Quoteप्रधानमंत्री मोदी ने हिमाचल प्रदेश में पर्यटन को विकसित करने पर बल दिया 
Quoteहिमाचल में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार हिमाचल में सर्वोत्तम सड़कें बनाने के लिए प्रतिबद्ध: प्रधानमंत्री 
Quoteहिमाचल प्रदेश के लोग कांग्रेस को इन चुनावों में सबक सिखाने के लिए तैयार हैं: प्रधानमंत्री मोदी 
Quoteपीएम मोदी ने कहा, हिमाचल में कांग्रेस के भ्रष्ट शासन के खिलाफ ‘तूफान’ उठ गया है
Quoteहम युवाओं के लिए कमाई, बुजुर्गों के लिए दवाई, और बच्चों के लिए पढ़ाई सुनिश्चित करेंगे: प्रधानमंत्री मोदी 
Quoteकांग्रेस और भ्रष्टाचार एक-दूसरे से कभी अलग नहीं हो सकते: कुल्लू में प्रधानमंत्री मोदी 
Quoteविश्व पटल पर भारत को मिल रहा सम्मान देश के 125 करोड़ भारतीयों की वजह से है: प्रधानमंत्री मोदी 
Quoteहिमाचल प्रदेश के लोग न सिर्फ बीजेपी को चुनने के लिए बल्कि भ्रष्ट कांग्रेस सरकार को दंडित करने के लिए भी मतदान करेंगे: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज हिमाचल प्रदेश के ऊना, पालमपुर और कुल्लू में तीन जनसभाओं को संबोधित किया। तीनों स्थानों पर प्रधानमंत्री को सुनने के लिए भारी भीड़ उमड़ी। उन्होंने ऊना को गुरुओं की भूमि, पालमपुर को देवी-देवताओं की नगरी और कुल्लू को बिजली महादेव की धरती कहकर संबोधित किया और कहा कि मैं यहां आकर स्वयं को सौभाग्यवान समझता हूं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमाचल का भाग्य और भव्यता को निर्धारित करने के लिए इस बार का चुनाव हो रहा है। श्री मोदी ने लोगों से 9 नवंबर को रिकॉर्ड मतदान की अपील की। उन्होंने कहा कि इस बार का चुनाव कोई पार्टी नहीं, बल्कि जनता-जनार्दन लड़ रही है। श्री मोदी ने कहा, ''यहां की जनता-जनार्दन कांग्रेस की सल्तनत को उखाड़ फेंकने के लिए चुनाव लड़ रही और यहाँ हवा का रूख साफ बता रहा है कि ऐसा ही होने वाला है।‘’

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प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में भ्रष्टाचार को खत्म करने का लक्ष्य लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं और इसमें जनता का साथ आवश्यक है। उन्होंने कहा कि गैस सब्सिडी के नाम पर हजारों करोड़ का घोटाला चल रहा था, लेकिन सरकार के प्रयास से 57 हजार करोड़ रुपये बचाए जा सके हैं। श्री मोदी ने कहा कि सामान्य लोगों की आशा-आकांक्षा को पूरा करना ही उनकी सरकार का उद्देश्य है। उन्होंने कहा, ''बच्चों को पढ़ाई, नौजवानों को कमाई, बुजुर्गों को दवाई सहज रूप से उपलब्ध हो सके, वे ऐसी व्यवस्था करना चाहते हैं।''

हिमाचल प्रदेश में कनेक्टिविटी की आवश्यकता बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि रेल-वे, रोड-वे और एयर-वे के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है। श्री मोदी ने हिमाचल में टूरिज्म की असीमित संभावनाओं का उल्लेख करते हुए कहा, ''टूरिज्म ऐसा उद्योग है जिसमें बिना पूंजी के ही गरीब से गरीब व्यक्ति भी कमाई कर सकता है और सरकार इसके विकास के लिए प्रतिबद्ध है।''

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प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली में उनकी सरकार बनने के बाद कार्य संस्कृति और सोच में बड़ा बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि पूर्व की तुलना में दोगुनी गति से रेलवे लाइन बिछाई जा रही है, रेलवे लाइनों के दोहरीकरण और राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में भी तेजी आई है। श्री मोदी ने कहा कि ऊना शिक्षा का धाम बन रहा है। यहां नये आईआईटी और एम्स बनने से लोगों की सुविधाएं बढ़ेंगी।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘’विकास वह जड़ी-बूटी है जो सभी समस्याओं का समाधान करती हैं, विकास पर चर्चा होनी चाहिए।‘’ श्री मोदी ने कहा, ''हमारे देश का भविष्य एक ही बात पर निर्भर करता है कि हम विकास को प्राथमिकता कैसे दें, चारों दिशाओं में विकास का लाभ कैसे पहुंचाएं, विकास हमारे युवा पीढ़ी के सपनों का मार्ग कैसे बने।''

प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू करने के बाद शुरुआती समय में कुछ दिक्कतें रह गई थीं, जिसे दूर कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि जो समस्याएं रह गई हैं, उसके लिए आगामी 9 और 10 नवंबर को जीएसटी काउंसिल की बैठक होने वाली है, जिनमें बाकी दिक्कतों को दूर कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी समस्या का समधान उनके सभी स्टेक होल्डर्स की राय लेकर की जा रही है।

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भ्रष्टाचार के विरुद्ध संघर्ष की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नोटबंदी के कारण 3 लाख से अधिक फर्जी कंपनियों का पता लगाया गया और उनपर ताले जड़ दिए गए। उन्होंने कहा कि शुरुआती दौर में ही पांच हजार कंपनी की जांच की गई जिनमें चार हजार करोड़ रुपयों के हेर-फेर की बात पता चली है। श्री मोदी ने कहा कि सरकार बेनामी संपत्ति इकट्ठा करने वालों के विरुद्ध भी कठोर कार्रवाई करेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पालमपुर आर्थिक गतिविधियों का केंद्र है और इसके विकास को लेकर सरकार कृत संकल्पित है। उन्होंने कहा कि हिमाचल की जनता के पास एक और अवसर है जब वह दिल्ली की मोदी सरकार और हिमाचल की धूमल सरकार के डबल इंजन से प्रदेश के विकास की गति को बढ़ा सकती है।

श्री मोदी ने कहा कि हमारी सरकार गरीबों के साथ मध्यम वर्ग के लोगों के हितों का भी ध्यान रख रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल के 14 हजार परिवारों समेत देश में चार करोड़ परिवारों को नि:शुल्क बिजली कनेक्शन मुहैया कराया जाएगा। उन्होंने स्वतंत्रता के 70 वर्षों के बाद भी करोड़ों लोगों के बेघर होने पर पीड़ा जताते हुए कहा,  ''हम 2022 तक हिन्दुस्तान के हर परिवार को उनका अपना घर देंगे।''

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प्रधानमंत्री ने कहा कि यूरिया को नीम कोटिंग करवाकर कालाबाजारी रोकी गई, वहीं प्रदेश के किसानों के हित में पेय उत्पाद बनाने वाली कंपनियों को पांच प्रतिशत फलों का रस मिलाने की अनिवार्यता तय कर दी गई है। उन्होंने कहा कि राज्य से खनन माफिया, वन माफिया, ड्रग्स माफिया, टेंडर माफिया और ट्रांसफर माफिया को जड़ से खत्म कर दिया जाएगा।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश के सवा सौ करोड़ लोगों की शक्ति के कारण हिंदुस्तान का पूरी दुनिया में जय-जयकार हो रहा है। श्री मोदी ने कहा कि हिमाचल के पास नया इतिहास रचने का अवसर है और प्रदेश की जनता तीन चौथाई बहुमत देकर इस अवसर का लाभ उठाए। श्री मोदी ने कहा, ''एक बार आप मजबूत सरकार बनाइए तो आपको पता चलेगा कि सरकार के निर्णय करने की शक्ति और सामर्थ्य कितनी होती है।‘’

 

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कैबिनेट ने नेशनल स्कीम फॉर ITI अपग्रेडेशन और 5 नेशनल COE फॉर स्किलिंग की स्थापना को मंजूरी दी
May 07, 2025

भारत की व्यावसायिक शिक्षा में बदलाव लाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) के उन्नयन और कौशल विकास हेतु पांच (5) राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना के लिए एक केंद्र प्रायोजित योजना को मंजूरी दे दी है।

औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) के उन्नयन और कौशल विकास के लिए पांच (5) राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों (एनसीओई) की स्थापना की राष्ट्रीय योजना को बजट 2024-25 और बजट 2025-26 के तहत की गई घोषणा के अनुरूप एक केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में कार्यान्वित किया जाएगा, जिसमें 60,000 करोड़ रुपये का परिव्यय (केंद्रीय हिस्सा: 30,000 करोड़ रुपये, राज्य हिस्सा: 20,000 करोड़ रुपये और उद्योग हिस्सा: 10,000 करोड़ रुपये) होगा। एशियाई विकास बैंक और विश्व बैंक द्वारा समान रूप से केंद्रीय हिस्से के 50% की सीमा तक का सह-वित्तपोषण किया जाएगा।

यह योजना उद्योग जगत के अनुरूप फिर से तैयार किये गये रुझानों (पाठ्यक्रमों) के साथ हब और स्पोक व्यवस्था के तहत 1,000 सरकारी आईटीआई के उन्नयन और पांच (5) राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) की क्षमता वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करेगी, जिसमें इन संस्थानों में कौशल विकास के लिए पांच राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना शामिल है।

इस योजना का उद्देश्य, राज्य सरकारों और उद्योग जगत के सहयोग से, मौजूदा आईटीआई को सरकारी स्वामित्व वाले, उद्योग जगत प्रबंधित कौशल के आकांक्षी संस्थान के रूप में स्थापित करना है। पांच साल की अवधि में, 20 लाख युवाओं को ऐसे पाठ्यक्रमों के माध्यम से कुशल बनाया जाएगा, जिनसे उद्योग जगत की मानव पूंजी की जरूरतें पूरी होती हों। यह योजना स्थानीय कार्यबल आपूर्ति और उद्योग जगत की मांग के बीच तालमेल सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी, जिससे एमएसएमई सहित उद्योग जगत को रोजगार के लिए तैयार श्रमिकों तक पहुंचने की सुविधा मिलेगी।

अतीत में विभिन्न योजनाओं के तहत प्रदान की गई वित्तीय सहायता, विशेष रूप से अवसंरचना रखरखाव, क्षमता विस्तार और पूंजी-गहन नये युग के व्यापारों की शुरूआत के लिए बढ़ती निवेश जरूरत के संदर्भ में, आईटीआई की पूर्ण उन्नयन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपर्याप्त थी। इसे दूर करने के लिए, प्रस्तावित योजना के तहत एक आवश्यकता-आधारित निवेश प्रावधान रखा गया है, जो प्रत्येक संस्थान की विशिष्ट अवसंरचना, क्षमता और व्यापार-संबंधी आवश्यकताओं के आधार पर निधि आवंटन की सुविधा प्रदान करता है। पहली बार, यह योजना आईटीआई उन्नयन की योजना और प्रबंधन में उद्योग जगत के साथ स्थाई आधार पर गहन संबंध स्थापित करना चाहती है। यह योजना, परिणाम-आधारित कार्यान्वयन रणनीति के लिए उद्योग-नेतृत्व वाले विशेष प्रयोजन कंपनी (एसपीवी) मॉडल को अपनाएगी, जो इसे आईटीआई इकोसिस्टम में सुधार के पिछले प्रयासों से अलग बनाती है।

इस योजना के तहत, प्रशिक्षकों के बेहतर प्रशिक्षण (टीओटी) से जुड़ी सुविधाओं के लिए पांच राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) में अवसंरचना का उन्नयन किया जाएगा। ये संस्थान भुवनेश्वर, चेन्नई, हैदराबाद, कानपुर और लुधियाना में स्थित हैं। इसके अतिरिक्त, 50,000 प्रशिक्षकों को सेवा-पूर्व और सेवाकालीन प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

अवसंरचना, पाठ्यक्रम प्रासंगिकता, रोजगार योग्यता और व्यावसायिक प्रशिक्षण की धारणा में लंबे समय से चली आ रही चुनौतियों का समाधान करके, इस योजना का उद्देश्य कुशल जनशक्ति की आवश्यकता को पूरा करने में आईटीआई को सबसे आगे रखना है, जो देश की वैश्विक विनिर्माण और नवाचार महाशक्ति बनने की यात्रा के अनुरूप है। यह उद्योग जगत की मांग के अनुरूप कुशल श्रमिकों को तैयार करेगा, जिससे इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे उच्च-विकास क्षेत्रों में कौशल की कमी को दूर किया जा सकेगा। संक्षेप में, प्रस्तावित योजना प्रधानमंत्री के विकसित भारत के विज़न के अनुरूप है, जिसमें वर्तमान और भविष्य की उद्योग जगत की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कौशल विकास को एक प्रमुख क्षमता-प्रदाता के रूप में शामिल किया गया है।

पृष्ठभूमि:

भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की अपनी महत्वाकांक्षी यात्रा पर है, ऐसे में व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण, आर्थिक विकास और उत्पादकता का एक बड़ा परिचालक हो सकता है। 1950 के दशक से ही औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) भारत में व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण के मुख्य आधार रहे हैं, जिनका संचालन राज्य सरकारों के अधीन होता है। 2014 से आईटीआई नेटवर्क में लगभग 47% का विस्तार हुआ है, जो 14.40 लाख नामांकन के साथ 14,615 तक पहुंच गया है, आईटीआई के माध्यम से व्यावसायिक प्रशिक्षण से जुड़ी आकांक्षा में कमी बनी हुई है और इसे अपनी अवसंरचना और महत्त्व में सुधार के लिए प्रणालीगत हस्तक्षेप की कमी से भी जूझना पड़ा है।

हालांकि, अतीत में आईटीआई के उन्नयन का समर्थन करने के लिए योजनाएं रही हैं, लेकिन आईटीआई की पुनर्कल्पना के लिए पिछले दशक के वृद्धिशील प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम के माध्यम से विस्तार देने का यह शायद सबसे अच्छा समय है। इसमें उद्योग की जरूरतों के अनुरूप पाठ्यक्रम सामग्री और डिजाइन शामिल किया गया है, ताकि कुशल कार्यबल का एक समूह बनाया जा सके, जो विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने के लिए प्रमुख क्षमता-प्रदाताओं में से एक हो।