राष्ट्रीय मतदाता दिवस: मतदाता पंजीकरण के लिए आह्वान
प्रिय मित्रों,
राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर आप सभी को मेरा हार्दिक अभिनन्दन.
मैं भारत के चुनाव आयोग का भी अभिनन्दन करता हूँ जिसकी स्थापना आज ही के दिन हुयी थी. पिछले छह दशक से भारत में होने वाली सर्वाधिक महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया यानी चुनाव के लिए लगातार एक अभिभावक और संरक्षक के रूप में अपने कार्य का दृढ़ता से निर्वहन करने के लिए भी मैं भारत के चुनाव आयोग को बधाई देता हूँ.
१९५२ में भारत में हुए पहले आम-चुनाव से लेकर अब तक चुनाव निर्वाचन प्रक्रिया एक लंबा सफर तय कर चुकी है. हम बैलेट पेपर से ईवीएम पर आ चुके हैं.पहले मतगणना की प्रक्रिया एक दिन से भी लंबी खिंच जाती थी, पर आज तो कुछ घंटों में ही तस्वीर साफ हो जाती है. साथ ही पहले चुनाव कभी भी अत्यधिक हिंसक मोड़ ले लेते थे तथा कुछ हिस्सों में बूथ कैप्चरिंग आम थी, लेकिन अब हिंसा और अन्य चुनावी गड़बड़ियों में काफी हद तक कमी आ चुकी है.
हाँ, हालात वास्तव में बदल गए हैं! फिर भी कुछ मसलों पर ध्यान देना ज़रूरी है.
यदि आज कोई एक मसला महत्वपूर्ण है तो वो मतदाता पंजीकरण में और अधिक तेजी लाने का. पूरे भारत में पिछले कई चुनावों के दौरान रिकॉर्ड मतदान देखा गया है. यह एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन फिर भी बहुत से लोग, खास तौर पर युवाओं में बहुत से ऐसे हैं जो वयस्क होने के बावजूद मतदाता के रूप में पंजीकृत नहीं हैं. यूँ तो चुनाव आयोग पंजीकरण बढ़ाने के लिए स्वयं ही काफी सक्रिय है पर देश के आम-जनों और नागरिकों की थोड़ी-सी और मदद से हम इसमें अधिक सफलता पा सकते हैं.
समय की मांग है कि हम ‘मोबाइल पंजीकरण किओस्क’ जैसे अभिनव और उन्नतशील नए माध्यमों के द्वारा मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया को मजबूत करने का विचार करें.
आज मतदाता पंजीकरण फार्म दाखिल करने और मतदाता कार्ड मिलने के बीच की अवधि काफी अधिक है. यह बहुत अच्छा होगा यदि यह अवधि कम हो जाए और नागरिकों को उनके आवेदन की यथास्थिति के बारे में समय से अवगत कराया जाए.
इसी तरह, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी सेना के बहादुर जवानों को मतदान की समुचित सुविधा उपलब्ध हो, खासतौर से उनको जो सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात हैं और देश-सेवा में अनवरत लगे हैं. इस दिशा में कुछ कार्य किया गया है पर अभी बहुत कुछ करना बाकी है.
समय की यह भी मांग है कि हमारी चुनाव प्रक्रिया में और अधिक तकनीक, नवाचार (इनोवेशन) और भविष्योन्मुखी तत्वों को समाविष्ट किया जाए. हमें और अधिक सुविधाजनक ऑनलाईन मतदाता पंजीकरण प्रणाली के अन्वेषण की जरूरत है. इसके साथ हमें मतदाता पंजीकरण, पोलिंग बूथ आदि के बारे में सूचना देने के लिए मोबाइल तकनीक के इस्तेमाल की भी आवश्यकता है. यह समय ऑनलाईन मतदान की संभावनाओं पर चर्चा की शुरुआत का भी है, हालांकि जाहिर तौर पर इसमें अनेक चुनौतियाँ सन्निहित हैं.
बीते साल माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसले के तहत मतदाताओं को 'इनमें से कोई नहीं' का बटन दबाने का विकल्प दिया. यह फैसला सही दिशा में एक कदम था लेकिन इसका असली भाव तब सामने आएगा जब हम मतदाता पंजीकरण और मतदान की आसान प्रक्रिया के जरिए अपने सभी नागरिकों के लिए सार्वभौमिक मतदान को एक संस्थागत रूप दे सकेंगे. अब समय है कि हमारा प्रत्येक नागरिक आगे आकर लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए अपना योगदान दे.
मित्रों, अपने वोट की कीमत को कमतर न आंकिए
लोकतंत्र में ‘मत’ लोगों के लिए अपनी अभिव्यक्ति और अपनी आवाज की सुनवाई के लिए सर्वाधिक प्रभावशाली साधन है. यहां तक कि 'सर्वाधिक शक्तिशाली' नेता भी बैलेट बॉक्स के सामने बौने नज़र आते हैं. इसका सबसे बढ़िया उदाहरण १९७७ का लोकसभा चुनाव है जब सत्ता के नशे में चूर, अति-आत्मविश्वासी और निरंकुश सत्ताधारी दल और उसके प्रधानमंत्री ने चुनावों की घोषणा की. सेंसरशिप पूरी तरह लागू थी और विरोधी आवाजों को दबाया जा रहा था पर जब लोग अपने ‘मत’ के माध्यम से बोले तो उनकी यह आवाज़ सबसे ऊंची और बुलंद थी. ये आपके मत की ताकत है.
हम सभी, पहले अपने घर में सक्रिय बनें और यह प्रतिज्ञा करें कि हम अपने अधिक से अधिक मित्रों और परिजनों को मतदाता के रूप में पंजीकृत कराएंगे और फिर यह सुनिश्चित करेंगे कि वो स्थानीय निकाय से लेकर लोकसभा तक, प्रत्येक चुनाव में भाग लें.
सिर्फ मतदाता कार्ड पाने का मतबल यह नहीं है कि आप मतदाता हो गए हैं! यह भी जरूरी है कि मतदाता सूची में अपने नाम की जांच करें और अगर आपका नाम वहां नहीं है या आपका आवास बदल गया है तो कृपया सूची को अद्यतन कराने के लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कीजिए. यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा यदि मतदाता कार्ड के साथ आये योग्य मतदाता को उसका नाम मतदाता सूची में न होने के कारण पोलिंग बूथ से वापस कर दिया जाये. पर केवल आप ही यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपके साथ ऐसा न हो.
प्रवासी भारतीय (एनआरआई) मित्रों के लिए मेरा निवेदन है कि यह सुनिश्चित करें कि मतदान के लिए अर्हताप्राप्त मतदाताओं का पंजीकरण हो और योग्य प्रवासी मतदाता (एनआरआई) मतदान हेतु भारत आयें और अपने मताधिकार का प्रयोग करें.
मिशन २७२+ को सफल बनाना...
मिशन २७२+ को सफल बनाने के कई प्रयासों में एक यह है कि अधिक से अधिक ऐसे मतदाताओं के पास पहुंचा जाए जो नए हैं, पंजीकृत हैं और जो योग्य हैं लेकिन पंजीकृत नहीं है और उनको साथ जोड़ा जाये. मैं अपने सभी पार्टी कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों से आग्रह करता हूं कि उन मतदाताओं की पहचान करें जो पंजीकृत नहीं हैं और मतदाता के रूप में पंजीकरण के लिए उनकी मदद करें. फार्म ६ को भरने में और बीएलओ के पास उसे जमा करने में भी उनकी सहायता करें. मतदाता पंजीकरण और मतदाताओं के साथ सार्थक सहभागिता के लिए www.India272.com भी आपकी मदद कर सकती है.
राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर आइए प्रतिज्ञा करें कि हम आने वाले वर्षों में अपने लोकतंत्र को अधिक शक्तिशाली और सहभागी बनाएंगे! हमारा राष्ट्र एक बेहद नाजुक मोड़ पर है - अपने देश को गरीबी की जकड़न, भ्रष्टाचार, वोटबैंक की राजनीति और कुशासन से मुक्त करने तथा एक उन्नतिशील और जीवंत राष्ट्र के निर्माण के लिए अपने मत का इस्तेमाल करने का वक्त आ गया है.
आइये इस बार ‘भारत के लिए मतदान करें’ !
आपका,
नरेन्द्र मोदी