केंद्रीय मंत्रीमंडल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में उत्तर-पूर्व के 6 राज्यों- असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा और नगालैंड के लिए अंतर राज्य पारेषण और वितरण प्रणाली को मजबूत बनाने हेतु उत्तर-पूर्व क्षेत्र विद्युत प्रणाली सुधार परियोजना (एनईआरपीएसआईपी) को आज मंजूरी दे दी है। इसकी अनुमानित लागत 5,111.33 करोड़ रुपये है जिसमें 89 करोड़ रुपये क्षमता निर्माण व्यय के लिए हैं। इस परियोजना पर विद्युत मंत्रालय की नई केंद्रीय क्षेत्र योजना स्कीम के अंतर्गत काम किया जाएगा। इस परियोजना को विश्व बैंक के ऋण और विद्युत मंत्रालय के बजट से क्रियान्वित किया जाएगा। परियोजना की आधी राशि विश्व बैंक के ऋण से मिलेगी जबकि शेष भारत सरकार देगी। इसके अलावा क्षमता निर्माण के लिए भी 89 करोड़ रुपये की समूची राशि भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी।
अब तक उत्तर-पूर्व राज्यों में अंतर पारेषण और वितरण प्रणाली कमजोर रही है इसलिए केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड पीजीसीआईएल और संबंधित राज्य सरकारों के साथ परामर्श से उत्तर-पूर्व क्षेत्र के लिए अलग से एक व्यापक परियोजना तैयार की है। इस परियोजना का क्रियान्वयन उत्तर-पूर्व क्षेत्र के 6 राज्यों के साथ मिलकर पीजीसीआईएल के जरिए किया जाएगा। पीजीसीआर्इएल को राशि जारी किए जाने की तिथि से 48 महीनों के भीतर यह काम किया जाना है। परियोजना चालू हो जाने के बाद इसका स्वामित्व और रख-रखाव राज्य सरकारों के पास रहेगा।
वर्तमान में उत्तर-पूर्व के सभी 6 राज्य 132 केवी और उससे कम क्षमता के पारेषण नेटवर्क से जुड़े हैं। इन राज्यों में 33 केवी प्रणाली विद्युत वितरण प्रणाली की रीढ़ है। अंतर राज्य पारेषण और वितरण प्रणाली में उपलब्धता और आवश्यकता के अंतर में कमी लाने के लिए यह आवश्यक है कि सभी 6 राज्यों को 132 केवी/220 केवी से जोड़ा जाए ताकि वोल्टेज प्रबंधन समुचित हो और वितरण नुकसान में कमी आए। इसी तरह 33 केवी नेटवर्क पर मुख्यरूप से निर्भर सभी 6 राज्यों के वितरण प्रणाली को भी पर्याप्त रूप से सशक्त बनाया जाएगा।
इस परियोजना के क्रियान्वयन से विश्वसनीय राज्य पावर ग्रिड विकसित होगा और आने वाले लोड केंद्रों तक कनेक्टिविटी में सुधार होगा जिससे सभी उपभोक्ताओं को ग्रिड से जुड़ी बिजली का फायदा मिलने लगेगा। परियोजना इन राज्यों के ऐसे गांवों और शहरों को ग्रिड से जोड़ेगी जहां भारत सरकार द्वारा प्रायोजित आरजीजीवीवाई/एपीडीआरपी/ आरएपीडीआरपी स्कीमों के अंतर्गत निचले स्तर पर वितरण प्रणाली का विकास किया जा रहा है।
सभी के लिए बिजली के राष्ट्रीय लक्ष्य को पूरा करने में यह परियोजना एक बड़ा कदम है। इसके लिए ग्रिड से जुड़ी विद्युत आपूर्ति तक उपभोक्ताओं की पहुंच बढ़ाई जाएगी जिसके लिए ग्रिड में उपलब्धता और विश्वसनीयता में सुधार लाया जाएगा। ऐसा करने से समावेशी वृद्धि लाना आसान हो जाएगा। परियोजना से इन राज्यों में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत में भी बढ़ोत्तरी होगी। ये राज्य वर्तमान में खपत की राष्ट्रीय औसत से काफी पीछे हैं। इन राज्यों में प्रति व्यक्ति खपत बढ़ जाने से उत्तर-पूर्व क्षेत्र के आर्थिक विकास में योगदान मिलेगा।