केंद्र सरकार द्वारा बिहार के लिए घोषित 1 लाख 65 हज़ार करोड़ का पैकेज बिहार का भाग्य बदलने का ताकत रखता है: प्रधानमंत्री मोदी
1984 में सिखों की बर्बरतापूर्वक हत्याएँ करनेवाली कांग्रेस हमें 'असहिष्णुता' का पाठ ना पढ़ाए: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
घर-घर बिजली पहुँचाने के अपने वादे को पूरा न कर नीतीश कुमार ने बिहार की जनता के साथ धोखा किया है: प्रधानमंत्री मोदी
महास्वार्थबंधन ने बिहार को भ्रष्टाचार और जंगलराज के ऐसे दलदल में धकेल दिया है जिससे बिहार को निकालने के लिए दो-दो इंजन की जरूरत: मोदी
बिहार के विकास के लिए हमारा छह सूत्री कार्यक्रम - जनता के लिए पढाई, कमाई और दवाई एवं प्रदेश के विकास के लिए बिजली, सड़क और पानी: मोदी
नीतीश कुमार तो अब बिजली का 'ब' भी नहीं बोलते: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी #परिवर्तनरैली
जब एक बार किसी से भरोसा उतर जाता है तो बिहार की जनता फिर कभी उसे गले नहीं लगाती, इस चुनाव नीतीश जी का भी यही हश्र होने वाला है: मोदी
बिहार की माताएं-बहनें शांति, सुरक्षा एवं बच्चों के भविष्य के लिए अच्छी सरकार बनाना चाहती हैं और यह सरकार केवल भाजपा दे सकती है: मोदी

पूर्णिया के पावन भूमि के नमन करै छी। अहाँ सब के ह्रदय से अभिनंदन करै छी। मंच पर विराजमान भाजपा एवं एनडीए के हमारे सभी वरिष्ठ नेतागण। ये मैदान भी छोटा पड़ गया, पूर्णिया में इससे बड़ा मैदान नहीं है। आपका प्यार मेरे सर आँखों पर। दूर वाले लोग मुझे देख भी नहीं पा रहे लेकिन इसके बावजूद मुझे आशीर्वाद देने आये, इससे बड़ा जीवन का सौभाग्य क्या हो सकता है।   

चुनाव में कसवा से भाजपा के उम्मीदवार श्री प्रदीप दास, मनमंखी से भाजपा के उम्मीदवार कृष्ण कुमार, पूर्णिया से भाजपा के उम्मीदवार विजय खेमका, अमोर से भाजपा के उम्मीदवार सबा जफ़र, रूपौली से भाजपा के उम्मीदवार परमानंद मंडल, बायसी से रालोसपा के उम्मीदवार अजीज़ऊर रहमान, दमदाहा के उम्मीदवार शिवशंकर ठाकुर, किशनगंज की उम्मीदवार श्रीमती स्वीटी सिंह, और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे भाईयों एवं बहनों।

मैं लोकसभा के चुनाव में भी आया था लेकिन इस बार लगता है कि लोकसभा चुनाव में जो कसर रह गई थी, उसे पूरा करने का फ़ैसला आपने कर लिया है। मैं ख़ासकर इतनी बड़ी संख्या में जो माताएं-बहनें आयी हैं, उन्हें प्रणाम करता हूँ। लोगों को अजूबा लग रहा है कि बिहार की चुनावी रैलियों में इतनी बड़ी संख्या में माताएं-बहनें कैसे आने लगी हैं। अगर जंगलराज के खिलाफ़ सबसे ज्यादा किसी का गुस्सा है तो वो माताओं-बहनों का है क्योंकि जंगलराज के कारण जो परेशानी और गुंडागर्दी आती है, वो सारी मुसीबतें माताओं-बहनों को झेलनी पड़ती हैं। इस चुनाव में ये गुस्सा नज़र आया है। शांति, सुरक्षा और बच्चों के बेहतर जीवन के लिए माताएं-बहनें एक अच्छी सरकार बनाना चाहती हैं जो उनके बच्चों का भविष्य बदले, बच्चे उनके बुढ़ापे की चिंता कर पाएं, ऐसी स्थिति बनाना चाहती हैं। मैं माताओं-बहनों को विश्वास दिलाता हूँ कि मैं उनके सपनों को पूरा करूंगा।

सरकार में बैठे लोगों की जिम्मेवारी होती है कि वे चुनाव में अपने कामों का हिसाब दें। 15 साल तक लालू जी और 10 साल तक छोटे भाई ने राज किया; 25 साल इन्होंने सरकार चलाई, ये कोई कम समय नहीं होता। मेरी सरकार को अभी 25 महीने नहीं हुए हैं और ये लोग मेरा हिसाब मांग रहे हैं। ख़ुद का 25 साल का हिसाब देने का तैयार नहीं हैं; बिहार का क्या करना है, यहाँ नौजवानों, माताओं-बहनों, के लिए क्या करेंगे, इसपर पूरे चुनाव में कुछ नहीं बताया। बिजली की तो वो कोई बात ही नहीं करते क्योंकि उन्हें डर है कि अगर बोल दिया तो लोग उनसे हिसाब मांगेंगे क्योंकि 2010 में नीतीश जी ने कहा था कि अगर घर-घर बिजली नहीं पहुंचाऊंगा तो 2015 में अगले चुनाव में वोट मांगने नहीं आऊंगा। बिजली नहीं तो वोट नहीं, ऐसे उन्होंने कहा था कि नहीं? उन्होंने अपना वादा तोड़ा है, आपसे धोखा किया है। जो जनता से धोखा कर सकते हैं, उन पर कोई भरोसा कर सकता है क्या? जनता भली होती है, एक बार भरोसा करती है लेकिन नीतीश जी अब वो दिन चले गए। अब बिहार आप पर भरोसा नहीं कर सकता।

जंगलराज के बाद लोग, जो भी मिले, उसके भरोसे जीना चाहते थे, आप मिल गए तो लोगों ने आपकी उंगली पकड़ ली। जंगलराज से बचने के लिए लोग रास्ता खोज रहे थे। नीतीश जी आप नसीब वाले थे कि अटल बिहारी वाजपेयी ने आपके कंधों पर हाथ रखा था क्योंकि लोगों को वाजपेयी जी पर भरोसा था। अब अटल जी का आशीर्वाद आप पर नहीं है, अब बिहार आपको कभी स्वीकार नहीं करेगा। वो दिन-रात यही कहते हैं कि मोदी बिहार क्यों आते हैं। क्या बिहार आना गुनाह है? उन्हें इतना डर क्यों लगता है? उन्हें डर इसलिए है क्योंकि उनका कच्चा चिट्ठा खुल जाएगा। बिहार का हर बच्चा, हर नौजवान और माताएं-बहनें उनसे हिसाब मांग रही हैं। उनके सारे खेलों के बावजूद बिहार की जनता ने हमें गले लगाया है। मैं आज दिल्ली में बैठा हूँ, ये बिहार के लोगों का आशीर्वाद है।

बिहार का हाल खराब है, बिजली, सड़क पानी, रोजगार, शिक्षा, डॉक्टर, सुरक्षा, चैन की ज़िन्दगी, इनमें से कुछ भी नहीं है। ये 25 साल के बाद का परिणाम है और इसलिए वो अपने काम का हिसाब नहीं दे रहे। मैडम सोनिया जी, आपने तो 35 साल राज किया और आज 2 नवंबर है, याद कीजिये 2 नवंबर 1984 का दिन। इंदिरा गाँधी जी की हत्या के कुछ दिनों बाद दिल्ली और पूरे देश में सिखों का क़त्लेआम चल रहा था। कांग्रेस पार्टी और उनके नेताओं पर गंभीर आरोप लगे थे। आज वही कांग्रेस पार्टी असहिष्णुता पर भाषण दे रही है, अरे डूब मरो, आपको ये शोभा नहीं देता है। अभी भी उन सिखों के परिवारों के आंसू पोछे नहीं गए हैं।

बिहार में नीतीश बाबू, लालू जी की क्या मजबूरी थी जो कभी कांग्रेस के खिलाफ़ लड़ते थे, 40 सीटें दे दी उन्हें। नीतीश बाबू, लालू जी की जो भी मजबूरी रही हो लेकिन एक बात के लिए मैं उन्हें सार्वजनिक रूप से धन्यवाद करता हूँ कि हमें 40 सीट बिना चुनौती के हमें दे दी। जिस कांग्रेस का नामो-निशान नहीं है बिहार में, उसकी 40 सीटें तो हमें सोने की थाली में मिल गई है और बाकि सीटों के लिए बिहार के हमारे भाईयों-बहनों को धन्यवाद जो हमें दो-तिहाई बहुमत देने वाले हैं। कभी किसी ने सोचा था कि जहाँ नक्सलवाद और गोली-पिस्तौल की बातें होती हों, वहां लोग इतनी भारी संख्या में मतदान करने आये। पहले चरण से लेकर चौथे चरण तक लगातार मतदान करने वालों की संख्या बढ़ी है और अब पांचवे चरण में आप सारे रिकॉर्ड तोड़ दोगे न?

मेरा आपसे आग्रह है कि 5 तारीख को पूर्णिया सबसे ज्यादा मतदान करके दिखाए। नतीज़ा 8 तारीख को आएगा, चारों तरफ़ देश दिवाली मनाने वाला है और बिहार दो-दो दिवाली मनाने वाला है। हमने 1 लाख 25 हज़ार करोड़ का पैकेज और 40 हज़ार करोड़ पुराना वाला जो कागज़ पर पड़ा था, हमारी जिम्मेवारी नहीं थी लेकिन बिहार के प्रति मेरा यह प्यार है, बिहार के लिए हमें कुछ करना है, हमने निर्णय लिया इसे देने का। इस चुनाव में हम विकास के लिए वोट मांग रहे हैं। हमने सब मिलाकर 1 लाख 65 हज़ार करोड़ का पैकेज दिया जो बिहार का भाग्य बदलने का ताकत रखता है। अगर छोटे से गड्ढ़े में गाड़ी फंस जाए तो 3-4 लोग निकालें तो निकाल जाता है लेकिन अगर गाड़ी कुएं में गिरी हो तो उसको निकालने के लिए ट्रेक्टर की ज़रुरत होती है। बिहार ऐसे गड्ढ़े में फंसा है जिसे निकालने के लिए दो-दो इंजन की जरुरत है। एक इंजन बिहार में जो नई सरकार बनेगी वो और दूसरा इंजन दिल्ली में मेरी सरकार जो आपने बनाई है। पटना और दिल्ली के दो इंजन लगेंगे तब यह बिहार गड्ढ़े में से बाहर आएगा।

मेरे अकेले की मेहनत काम नहीं आएगी, पटना की मेहनत अकेले काम नहीं आएगी, पटना और दिल्ली दोनों की ताक़त लगेगी तो बिहार गड्ढ़े में से बाहर आ जाएगा। आपके इस पूर्णिया में मैंने वादा किया है, हमारी सरकार सभी घरों में 24*7 बिजली पहुंचाएगी। इसके लिए हमने करीब सवा दो सौ करोड़ रूपया हम दे चुके हैं। आने वाले दिनों में एनएच – 107, महेशुघाट, सहरसा, पूर्णिया ईस्ट सेक्शन पर डबल लेन के लिए 1000 करोड़ रूपया लगाया जाएगा; पूर्णिया में एलपीजी प्लांट के अपग्रेडेशन के लिए करोड़ों रुपये लगाए जा रहे हैं; पूर्णिया एयरपोर्ट के सिविल एन्क्लेव डेवलपमेंट के लिए 150 करोड़ रूपया लगाने का फ़ैसला किया है; सूची बहुत लंबी है, मैं यहाँ सारे पढ़ नहीं रहा।

मेरा एक ही काम है, विकास। बिहार में आप लोगों के लिए मेरा तीन सूत्रीय कार्यक्रम है – पढ़ाई, कमाई और दवाई। बिहार के गरीब से गरीब बालक को सस्ती एवं अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए। हर मां अपने बच्चों को पढ़ाना चाहती है, लेकिन बिहार में पढ़ाई की इतनी हालत खराब है कि बच्चों की पढ़ाई के लिए माँ-बाप को अपनी ज़मीन गिरवी रखनी पड़ती है। इसलिए मेरा संकल्प है, बिहार के बच्चों को  सस्ती एवं अच्छी पढ़ाई। मेरा दूसरा सपना है, कमाई; नौजवान के लिए रोजगार। बिहार में नौजवान को अपना राज्य और अपने माँ-बाप को छोड़ना पड़ता है। ये पलायन बंद होना चाहिए और बिहार के नौजवान को यहीं पर रोजगार का अवसर मिलना चाहिए। इसलिए मेरा दूसरा संकल्प है, बिहार के नौजवानों के लिए कमाई। मेरा तीसरा सपना है, दवाई; बुजुर्गों के लिए सस्ती दवाई, दवाखाना और डॉक्टर होना चाहिए।

इसलिए आपके लिए - पढ़ाई, कमाई और दवाई और बिहार राज्य के लिए तीन काम - बिजली, पानी एवं सड़क। बिजली आएगी तो कारखाने लगेंगे, और इससे रोजगार मिलेगा। मेरी सरकार आपको बिजली देना चाहती है। बिहार को जो सौभाग्य मिला है, वो किसी और राज्य को नहीं मिला है; बिहार की दो ताक़त है - बिहार का पानी और बिहार की जवानी। ये दोनों पूरे हिन्दुस्तान का भाग्य बदल सकती हैं। किसान को अगर पानी मिल जाए तो वो मिट्टी में से सोना पैदा कर सकता है। हमारा दूसरा संकल्प है - खेतों में पानी, उद्योगों को पानी और पीने का पानी पहुँचाना। तीसरा मेरा संकल्प है – सड़क; बिहार में सडकों का जाल हो। गाँव ज़िले से, ज़िला राज्य से, राज्य दिल्ली से जुड़ जाए, ऐसा नेटवर्क बनाना है ताकि बिहार का सीधा मार्ग विकास की ओर चल पड़े, इन कामों को लेकर मैं आगे बढ़ना चाहता हूँ।

इसलिए मेरे भाईयों-बहनों, मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए। कल शाम तक प्रचार पूरा हो जाएगा, 5 तारीख को चुनाव है। आप सब दस-दस परिवारों से वोट कराओ, भाजपा, एनडीए को वोट कराओ।  मेरे साथ सब लोग ज़ोर से बोलिये –

भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय!       

बहुत-बहुत धन्यवाद!

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।