प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम से जुड़े अपने नवीनतम संबोधन में ‘ओणम’ पर्व की चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह पर्व ‘चिनगम’ महीने में आता है। उन्होंने कहा कि इस दौरान लोग कुछ नया खरीदते हैं, अपने घरों को सजाते हैं, पूक्क्लम बनाते हैं, ओणम-सादिया का आनंद लेते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘ओणम’ बड़ी तेजी से एक अंतर्राष्ट्रीय पर्व बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि ‘ओणम’ की धूम तो आज दूर-सुदूर विदेशों तक पहुंच गई है।
उन्होंने कहा कि ओणम कृषि से जुड़ा हुआ पर्व है और यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए भी एक नई शुरुआत का समय होता है। उन्होंने यह बात रेखांकित की कि किसानों की शक्ति से ही तो हमारा समाज चलता है। वेदों में हमारे ‘अन्नदाता’ की गौरवशाली प्रशंसा को स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां तक कि कोरोना की इन कठिन परिस्थितियों में भी हमारे किसानों ने अपनी ताकत को साबित किया है जो फसलों की बुवाई में हुई उल्लेखनीय वृद्धि में परिलक्षित होती है। उन्होंने ‘अन्नदाता’ की जीवनदायिनी शक्ति को नमन किया।