खेल महाकुम्भ 2012 का शानदार समापन
कुश्ती के खेल को ओलम्पिक में से बाहर किए जाने के खिलाफ आवाज उठाए भारत: श्री मोदी
92 हजार जितने शारीरिक-मानसिक अक्षम खिलाड़ियों का रिकॉर्ड
भारत में सबसे विराट राज्य खेलोत्सव का गौरव हासिल किया गुजरात ने
महेसाणा के देवीपूजक समाज की शारीरिक अक्षम माया द्वारा हॉकी में वैश्विक प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीते जाने पर 2 लाख का विशेष पुरस्कार राज्य सरकार ने दिया
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज खेल महाकुम्भ के समापन अवसर पर कहा कि आगामी ओलम्पिक खेलों में से कुश्ती जैसे अतिप्राचीन खेल को बाहर करना भारत के लिए अपमानजनक है। इस पर आक्रोश जताते हुए श्री मोदी ने कहा कि इतने पुराने खेल में भारत सहित एशियन देशों के खिलाड़ियों ने अपना कौशल्य दिखाया है ऐसे में भारत सरकार और प्रधानमंत्री को पहल करके हजारों वर्ष के कुश्ती खेल को ओलम्पिक खेलों से बाहर करने के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। समग्र खेल जगत के लोगों को हिम्मत से कुश्ती के खेल की महिमा को आधुनिकता के नाम पर नष्ट करने के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। सिर्फ कुश्तीबाजों ही नहीं बल्कि एशिया और भारत की कुश्ती के खेल को आधुनिकता के नाम पर खत्म करने का यह षड्यंत्र है।
गुजरातभर में खेलकूद प्रवृत्ति का सार्वत्रिक वातावरण उजागर करने वाले राज्य के तीसरे खेल महाकुम्भ 2012 का आज अहमदाबाद में शानदार समापन हुआ। लगातार तीसरे वर्ष के इस खेल महाकुम्भ में 21 खेलों में करीब 25 लाख जितने खिलाड़ियों-महिलाओं ने अभूतपूर्व उत्साह से भाग लिया। इस खेल महाकुम्भ की विशेषता यह भी थी कि विकलांग स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में 92 हजार जितने शारीरिक अक्षम खिलाड़ियों ने भी भाग लिया। इस खेल महाकुम्भ में 43 युवाओं और 29 युवतियों ने विभिन्न खेलों के नये रिकॉर्ड स्थपित किए। कुल 399 गोल्ड मेडल, 399 सिल्वर मेडल और 494 ब्रॉंन्ज मेडल सहित कुल 1272 मेडल खिलाड़ियों ने जीते। 8 लाख महिला खिलाड़ियों ने इसमें भाग लेकर नारीशक्ति का कौशल्य दिखलाया है।
साउथ कोरिया में आयोजित स्पेशियल वर्ल्ड विकर गेम 2013 में महिला हॉकी में मेहसाणा के श्रमजीवी परिवार की माया देवीपूजक ने विश्वस्तरीय हॉकी का स्पेशियल एबल्ड विजेता का गोल्ड मेडल हासिल कर गुजरात की नारीशक्ति के कौशल्य की ऊंचाई दर्शाई है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए माया को सार्वजनिक तौर पर सम्मानित करते हुए 2 लाख का विशेष पुरस्कार प्रदान किया। श्री मोदी ने राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार और शील्ड-पदकों का वितरण करते हुए इस खेल म्हाकुम्भ में भाग लेने वाले सभी नागरिकों को शुभकामनाएं दी। 18 जनवरी से 13 फरवरी तक आयोजित इस खेल महाकुम्भ की शानदार सफलता और आन,बान,शान बरकरार रखने के लिए सभी सहयोगियों को शुभकामनाएं देते हुए श्री मोदी ने कहा कि विजय के विश्वास के साथ गुजरात की समग्र पहचान खेल के क्षेत्र में हुई है।
प्रेक्टिस, परफॉर्मेंस और प्रोग्रेस द्वारा खेलकूद के क्षेत्र में तथा गुजरात के सामाजिक जीवन में खेल महाकुम्भ ने मजबूत कदम उठाया है। 72 जितने खेलों में पुराने रिकॉर्ड तोड़कर नये रिकॉर्ड स्थापित कर गुजरात ने खेल के महात्म्य को स्वीकार किया है। सामाजिक जीवन में खेलदिली प्रगट करने में यह खेल महाकुम्भ उद्दीपक बना है। नयी जिन्दगी जीने के लिए खेल महाकुम्भ ने नये प्राण फूंके हैं। शारीरिक क्षति वाले 92 हजार खिलाड़ियों ने इसमें भाग लेकर गुजरात को गौरव दिलवाया है। आगामी समय में शारीरिक क्षति वाले लोगों के लिए संवेदनशील गुजरात ने विशेष विकलांग खेलोत्सव आयोजित किया है, जिसकी ओर दुनिया को नजर करनी होगी। समाज की सामुहिक शक्ति और समग्र राज्य खिलाड़ियों का गौरव करे ऐसा वातावरण तैयार करने पर मुख्यमंत्री ने बल दिया।
दुनिया के देशों का ध्यान गुजरात के स्पोर्ट्स डवलपमेंट पर गया है। आस्ट्रेलिया की युनिवर्सिटी के साथ समझौता करार खेलों के विकास के लिए गुजरात ने किये हैं। फ्रांस की स्पोर्ट्स कम्पनी भी गुजरात में आ रही है। इस मौके पर खेलकूद मंत्री रमणलाल वोरा और आस्ट्रेलिया हाईकमिशन के ट्रेड कमिश्नर टॉम काल्डर ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में साबरकांठा और बनासकांठा की अंडर 16 रस्साखेंच प्रतियोगिता भी आयोजित की गई जिसमें बनासकांठा की जीत हुई। यहां पर मंत्री श्रीमती आनन्दीबेन पटेल, गणपतभाई वसावा, प्रदीप सिंह जाड़ेजा, मेयर असितभाई वोरा, सांसद, विधायक, मनपा काउंसिलर, डीजीपी चितरंजन सिंह, खेलकूद विभाग के सचिव भाग्येश झा, स्पोर्ट्स अथॉरिटी गुजरात के डायरेक्टर जनरल विकास सहाय के साथ ही कई उच्च पदाधिकारी, अग्रणी मौजूद थे।