साहेब के प्रति श्रद्धा रखने वाले लोगों के लिए एक तीर्थ स्थल बन चुका है। यहीं से प्रधानमंत्री ने ‘ग्राम उदय से भारत उदय’ का शंखनाद किया। बाबा साहब की सोच और गरीबों के लिए उनके योगदान की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि बाबा साहब के सिद्धांत को समझने के लिए श्रद्धा का भाव भी होना चाहिए।
- नागपुर में दीक्षा स्थल पर स्मारक- महाराष्ट्र में भाजपा सरकार बनने के बाद दीक्षा भूमि को ए क्लास पर्यटन स्थल का दर्जा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर बाबा साहेब की 125वीं जयंती वर्ष में ये एलान किया गया। यह मांग बहुत पुरानी थी। ए क्लास का दर्जा पाने के बाद से दीक्षा भूमि का तीव्र विकास शुरू हो गया है। स्मारक स्थल को विश्वस्तरीय बनाया जा रहा है।
- चैतन्य भूमि में स्मारक - मुम्बई में चैतन्य भूमि पर बाबा साहब अम्बेडकर स्मारक को विकसित करने का काम प्रगति पर है। इसमें कई अवरोध पैदा हुए। खासकर इन्दू मिल से 12.5 एकड़ जमीन का मामला सालों से अटका पड़ा था। जमीन हस्तांतरित करने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही थी। जब महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से उन्होंने केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी के साथ मिलकर इस प्रक्रिया को सहज बनाया। कुछ दिन पहले 25 मार्च को यह काम भी हो गया। महाराष्ट्र सरकार ने इंदू मिल की जमीन खरीदकर यहां स्मारक स्थल बनाने की पहल की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में ही यहां आकर भूमि पूजन किया।
प्रधानमंत्री ने समारोह के दौरान कहा कि स्मारक स्थल सिर्फ चूने, पत्थर और ईंटों द्वारा भव्य नहीं बनेगा, बल्कि इसमें जन भागीदारी भी आवश्यक होगी। मोदी ने महाराष्ट्र के 40 हजार गांवों और देश के सभी राज्यों से एक-एक पेड़ लाकर वहां हरियाली के बीच शांति स्थल बनाने की अपील की थी। अब चैतन्य भूमि में हरियाली है और देश-दुनिया से लोग यहां आकर चिंतन-मनन करते हैं।
- जनपथ में अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर- नयी दिल्ली के जनपथ मार्ग पर अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर तैयार किया जा रहा है। पर्यटन की दृष्टि से यह स्थल लोगों को आकर्षित करेगा, वहीं बाबा साहेब अम्बेडकर के अनुयायी यहां आकर उनके आदर्शों और सिद्धांतों से जुड़ सकते हैं।
- अलीपुर रोड पर अम्बेडकर मेमोरियल - राजधानी दिल्ली के 26, अलीपुर रोड स्थित बंगले में डॉ अम्बेडकर का महापरिनिर्वाण हुआ। यहां अनूठे आकार वाली बिल्डिंग की नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी। प्रधानमंत्री बाबा साहेब के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक योगदानों को याद करते हुए कहते हैं कि उन्हें किसी खास वर्ग के लिए समेटना उनके साथ अन्याय होगा। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को स्मरण करते हुए कहा था कि ‘उन्होंने ही इस संदर्भ में निर्णय लिया था।’ प्रधानमंत्री मोदी ने स्मारक के उद्घाटन की तारीख भी 14 अप्रैल, 2018 घोषित कर दी है।
पंच तीर्थ के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 नवंबर, 2015 को लंदन में अम्बेडकर स्मारक का उद्घाटन किया। महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने उस तीन मंजिले घर को खरीदा, जहां डॉ. अम्बेडकर रहा करते थे। 800 करोड़ रुपये खर्च कर उसे संग्रहालय में बदल दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसकी अहमियत बताते हुए कहते हैं कि विश्व के लोग भारत के आर्थिक चिंतन को समझने के लिए यहां आएंगे, उन्हें भारत के संबंध में समझने का अवसर मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि बाबा साहेब ने हमें सिखाया है कि जब हम राष्ट्र निष्ठा और समाज निष्ठा से काम करेंगे, तो हमारी दिशा हमेशा सही सिद्ध होगी। यही वजह है कि इतने सालों बाद भी वे सबकी प्रेरणा बने हुए हैं।