बिहार के विकास के लिए हमारा छह सूत्रीय कार्यक्रम - जनता के लिए पढाई, कमाई और दवाई और प्रदेश के विकास के लिए बिजली, सड़क और पानी: मोदी
मोदी को अपशब्द कहने से यदि बिहार का भला होता है तो मैं सब कुछ सहने को तैयार हूँ लेकिन बिहार का विकास होना चाहिए: नरेन्द्र मोदी
राजग के लिए बड़े से बड़ा मैदान छोटा पड़ जाता है जबकि महास्वार्थबंधन के लिए पंडाल भी बड़ा बन जाता है: प्रधानमंत्री मोदी
जब एक बार किसी से भरोसा उतर जाता है तो बिहार की जनता फिर कभी उसे गले नहीं लगाती, नीतीश कुमार का भी यही हश्र होने वाला है: प्रधानमंत्री
नीतीश और लालू के झूठ से ही उनके आरक्षण का सच बेनकाब हुआ है: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
बिहार की जनता इस बार राजग के लिए बटन दबाएगी तो वह भ्रष्टाचार के दीमक में इंजेक्शन लगाने का काम करेगा: प्रधानमंत्री मोदी
लालू-नीतीश के हितैषी तक दरभंगा मॉड्यूल के आतंक के तार पहुँचने पर दलित महिला पुलिस अधिकारी को बिहार छोड़ने पर क्यों मजबूर किया गया: मोदी

मंच पर विराजमान यहाँ के सभी वरिष्ठ नेतागण। चुनाव में कुशेश्वर स्थान से लोजपा के उम्मीदवार धनंजय कुमार, लोजपा के उम्मीदवार विनोद साहनी, बेनीपुर से भाजपा के उम्मीदवार गोपाल जी ठाकुर, अलीनगर से भाजपा के उम्मीदवार लाल जी यादव, दरभंगा ग्रामीण से हम पार्टी के उम्मीदवार नौशाद आलम जी, दरभंगा नगर से भाजपा के उम्मीदवार संजय जी, हयागढ़ से लोजपा के उम्मीदवार आर। के। चौधरी जी, बहादूरपुर से भाजपा के उम्मीदवार हरीश साहनी, और केवटी से भाजपा के उम्मीदवार अशोक यादव, झाले से भाजपा के उम्मीदवार द्विवेश कुमार मिश्रा, विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे भाईयों एवं बहनों।

दरभंगा के ई पावन मिथिला भूमि के नमन करै छी। बाबा कुशेश्वर के ई पावन धरती पर आई के गौरवान्वित महसूस काय रहल छी। दरभंगा की जो पहचान है – पग-पग पोखर पान मखान, सरस बोल मुस्की मुस्कान; विद्या, वैभव, शांति प्रतीक, ललित नगर मिथिला ठीक। आप सबके दिल से अभिनंदन करै छी।

आज मैं सबसे पहले अपने प्रिय मित्र कीर्ति आज़ाद के खिलाफ़ शिकायत करना चाहता हूँ। मेरी शिकायत ये है कि जब कीर्ति स्वयं चुनाव लड़ रहे थे, मैं लोकसभा का चुनाव लड़ रहा था, तब तो आधी भीड़ भी नहीं थी और आज क्या कमाल कर दिया आप लोगों ने। जहाँ भी मेरी नज़र पहुँचती है, लोग ही लोग नज़र आते हैं। दरभंगा का मैदान भी छोटा पड़ गया है, ये चुनाव ऐसा है कि एनडीए वालों के लिए मैदान छोटा पड़ता है और महास्वार्थबंधन वालों के लिए पंडाल भी बड़ा हो जाता है।

भाईयों-बहनों, इस चुनाव अभियान का ये मेरा आखिरी कार्यक्रम है। पिछली बार मैं जब दरभंगा आया था, समय-सीमा के कारण 12-15 मिनट ही बोल पाया था, मेरे मन में भी कसक थी कि जिस मिथिला की भूमि को अटल जी इतना प्यार करते थे, वहां इतनी कम देर लेकिन आज मैं आपसे जी भर कर मिलने आया हूँ। मुझे बिहार के हर कोने में जाने और एक से बढ़कर एक रैलियों को संबोधित करने का अवसर मिला। इसे क्या कहें, चुनाव सभा, जन सभा, रैली, रैला कहें, मुझे तो लगता है कि ये मेला है, परिवर्तन का मेला है।

दिल्ली में बैठकर पॉलिटिकल पंडित हिसाब लगाते हैं कि 2% इधर जाएगा तो ये होगा, 2% उधर जाएगा तो ये होगा। पंडित जी, अपने पुराने हिसाब-किताब बंद कर दो, बिहार नया इतिहास लिखने जा रहा है। ये पुराने समीकरण और नई गिनतियाँ अब नहीं चलेंगी। बिहार की जनता ने बिहार की तो सेवा की है, इस चुनाव के माध्यम से देश की बहुत बड़ी सेवा की है। जातिवाद और संप्रदायवाद का ज़हर हमारे लोकतंत्र में खरोच पैदा कर रहा है लेकिन इस चुनाव में बिहार का नौजवान नेतृत्व कर विकास के मुद्दे पर लड़ रहा है। इस चुनाव के बाद हिन्दुस्तान की सभी पॉलिटिकल पार्टियों को विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा और इसका क्रेडिट बिहार के लोगों को जाता है। इस चुनाव में बिहार का माहौल देश के भविष्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।

मैं आज सार्वजनिक रूप से प्रधान देवक के रूप में बिहार के नागरिकों का सर झुका कर अभिनंदन करता हूँ। मैं जहाँ-जहाँ गया, एनडीए के लोग जहाँ-जहाँ गए, बिहार की जनता ने पलकें बिछाकर हम सभी का स्वागत किया, इसलिए मैं आप सभी को सर झुका कर धन्यवाद करता हूँ। दूसरी बात कि पहले के मतदान के सारे रिकॉर्ड बिहार के चार चरणों ने तोड़ दिए, भारी मतदान किया, माओवादियों के बम-बंदूक की धमकी के बावजूद अभूतपूर्व मतदान किया। इससे लोकतंत्र में जो विश्वास बढ़ा है, इसके लिए मैं बिहार की जनता को नमन करता हूँ। तीसरी बात, पहले बिहार में जब भी चुनाव होता था तो ये ख़बर आती थी कि इतने पोलिंग बूथ लूटे गए, इतनी गोलीबारी हुई, इतनी हत्याएं हुईं लेकिन इस बार के शांतिपूर्ण चुनाव के लिए बिहार के मतदाताओं का ह्रदय से अभिनंदन करता हूँ।

भाईयों-बहनों, इस चुनाव में हम विकास का मुद्दा लेकर पहले दिन से चले, लोकसभा के चुनाव में भी हमारा मुद्दा विकास था लेकिन हम आशा करते थे कि जिन्होंने यहाँ 60 साल राज किया, मैडम सोनिया जी ने 35 साल राज किया, 15 साल तक लालू जी और 10 साल तक नीतीश जी ने राज किया; ये हमारे साथ विकास के मुद्दों पर चर्चा करते, बिहार की बर्बादी के कारण और बिहार से नौजवानों के पलायन का जवाब देते लेकिन अभी भी वे 1990 के कालखंड में जी रहे हैं। उन्हें पता नहीं है कि ये 21वीं सदी चल रही है और 1990 में पैदा हुआ बच्चा आज बिहार का भाग्य बदलने को लालायित है।

दो महीने से चुनाव का अभियान चल रहा है लेकिन लालू जी हो या नीतीश जी या मैडम सोनिया जी, ये लोग बिहार के विकास पर कुछ भी नहीं बोलते। बिहार के भविष्य की किसी योजना के बारे में बात नहीं करते। 25 साल इन्होंने सरकार चलाई, ये कोई कम समय नहीं होता। एक बालक में भी 25 साल के बाद अपने माँ-बाप का पेट भरने की ताक़त आ जाती है। आप मुझे बताईये, 25 साल की इनकी सरकार में किसी का भी कोई भला हुआ? मेरी सरकार को अभी 25 महीने नहीं हुए हैं और ये लोग मेरा हिसाब मांग रहे हैं। ख़ुद का 25 साल का हिसाब देने का तैयार नहीं हैं; और हमसे हिसाब मांग रहे हैं।

चुनाव लोकतंत्र का पर्व होता है और यह पर्व लोकतंत्र को ताक़तवर बनाता है। सभी राजनीतिक दलों को अपनी बात और अपनी नीतियां बतानी होती हैं और जो सरकार में हैं उन्हें अपना हिसाब देना होता है। 2019 में जब मैं लोकसभा चुनाव के लिए आपसे वोट मांगने आऊंगा, तो मेरा फ़र्ज बनता है कि मैं आपको अपने 5 सालों का हिसाब दूँ और आपका हक़ बनता है कि आप मुझसे हिसाब मांगें। लेकिन इन लोगों को देखो, इन्हें मोदी पर कीचड़ उछालने के सिवा और कोई काम ही नहीं है। रोज नए-नए आरोप और गालियां गढ़ी जाती है, क्या इससे बिहार का भला होगा क्या? लालू जी, नीतीश जी, अगर मोदी पर आरोप लगाने से या कीचड़ उछालने से बिहार का भला होता है तो मैं मौजूद हूँ, आपको जो कहना है कहिये। बिहार का भला हो तो मैं ये झेलने के लिए तैयार हूँ।

मेरा जीवन बिहार के काम आए, इससे बड़ा भाग्य मेरा क्या हो सकता है। लालू जी, नीतीश जी, कान खोलकर सुन लीजिये, अहंकार ने आपके आँखों पर ऐसी पट्टी बांध दी है कि आप देख नहीं पाओगे, आप जितना कीचड़ उछालोगे, कमाल उतना ही ज्यादा खिलने वाला है। पहले चरण से लेकर चौथे चरण तक लगातार मतदान करने वालों की संख्या बढ़ी है और एक बात जो बाहर नहीं आई है, मुझे भी आश्चर्य लगा कि हर चरण के बाद 12-15 पोलिंग बूथ ऐसे थे जहाँ मतदान के बाद लालू जी और नीतीश जी के कार्यकर्ताओं के बीच झगड़े हुए, कहीं हाथापाई हुई, धमकियाँ हुई; मतदान पूरा होने के बाद अगर ये तुरंत लड़ना शुरू कर देते हैं तो आगे क्या होगा, आप समझ सकते हैं।

पिछले दो महीनों से चुनाव अभियान चल रहा है लेकिन क्या आपने लालू जी, नीतीश जी और राहुल जी को एक साथ मंच पर देखा, पत्रकार परिषद् में देखा, कार्यकर्ता की मीटिंग में देखा? आप उनसे सवाल पूछिये, उनके दरबारी तो पूछेंगे नहीं। जो तीन लोग चुनावी अभियान में एकसाथ नहीं आए, वो बाद में क्या साथ आएंगे और साथ में चलेंगे। जिन्हें ख़ुद पर विश्वास नहीं है, वो आपका भला नहीं कर सकते।

मुझे अपने विश्वस्त सूत्रों से पता चला, उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता ने उनसे पूछा कि क्या हमारा मुख्यमंत्री नहीं बन सकता है, क्या आपका बेटा नहीं बन सकता है, लालू जी के मुंह में पानी आ गया, उनको ख़ुशी होने लगी कि हाँ, संभावना दिखती है; दूसरे ने पूछा कि अगर चुनाव हार जाते हैं तो विपक्ष का नेता कौन बनेगा; इस पर लालू जी ने जवाब दिया कि मैंने तो नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनने पर समर्थन देने का वाद किया है न कि विपक्ष के नेता बनने का वादा। लालू जी ने कहा कि चुनाव हारने पर तो विपक्ष का नेता हमारा बेटा बनेगा। मैं सार्वजनिक रूप से मैं लालू जी से पूछना चाहता हूँ कि आप बिहार की जनता को बताओ कि विपक्ष का नेता कौन होगा, लालू जी का बेटा होगा या नीतीश बाबू होंगे, क्योंकि आपका चुनाव हारना तय है। ये मेरी मांग है आपसे।

मैं आपको एक पुरानी घटना याद कराना चाहता हूँ। जब मुंबई में बम धमाके हुए तो हमारे देश में आतंकी दुनिया के लिए एक शब्द चल पड़ा था - दरभंगा मॉड्युल, और कारण ये थे कि कुछ लोग यहाँ बैठ कर हिन्दुस्तान में आतंकवाद फ़ैलाने का षड़यंत्र रच रहे हैं। यहाँ पर एक जाबांज पुलिस अधिकारी महिला थी, दलित कन्या थी, उसने हिन्दुस्तान के निर्दोष नागरिकों की रक्षा के लिए आतंकवादी गतिविधि करने वाले लोगों की कार ढूंढने की कोशिश की। इस महास्वार्थबंधन के निकट के नेता के घर तक आतंकवाद के तार जाने लगे थे, तब सरकार में बैठे लोगों ने आतंकवाद से जुड़े नेताओं पर कदम नहीं उठाया लेकिन उस पुलिस अफसर को यहाँ से जाने और बिहार छोड़ने के लिए मज़बूर कर दिया। आप देश की रक्षा के साथ समझौता करने वाले और आतंकवादियों पर कृपा करने वाले लोगों को पटना में सरकार में बिठाएंगे क्या?

बिहार का भाग्य बदलने के लिए भाजपा, एनडीए का आप समर्थन करें, इसके लिए मैं आपके पास वोट मांगने आया हूँ। भाईयों-बहनों, मेरे पास एक जानकारी है, सही है या गलत पता नहीं क्योंकि समय के अभाव के कारण मैं वेरीफाई नहीं कर पाया, 1990 में लालू जी की सरकार ने बिहार के लोक सेवा आयोग से मैथिलि भाषा को निकाल दिया था, लालू जी ने मैथिलि भाषा का अपमान किया लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी ने दिल्ली में एनडीए की सरकार बनने के तुरंत बाद 2002 में संविधान की 8वीं सूची में इसे स्थान दिया गया। हम अपमानित करना नहीं बल्कि सम्मानित करना जानते हैं।  

हमने 1 लाख 25 हज़ार करोड़ का पैकेज और 40 हज़ार करोड़ पुराना वाला जो कागज़ पर पड़ा था जिसकी न कोई फाइल थी, न बजट था लेकिन बिहार के प्रति मेरा यह प्यार है, बिहार के लिए हमें कुछ करना है, हमने निर्णय लिया इसे देने का। हमने सब मिलाकर 1 लाख 65 हज़ार करोड़ का पैकेज दिया जो बिहार का भाग्य बदलने और यहाँ के लोगों का जीवन बदलने की ताकत रखता है। विकास के बिना बिहार की समस्याओं का समाधान नहीं होगा। बिहार एक ज़माने में हिन्दुस्तान का सिरमौर हुआ करता था लेकिन 25 साल में जंगलराज और जंतर-मंतर ने बिहार को बर्बाद कर दिया। इन दोनों की जुगलबंदी वो भी बर्बाद कर देगी जो कुछ बिहार में अब बचा हुआ है।

कोई स्कूटर अगर छोटे से गड्ढ़े में फंस जाए तो 3-4 लोग निकालें तो निकल जाता है लेकिन अगर स्कूटर कुएं में गिरा हो तो उसको निकालने के लिए ट्रेक्टर की ज़रुरत होती है। 25 साल की इनकी सरकार ने बिहार को ऐसे गड्ढ़े में डाल दिया है जिसे निकालने के लिए दो-दो इंजन की जरुरत है। पटना और दिल्ली के दो इंजन लगेंगे तब यह बिहार गड्ढ़े में से बाहर आएगा। एक इंजन बिहार में जो नई सरकार बनेगी वो और दूसरा इंजन दिल्ली में मेरी सरकार जो आपने बनाई है।

भाईयों-बहनों, हम चुनाव के मैदान में विकास के मुद्दे को लेकर आए थे। लालू जी और नीतीश जी के पास विकास का ‘व’ बोलने की कोई जगह नहीं है और इसलिए उन्होंने चुनाव को जातिवाद के रंग में रंगने का नाटक किया। आरक्षण को लेकर महीने भर चीखते-चिल्लाते रहे, दिल्ली में उनके दरबारी भी इसी बात को बढ़ाते रहे। इन्होंने एक काल्पनिक भय पैदा किया और आरक्षण के नाम पर हौवा खड़ा किया। उनकी हर बात में बस आरक्षण था। जब एक दिन मुझे लगा कि इनका गुब्बारा बहुत बड़ा हो गया है तो मैंने एक छोटी सी सुई लगा दी और उनका पूरा गुब्बारा नीचे आ गया। उनकी सारी पोल खुल गई है।

यही लालू जी और नीतीश जी ने आरक्षण पर पुनर्विचार करने की मांग की थी। उन्हें चिंता अपनी कुर्सी की थी और जब मैंने उनका वीडियो निकाल दिया तो पिछले एक हफ़्ते से आरक्षण का नाम लेना भूल गए। बिजली की तो वो कोई बात ही नहीं करते क्योंकि उन्हें डर है कि अगर बोल दिया तो लोग उनसे हिसाब मांगेंगे क्योंकि 2010 में नीतीश जी ने कहा था कि अगर घर-घर बिजली नहीं पहुंचाऊंगा तो 2015 में अगले चुनाव में वोट मांगने नहीं आऊंगा। बिजली नहीं तो वोट नहीं, ऐसे उन्होंने कहा था कि नहीं? उन्होंने अपना वादा तोड़ा है, आपसे धोखा किया है। जो जनता से धोखा कर सकते हैं, जनता उन्हें कभी स्वीकार नहीं करती।

बिहार की जनता जब देती है तो छप्पर फाड़ कर देती है; कांग्रेस को 35 साल तक दिया और जब लेती है तो चुन-चुन कर साफ़ कर देती है। जब लालू जी को दिया तो जी भर दिया लेकिन जब लालू जी पर गुस्सा आया तो फ़िर किसी को बचने नहीं दिया। अब बारी आई अहंकार की, बिहार अहंकार को बर्दाश्त नहीं कर सकता और अब अहंकार की विदाई की बारी है। नीतीश बाबू ने कहा था कि अगर किसी का भ्रष्टाचार पकड़ा गया तो उसकी मिल्कियत जब्त कर ली जाएगी और उसके घर में स्कूल खोला जाएगा। नीतीश जी रोज इस बात का ढोल पीटते थे। लोगों को क्यों मूर्ख बना रहे हैं? जेडीयू के मंत्री कैमरा के सामने घूस लेते पकड़े गए। ये अभी से ऐसा काम कर रहे हैं तो चुनाव के बाद क्या करेंगे। बिहार बेचने का एडवांस लिया जा रहा है। अब नीतीश बाबू बताएं कि उनका घर कब्ज़े में किया क्या, उनके घर में स्कूल खोला?

भाईयों-बहनों, बिहार में आप लोगों के लिए मेरा तीन सूत्रीय कार्यक्रम है – पढ़ाई, कमाई और दवाई। बिहार के गरीब से गरीब बच्चे को अच्छी एवं सस्ती शिक्षा मिलनी चाहिए। हर मां अपने बच्चों को पढ़ाना चाहती है, लेकिन बिहार में पढ़ाई की इतनी हालत खराब है कि बच्चों की पढ़ाई के लिए माँ-बाप को अपनी ज़मीन गिरवी रखनी पड़ती है। ये हमें शोभा देता है क्या? इसलिए मेरा संकल्प है, बिहार के बच्चों को सस्ती एवं अच्छी पढ़ाई। मेरा दूसरा सपना है, कमाई; नौजवान के लिए रोजगार। बिहार में नौजवान को अपना राज्य और अपने माँ-बाप को छोड़ना पड़ता है। बिहार के नौजवान को यहीं पर रोजगार का अवसर मिलना चाहिए और ये पलायन बंद होना चाहिए। इसलिए मेरा दूसरा संकल्प है, बिहार के नौजवानों के लिए कमाई। मेरा तीसरा सपना है, दवाई; बुजुर्गों के लिए सस्ती दवाई, दवाखाना और डॉक्टर होना चाहिए।

बिहार राज्य के लिए तीन कार्यक्रम है - बिजली, पानी एवं सड़क। बिजली आएगी तो कारखाने लगेंगे, और इससे रोजगार मिलेगा। बिजली के लिए अकेले दरभंगा को मैंने पौने 400 करोड़ आवंटित कर दिये हैं। बिहार को जो सौभाग्य मिला है, वो किसी और राज्य को नहीं मिला है; बिहार की दो ताक़त है - बिहार का पानी और बिहार की जवानी। ये दोनों पूरे हिन्दुस्तान का भाग्य बदल सकती हैं। किसान को अगर पानी मिल जाए तो वो मिट्टी में से सोना पैदा कर सकता है। हमारा दूसरा संकल्प है - खेतों में पानी, उद्योगों को पानी और पीने का पानी पहुँचाना। तीसरा मेरा संकल्प है – सड़क; बिहार में सडकों का जाल हो। गाँव ज़िले से, ज़िला राज्य से, राज्य दिल्ली से जुड़ जाए, ऐसा नेटवर्क बनाना है ताकि बिहार का सीधा मार्ग विकास की ओर चल पड़े, इन कामों को लेकर मैं आगे बढ़ना चाहता हूँ।

विकास ही एक मंत्र है, विकास के लिए मैं आपका आशीर्वाद लेने आया हूँ। मैं आपसे वोट विकास के लिए मांगता हूँ। पहले चरण से लेकर चौथे चरण तक लगातार मतदान करने वालों की संख्या बढ़ी है और अब पांचवे चरण में आप सारे रिकॉर्ड तोड़ दोगे न? आप सब दस-दस परिवारों से वोट कराओ, भाजपा, एनडीए को वोट कराओ।  मेरे साथ बोलिये –

भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय!        

बहुत-बहुत धन्यवाद!

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भारत और कुवैत का रिश्ता; सभ्यताओं, सागर और कारोबार का है: पीएम मोदी
December 21, 2024
कुवैत में प्रवासी भारतीयों की गर्मजोशी और स्नेह असाधारण है: प्रधानमंत्री
43 वर्षों के बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री कुवैत की यात्रा कर रहा है: प्रधानमंत्री
भारत और कुवैत के बीच सभ्यता, समुद्र और वाणिज्य का रिश्ता है: प्रधानमंत्री
भारत और कुवैत हमेशा एक-दूसरे के साथ खड़े रहे हैं: प्रधानमंत्री
भारत कुशल प्रतिभाओं की वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए पूरी तरह से सुसज्जित है: प्रधानमंत्री
भारत में स्मार्ट डिजिटल प्रणाली अब विलासिता की वस्तु नहीं रह गयी है, बल्कि यह आम आदमी के दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बन गयी है: प्रधानमंत्री
भविष्य का भारत वैश्विक विकास का केंद्र होगा, दुनिया का विकास इंजन होगा: प्रधानमंत्री
भारत, एक विश्व मित्र के रूप में, विश्व की भलाई के दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रहा है: प्रधानमंत्री

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

नमस्कार,

अभी दो ढाई घंटे पहले ही मैं कुवैत पहुंचा हूं और जबसे यहां कदम रखा है तबसे ही चारों तरफ एक अलग ही अपनापन, एक अलग ही गर्मजोशी महसूस कर रहा हूं। आप सब भारत क अलग अलग राज्यों से आए हैं। लेकिन आप सभी को देखकर ऐसा लग रहा है जैसे मेरे सामने मिनी हिन्दुस्तान उमड़ आया है। यहां पर नार्थ साउथ ईस्ट वेस्ट हर क्षेत्र के अलग अलग भाषा बोली बोलने वाले लोग मेरे सामने नजर आ रहे हैं। लेकिन सबके दिल में एक ही गूंज है। सबके दिल में एक ही गूंज है - भारत माता की जय, भारत माता की जय I

यहां हल कल्चर की festivity है। अभी आप क्रिसमस और न्यू ईयर की तैयारी कर रहे हैं। फिर पोंगल आने वाला है। मकर सक्रांति हो, लोहड़ी हो, बिहू हो, ऐसे अनेक त्यौहार बहुत दूर नहीं है। मैं आप सभी को क्रिसमस की, न्यू ईयर की और देश के कोने कोने में मनाये जाने वाले सभी त्योहारों की बहुत बहुत शुभकानाएं देता हूं।

साथियों,

आज निजी रूप से मेरे लिए ये पल बहुत खास है। 43 years, चार दशक से भी ज्यादा समय, 43 years के बाद भारत का कोई प्रधानमंत्री कुवैत आया है। आपको हिन्दुस्तान से यहां आना है तो चार घंटे लगते हैं, प्रधानमंत्री को चार दशक लग गए। आपमे से कितने ही साथी तो पीढ़ियों से कुवैत में ही रह रहे हैं। बहुतों का तो जन्म ही यहीं हुआ है। और हर साल सैकड़ों भारतीय आपके समूह में जुड़ते जाते हैं। आपने कुवैत के समाज में भारतीयता का तड़का लगाया है, आपने कुवैत के केनवास पर भारतीय हुनर का रंग भरा है। आपने कुवैत में भारत के टेलेंट, टेक्नॉलोजी और ट्रेडिशन का मसाला मिक्स किया है। और इसलिए मैं आज यहां सिर्फ आपसे मिलने ही नहीं आया हूं, आप सभी की उपलब्धियों को सेलिब्रेट करने के लिए आया हूं।

साथियों,

थोड़ी देर पहले ही मेरे यहां काम करने वाले भारतीय श्रमिकों प्रोफेशनल्श् से मुलाकात हुई है। ये साथी यहां कंस्ट्रक्शन के काम से जुड़े हैं। अन्य अनेक सेक्टर्स में भी अपना पसीना बहा रहे हैं। भारतीय समुदाय के डॉक्टर्स, नर्सज पेरामेडिस के रूप में कुवैत के medical infrastructure की बहुत बड़ी शक्ति है। आपमें से जो टीचर्स हैं वो कुवैत की अगली पीढ़ी को मजबूत बनाने में सहयोग कर रही है। आपमें से जो engineers हैं, architects हैं, वे कुवैत के next generation infrastructure का निर्माण कर रहे हैं।

और साथियों,

जब भी मैं कुवैत की लीडरशिप से बात करता हूं। तो वो आप सभी की बहुत प्रशंसा करते हैं। कुवैत के नागरिक भी आप सभी भारतीयों की मेहनत, आपकी ईमानदारी, आपकी स्किल की वजह से आपका बहुत मान करते हैं। आज भारत रेमिटंस के मामले में दुनिया में सबसे आगे है, तो इसका बहुत बड़ा श्रेय भी आप सभी मेहनतकश साथियों को जाता है। देशवासी भी आपके इस योगदान का सम्मान करते हैं।

साथियों,

भारत और कुवैत का रिश्ता सभ्यताओं का है, सागर का है, स्नेह का है, व्यापार कारोबार का है। भारत और कुवैत अरब सागर के दो किनारों पर बसे हैं। हमें सिर्फ डिप्लोमेसी ही नहीं बल्कि दिलों ने आपस में जोड़ा है। हमारा वर्तमान ही नहीं बल्कि हमारा अतीत भी हमें जोड़ता है। एक समय था जब कुवैत से मोती, खजूर और शानदार नस्ल के घोड़े भारत जाते थे। और भारत से भी बहुत सारा सामान यहां आता रहा है। भारत के चावल, भारत की चाय, भारत के मसाले,कपड़े, लकड़ी यहां आती थी। भारत की टीक वुड से बनी नौकाओं में सवार होकर कुवैत के नाविक लंबी यात्राएं करते थे। कुवैत के मोती भारत के लिए किसी हीरे से कम नहीं रहे हैं। आज भारत की ज्वेलरी की पूरी दुनिया में धूम है, तो उसमें कुवैत के मोतियों का भी योगदान है। गुजरात में तो हम बड़े-बुजुर्गों से सुनते आए हैं, कि पिछली शताब्दियों में कुवैत से कैसे लोगों का, व्यापारी-कारोबारियों का आना-जाना रहता था। खासतौर पर नाइनटीन्थ सेंचुरी में ही, कुवैत से व्यापारी सूरत आने लगे थे। तब सूरत, कुवैत के मोतियों के लिए इंटरनेशनल मार्केट हुआ करता था। सूरत हो, पोरबंदर हो, वेरावल हो, गुजरात के बंदरगाह इन पुराने संबंधों के साक्षी हैं।

कुवैती व्यापारियों ने गुजराती भाषा में अनेक किताबें भी पब्लिश की हैं। गुजरात के बाद कुवैत के व्यापारियों ने मुंबई और दूसरे बाज़ारों में भी उन्होंने अलग पहचान बनाई थी। यहां के प्रसिद्ध व्यापारी अब्दुल लतीफ अल् अब्दुल रज्जाक की किताब, How To Calculate Pearl Weight मुंबई में छपी थी। कुवैत के बहुत सारे व्यापारियों ने, एक्सपोर्ट और इंपोर्ट के लिए मुंबई, कोलकाता, पोरबंदर, वेरावल और गोवा में अपने ऑफिस खोले हैं। कुवैत के बहुत सारे परिवार आज भी मुंबई की मोहम्मद अली स्ट्रीट में रहते हैं। बहुत सारे लोगों को ये जानकर हैरानी होगी। 60-65 साल पहले कुवैत में भारतीय रुपए वैसे ही चलते थे, जैसे भारत में चलते हैं। यानि यहां किसी दुकान से कुछ खरीदने पर, भारतीय रुपए ही स्वीकार किए जाते थे। तब भारतीय करेंसी की जो शब्दाबली थी, जैसे रुपया, पैसा, आना, ये भी कुवैत के लोगों के लिए बहुत ही सामान्य था।

साथियों,

भारत दुनिया के उन पहले देशों में से एक है, जिसने कुवैत की स्वतंत्रता के बाद उसे मान्यता दी थी। और इसलिए जिस देश से, जिस समाज से इतनी सारी यादें जुड़ी हैं, जिससे हमारा वर्तमान जुड़ा है। वहां आना मेरे लिए बहुत यादगार है। मैं कुवैत के लोगों का, यहां की सरकार का बहुत आभारी हूं। मैं His Highness The Amir का उनके Invitation के लिए विशेष रूप से धन्यवाद देता हूं।

साथियों,

अतीत में कल्चर और कॉमर्स ने जो रिश्ता बनाया था, वो आज नई सदी में, नई बुलंदी की तरफ आगे बढ़ रहा है। आज कुवैत भारत का बहुत अहम Energy और Trade Partner है। कुवैत की कंपनियों के लिए भी भारत एक बड़ा Investment Destination है। मुझे याद है, His Highness, The Crown Prince Of Kuwait ने न्यूयॉर्क में हमारी मुलाकात के दौरान एक कहावत का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था- “When You Are In Need, India Is Your Destination”. भारत और कुवैत के नागरिकों ने दुख के समय में, संकटकाल में भी एक दूसरे की हमेशा मदद की है। कोरोना महामारी के दौरान दोनों देशों ने हर स्तर पर एक-दूसरे की मदद की। जब भारत को सबसे ज्यादा जरूरत पड़ी, तो कुवैत ने हिंदुस्तान को Liquid Oxygen की सप्लाई दी। His Highness The Crown Prince ने खुद आगे आकर सबको तेजी से काम करने के लिए प्रेरित किया। मुझे संतोष है कि भारत ने भी कुवैत को वैक्सीन और मेडिकल टीम भेजकर इस संकट से लड़ने का साहस दिया। भारत ने अपने पोर्ट्स खुले रखे, ताकि कुवैत और इसके आसपास के क्षेत्रों में खाने पीने की चीजों का कोई अभाव ना हो। अभी इसी साल जून में यहां कुवैत में कितना हृदय विदारक हादसा हुआ। मंगफ में जो अग्निकांड हुआ, उसमें अनेक भारतीय लोगों ने अपना जीवन खोया। मुझे जब ये खबर मिली, तो बहुत चिंता हुई थी। लेकिन उस समय कुवैत सरकार ने जिस तरह का सहयोग किया, वो एक भाई ही कर सकता है। मैं कुवैत के इस जज्बे को सलाम करूंगा।

साथियों,

हर सुख-दुख में साथ रहने की ये परंपरा, हमारे आपसी रिश्ते, आपसी भरोसे की बुनियाद है। आने वाले दशकों में हम अपनी समृद्धि के भी बड़े पार्टनर बनेंगे। हमारे लक्ष्य भी बहुत अलग नहीं है। कुवैत के लोग, न्यू कुवैत के निर्माण में जुटे हैं। भारत के लोग भी, साल 2047 तक, देश को एक डवलप्ड नेशन बनाने में जुटे हैं। कुवैत Trade और Innovation के जरिए एक Dynamic Economy बनना चाहता है। भारत भी आज Innovation पर बल दे रहा है, अपनी Economy को लगातार मजबूत कर रहा है। ये दोनों लक्ष्य एक दूसरे को सपोर्ट करने वाले हैं। न्यू कुवैत के निर्माण के लिए, जो इनोवेशन, जो स्किल, जो टेक्नॉलॉजी, जो मैनपावर चाहिए, वो भारत के पास है। भारत के स्टार्ट अप्स, फिनटेक से हेल्थकेयर तक, स्मार्ट सिटी से ग्रीन टेक्नॉलजी तक कुवैत की हर जरूरत के लिए Cutting Edge Solutions बना सकते हैं। भारत का स्किल्ड यूथ कुवैत की फ्यूचर जर्नी को भी नई स्ट्रेंथ दे सकता है।

साथियों,

भारत में दुनिया की स्किल कैपिटल बनने का भी सामर्थ्य है। आने वाले कई दशकों तक भारत दुनिया का सबसे युवा देश रहने वाला है। ऐसे में भारत दुनिया की स्किल डिमांड को पूरा करने का सामर्थ्य रखता है। और इसके लिए भारत दुनिया की जरूरतों को देखते हुए, अपने युवाओं का स्किल डवलपमेंट कर रहा है, स्किल अपग्रेडेशन कर रहा है। भारत ने हाल के वर्षों में करीब दो दर्जन देशों के साथ Migration और रोजगार से जुड़े समझौते किए हैं। इनमें गल्फ कंट्रीज के अलावा जापान, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी, मॉरिशस, यूके और इटली जैसे देश शामिल हैं। दुनिया के देश भी भारत की स्किल्ड मैनपावर के लिए दरवाज़े खोल रहे हैं।

साथियों,

विदेशों में जो भारतीय काम कर रहे हैं, उनके वेलफेयर और सुविधाओं के लिए भी अनेक देशों से समझौते किए जा रहे हैं। आप ई-माइग्रेट पोर्टल से परिचित होंगे। इसके ज़रिए, विदेशी कंपनियों और रजिस्टर्ड एजेंटों को एक ही प्लेटफॉर्म पर लाया गया है। इससे मैनपावर की कहां जरूरत है, किस तरह की मैनपावर चाहिए, किस कंपनी को चाहिए, ये सब आसानी से पता चल जाता है। इस पोर्टल की मदद से बीते 4-5 साल में ही लाखों साथी, यहां खाड़ी देशों में भी आए हैं। ऐसे हर प्रयास के पीछे एक ही लक्ष्य है। भारत के टैलेंट से दुनिया की तरक्की हो और जो बाहर कामकाज के लिए गए हैं, उनको हमेशा सहूलियत रहे। कुवैत में भी आप सभी को भारत के इन प्रयासों से बहुत फायदा होने वाला है।

साथियों,

हम दुनिया में कहीं भी रहें, उस देश का सम्मान करते हैं और भारत को नई ऊंचाई छूता देख उतने ही प्रसन्न भी होते हैं। आप सभी भारत से यहां आए, यहां रहे, लेकिन भारतीयता को आपने अपने दिल में संजो कर रखा है। अब आप मुझे बताइए, कौन भारतीय होगा जिसे मंगलयान की सफलता पर गर्व नहीं होगा? कौन भारतीय होगा जिसे चंद्रयान की चंद्रमा पर लैंडिंग की खुशी नहीं हुई होगी? मैं सही कह रहा हूं कि नहीं कह रहा हूं। आज का भारत एक नए मिजाज के साथ आगे बढ़ रहा है। आज भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी इकॉनॉमी है। आज दुनिया का नंबर वन फिनटेक इकोसिस्टम भारत में है। आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम भारत में है। आज भारत, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता देश है।

मैं आपको एक आंकड़ा देता हूं और सुनकर आपको भी अच्छा लगेगा। बीते 10 साल में भारत ने जितना ऑप्टिकल फाइबर बिछाया है, भारत में जितना ऑप्टिकल फाइबर बिछाया है, उसकी लंबाई, वो धरती और चंद्रमा की दूरी से भी आठ गुना अधिक है। आज भारत, दुनिया के सबसे डिजिटल कनेक्टेड देशों में से एक है। छोटे-छोटे शहरों से लेकर गांवों तक हर भारतीय डिजिटल टूल्स का उपयोग कर रहा है। भारत में स्मार्ट डिजिटल सिस्टम अब लग्जरी नहीं, बल्कि कॉमन मैन की रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल हो गया है। भारत में चाय पीते हैं, रेहड़ी-पटरी पर फल खरीदते हैं, तो डिजिटली पेमेंट करते हैं। राशन मंगाना है, खाना मंगाना है, फल-सब्जियां मंगानी है, घर का फुटकर सामान मंगाना है, बहुत कम समय में ही डिलिवरी हो जाती है और पेमेंट भी फोन से ही हो जाता है। डॉक्यूमेंट्स रखने के लिए लोगों के पास डिजि लॉकर है, एयरपोर्ट पर सीमलैस ट्रेवेल के लिए लोगों के पास डिजियात्रा है, टोल बूथ पर समय बचाने के लिए लोगों के पास फास्टटैग है, भारत लगातार डिजिटली स्मार्ट हो रहा है और ये तो अभी शुरुआत है। भविष्य का भारत ऐसे इनोवेशन्स की तरफ बढ़ने वाला है, जो पूरी दुनिया को दिशा दिखाएगा। भविष्य का भारत, दुनिया के विकास का हब होगा, दुनिया का ग्रोथ इंजन होगा। वो समय दूर नहीं जब भारत दुनिया का Green Energy Hub होगा, Pharma Hub होगा, Electronics Hub होगा, Automobile Hub होगा, Semiconductor Hub होगा, Legal, Insurance Hub होगा, Contracting, Commercial Hub होगा। आप देखेंगे, जब दुनिया के बड़े-बड़े Economy Centres भारत में होंगे। Global Capability Centres हो, Global Technology Centres हो, Global Engineering Centres हो, इनका बहुत बड़ा Hub भारत बनेगा।

साथियों,

हम पूरे विश्व को एक परिवार मानते हैं। भारत एक विश्वबंधु के रूप में दुनिया के भले की सोच के साथ आगे चल रहा है। और दुनिया भी भारत की इस भावना को मान दे रही है। आज 21 दिसंबर, 2024 को दुनिया, अपना पहला World Meditation Day सेलीब्रेट कर रही है। ये भारत की हज़ारों वर्षों की Meditation परंपरा को ही समर्पित है। 2015 से दुनिया 21 जून को इंटरनेशन योगा डे मनाती आ रही है। ये भी भारत की योग परंपरा को समर्पित है। साल 2023 को दुनिया ने इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर के रूप में मनाया, ये भी भारत के प्रयासों और प्रस्ताव से ही संभव हो सका। आज भारत का योग, दुनिया के हर रीजन को जोड़ रहा है। आज भारत की ट्रेडिशनल मेडिसिन, हमारा आयुर्वेद, हमारे आयुष प्रोडक्ट, ग्लोबल वेलनेस को समृद्ध कर रहे हैं। आज हमारे सुपरफूड मिलेट्स, हमारे श्री अन्न, न्यूट्रिशन और हेल्दी लाइफस्टाइल का बड़ा आधार बन रहे हैं। आज नालंदा से लेकर IITs तक का, हमारा नॉलेज सिस्टम, ग्लोबल नॉलेज इकोसिस्टम को स्ट्रेंथ दे रहा है। आज भारत ग्लोबल कनेक्टिविटी की भी एक अहम कड़ी बन रहा है। पिछले साल भारत में हुए जी-20 सम्मेलन के दौरान, भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर की घोषणा हुई थी। ये कॉरिडोर, भविष्य की दुनिया को नई दिशा देने वाला है।

साथियों,

विकसित भारत की यात्रा, आप सभी के सहयोग, भारतीय डायस्पोरा की भागीदारी के बिना अधूरी है। मैं आप सभी को विकसित भारत के संकल्प से जुड़ने के लिए आमंत्रित करता हूं। नए साल का पहला महीना, 2025 का जनवरी, इस बार अनेक राष्ट्रीय उत्सवों का महीना होने वाला है। इसी साल 8 से 10 जनवरी तक, भुवनेश्वर में प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन होगा, दुनियाभर के लोग आएंगे। मैं आप सब को, इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित करता हूं। इस यात्रा में, आप पुरी में महाप्रभु जगन्नाथ जी का आशीर्वाद ले सकते हैं। इसके बाद प्रयागराज में आप महाकुंभ में शामिल होने के लिए प्रयागराज पधारिये। ये 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाला है, करीब डेढ़ महीना। 26 जनवरी को आप गणतंत्र दिवस देखकर ही वापस लौटिए। और हां, आप अपने कुवैती दोस्तों को भी भारत लाइए, उनको भारत घुमाइए, यहां पर कभी, एक समय था यहां पर कभी दिलीप कुमार साहेब ने पहले भारतीय रेस्तरां का उद्घाटन किया था। भारत का असली ज़ायका तो वहां जाकर ही पता चलेगा। इसलिए अपने कुवैती दोस्तों को इसके लिए ज़रूर तैयार करना है।

साथियों,

मैं जानता हूं कि आप सभी आज से शुरु हो रहे, अरेबियन गल्फ कप के लिए भी बहुत उत्सुक हैं। आप कुवैत की टीम को चीयर करने के लिए तत्पर हैं। मैं His Highness, The Amir का आभारी हूं, उन्होंने मुझे उद्घाटन समारोह में Guest Of Honour के रूप में Invite किया है। ये दिखाता है कि रॉयल फैमिली, कुवैत की सरकार, आप सभी का, भारत का कितना सम्मान करती है। भारत-कुवैत रिश्तों को आप सभी ऐसे ही सशक्त करते रहें, इसी कामना के साथ, फिर से आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद!

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

बहुत-बहुत धन्यवाद।