१० जिलों के ११००० से अधिक आदिवासियों को मुख्यमंत्री ने प्रदान किये वन अधिकार पत्र
झालोद के आदिवासी अधिकार और सशक्तिकरण कार्यक्रम में उमड़ा आदिवासी जनसैलाब
मुख्यमंत्री की घोषणा- वन अधिकार पत्र के धारकों को मिलेंगे सभी सरकारी योजनाओं के लाभ
- सभी आदिवासी तहसीलों में शुरू होगा मेडिकल कॉलेज में प्रवेश परीक्षा के लिए तालीम केन्द्र
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को झालोद में आयोजित मध्य गुजरात क्षेत्र के आदिवासी सशक्तिकरण सम्मेलन में कहा कि जिन आदिवासियों को जंगल की जमीन के अधिकार पत्र मिले हैं उन्हें सभी सरकारी योजनाओं के लाभ मिलने पात्र हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की प्रत्येक आदिवासी तहसीलों में आदिवासी विद्यार्थियों को मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए सशक्त बनाने हेतु मेडिकल प्रवेश परीक्षा के तालीम केन्द्र शुरू किए जाएंगे।
राज्य सरकार के आदिवासी कल्याण विभाग के उपक्रम से आदिवासी अधिकार और सशक्तिकरण का यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। दाहोद जिले के झालोद में मध्य और उत्तर गुजरात के १० जिलों के ११००० से अधिक आदिवासियों को श्री नरेन्द्र मोदी ने वन अधिकार पत्रों का वितरण किया। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने बारह वर्ष से आदिवासियों के कल्याण को प्राथमिकता दी है। आदिवासियों के वन अधिकार पत्र १.१० लाख लोगों को प्रदान किये जा चुके हैं तथा १० लाख एकड़ से अधिक जंगल की भूमि की कीमत ही ३००० करोड़ रुपये होने जा रही है। इससे आदिवासियों के जीवन में कितना बड़ा गुणात्मक बदलाव आएगा, इसकी कल्पना जो लोग गुजरात को बदनाम करते हैं उनकी समझ में नहीं आ सकती।
उन्होंने कहा कि आदिवासियों के ४ लाख आवास के लिए मकान निर्माण सहायता चुकाने का भगीरथ कार्य इस सरकार ने किया है।
गुजरात के १५ जिलों में करीब ६३००० आदिवासियों को अब तक कुल २२७५ करोड़ रुपये की जंगल की जमीन के अधिकार राज्य की वर्तमान सरकार ने दे दिये हैं। वन अधिकार पत्रों के हक-दावा के नये २३००० प्रमाणों को मान्य रखने की पुनः जांच की गई थी।
आज विशाल आदिवासी जनसमूह की उपस्थिति में १४ करोड़ रुपये की विविध योजनागत सहायता का वितरण भी मुख्यमंत्री ने किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अंबाजी से लेकर उमरगाम तक के आदिवासी पट्टे में आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा और सशक्तिकरण का भगीरथ अभियान सरकार ने चलाया है। आदिवासी विकास की सच्ची दिशा का अनुभव कर रहे हैं।
गुजरात-छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश और राजस्थान समेत देश के कुल ४० फीसदी आदिवासियों की सेवा करने का सौभाग्य भाजपा की सरकारों को मिलने की भूमिका पेश करते हुए श्री मोदी ने कहा कि हिन्दुस्तान में गुजरात का समग्र आदिवासी पट्टा आगामी दशक में आदिवासी सशक्तिकरण के जरिए विकास में नई ऊंचाई हासिल करेगा।
गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि वोट बैंक के नाम पर दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक समाज का शोषण करने वाली तथा खुद को उनकी ठेकेदार समझने वाली कांग्रेस पर से इन वर्गों का भरोसा उठ गया है। गरीबी, गुलामी और परवशता की जिंदगी में विकास के टुकड़े फेंककर जिसने देश के गरीब, दलित, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों को विकास से वंचित रखा था उन्हें हाशिये पर डाल हाल में घोषित चार राज्यों के चुनाव परिणामों ने साबित किया है कि दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यक समाजों ने विकास के मार्ग के लिए भाजपा पर भरोसा रखा है। यह भविष्य के सशक्त भारत में उनकी भागीदारी का उज्जवल संकेत बताता है। १५००० करोड़ रुपये वनबंधु कल्याण योजना के पहले पांच वर्ष में शिक्षा के क्षेत्र मं आदिवासी इलाके में गुजरात द्वारा अंजाम दी गई क्रांति का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि आदिवासियों की युवा पीढ़ी के सशक्तिकरण के लिए आईटीआई, विज्ञान संकाय की स्कूल, इंजीनियरिंग कॉलेज, नर्सिंग और फिजियोथेरापी कॉलेज तथा एग्रोपॉलिटेक्निक कॉलेज हर तहसील में बनाई है। १३३ आदिवासी युवा विदेशों में अध्ययनरत हैं जबकि २१ युवा पायलट बन गए हैं।
इस सरकार द्वारा विकास की गति को प्रदान की गई तेजी की भूमिका पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब ४०, करोड़ रुपये की वनबंधु योजना में ४००० करोड़ रुपये का सिंचाई प्रोजेक्ट शुरू किया है। हमनें एक ही दशक में ९२,००० कुओं का विद्युतिकरण आदिवासी क्षेत्र में किया है, जबकि पूर्व के ४० वर्ष में महज २०, कुओं को बिजली कनेक्शन मिला था।
उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों के खिलाफ शहादत को प्राप्त होने वाले और वीरता की लड़ाई में आदिवासियों की शहादत के इतिहास को कांग्रेस ने भुला दिया है। लेकिन वर्तमान सरकार ने मानगढ़ और साबरकांठा के पालचितरिया में आदिवासी शहीद स्मारक बनाकर आदिवासियों की वीरता को गौरव प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि समग्र देश में पहली बार पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ही देश के आदिवासियों के कल्याण के लिए अलग मंत्रालय बनाया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उमरगाम से अंबाजी के पट्टे में जलाशयों और पर्वतीय प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटन विकास और आर्थिक प्रवृत्ति का विशाल क्षेत्र बन सकता है, लेकिन भूतकाल की किसी सरकारों में यह दृष्टि नहीं थी। इस सरकार ने अब आदिवासी क्षेत्र के पूर्वी पट्टे में इन प्राकृतिक पर्यटन स्थलों को विकसित कर आदिवासी रोजगार की नई दिशा अपनायी है।
आदिवासियों की खेतीबाड़ी और पशुपालन में आर्थिक वृद्धि के लिए वनबंधु कल्याण योजना ने बहुत बड़ी सफलता हासिल की है। ऑर्गेनिक खेती के लिए भी आदिवासी किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
पूज्य ठक्करबापा सहित आदिवासी समाज की सेवा करने वाले मूकसेवकों को आदर अंजली देते हुए दाहोद जिला प्रभारी और शिक्षा मंत्री भूपेन्द्रसिंह चूड़ास्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आदिजाति विकास में बाधा बनी मूल समस्याओं को समझते हुए उनके निराकरण का और आदिवासी समाज के विकास और सुख-समृद्धि का सुचारु आयोजन किया है। उन्होंने अनुरोध किया कि आदिवासी राज्य सरकार के मार्गदर्शन से खेती की मुख्य फसल मकई का मूल्यवर्द्धन करना सीखें, काजू सरीखी नई खेती अपनाएं और बच्चों को उच्च शिक्षा प्रदान करें।
आदिजाति विकास और वन मंत्री गणपतसिंह वसावा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने एक दशक में आदिजाति विकास के लिए ७३,८०० करोड़ रुपये की राशि का भगीरथ आयोजन किया है। भूतकाल की विरोधी दल की सरकारों ने आदिवासियों को विकास से वंचित रखा था और केवल वोट बैंक के रूप में इस समाज का इस्तेमाल किया था। मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आदिवासी समाज के बड़े भाई हैं। इस सरकार को आदिवासियों और गरीबों की सरकार बताते हुए उन्होंने अनुरोध किया कि आदिवासी समाज श्री नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनने का आशीर्वाद दे।
गुजरात विधानसभा उपाध्यक्ष मंगूभाई पटेल ने आदिजाति कल्याण क्षेत्र में गुजरात को मॉडल राज्य करार देते हुए कहा कि गुजरात राज्य के इतिहास में आदिजाति विकास का अभूतपूर्व एवं व्यापक कार्य मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हुआ है।
आदिजाति कल्याण राज्य मंत्री जशवंतसिंह भाभोर ने कहा कि आदिवासी विकास का जो काम आदिवासी मुख्यमंत्री के शासनकाल में नहीं हो सका वह काम मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के शासनकाल में हुआ है। इस सरकार ने आदिवासियों के सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक सहित सर्वांगीण विकास का पू.ठक्करबापा का स्वप्न साकार किया है।
दस जिलों में आदिवासी अधिकार और सशक्तिकरण कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए दाहोद जिला के प्रशासन को बधाई देते हुए आदिजाति विकास विभाग के प्रधान सचिव अरविंद अग्रवाल ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि वन अधिकार कानून के तहत गुजरात में ६४ हजार दावों को स्वीकृति प्रदान की गई है।
कार्यक्रम में परबतभाई पटेल, लीलाधरभाई वाघेला, जयद्रथसिंह परमार सहित मंत्रिमंडल के सदस्य, सांसद, विधायकगण, जिला पंचायत अध्यक्ष, पूर्व मंत्रीगण, पूर्व सांसद-विधायक, निगम के अध्यक्ष, दाता, अग्रणी और महानुभावों सहित जिला प्रभारी सचिव भाग्येश झा तथा उच्च अधिकारी, जिला कलक्टर डी.ए. सत्या व उच्चाधिकारियों सहित विशाल तादाद में वनबंधु मौजूद थे।