प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से नरेन्द्र मोदी ने वीआईपी संस्कृति को समाप्त करने पर जोर दिया है, जिसने दशकों तक देशवासियों को परेशान किया है। अपने प्रभावशाली शब्दों और कार्यों के माध्यम से उन्होंने दिखाया है कि सभी नागरिक समान हैं और देश में किसी भी भेदभाव के लिए कोई जगह नहीं है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि न्यू इंडिया में ईपीआई यानि एवरी पर्सन इज इंपोर्टेंट मार्गदर्शक सिद्धांत है, न की वीआईपी।

उन्होंने गाजियाबाद में 10 मार्च 2019 को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के 50वें स्थापना दिवस कार्यक्रम के दौरान इस बारे में विस्तार से बताया।

स्पष्टवादी प्रधानमंत्री मोदी ने उन दिनों की एक घटना का जिक्र किया जब वो बीजेपी संगठन के लिए काम करते थे कि कैसे उन्होंने एक पार्टी सहयोगी के गुस्से को शांत किया था, जिसकी सीआईएसएफ कर्मियों ने हवाई अड्डे पर चेकिंग की थी।

उन्होंने सीआईएसएफ कर्मियों की सराहना की और कहा कि उन्हें किसी भी दबाव के बावजूद अपना कर्तव्य निभाना चाहिए और राष्ट्र की रक्षा करनी चाहिए।

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि यह राजनीतिक नेता हैं जो सीआईएसएफ कर्मियों को उनकी ड्यूटी करने में सबसे बड़ी बाधा हैं।


भाषण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की इस बात पर लोगों ने तालियां बजाईं।

एक नजर देखें कि प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा :

 

डिस्कलेमर :

यह उन कहानियों या खबरों को इकट्ठा करने के प्रयास का हिस्सा है जो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और लोगों के जीवन पर उनके प्रभाव पर उपाख्यान / राय / विश्लेषण का वर्णन करती हैं।

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प्रधानमंत्री मोदी का मार्मिक पत्र
December 03, 2024

दिव्यांग आर्टिस्ट दीया गोसाई के लिए रचनात्मकता का एक पल, जीवन बदलने वाले अनुभव में बदल गया। 29 अक्टूबर को पीएम मोदी के वडोदरा रोड शो के दौरान, उन्होंने पीएम मोदी और स्पेन सरकार के राष्ट्रपति महामहिम श्री पेड्रो सांचेज़ के अपने स्केच भेंट किए। दोनों नेताओं ने व्यक्तिगत रूप से उनके भावनात्मक उपहार को स्वीकार किया, जिससे वह बहुत खुश हुईं।

कुछ सप्ताह बाद, 6 नवंबर को, दीया को प्रधानमंत्री से एक पत्र मिला जिसमें उनकी कलाकृति की प्रशंसा की गई थी और बताया गया था कि कैसे महामहिम श्री सांचेज़ ने भी इसकी प्रशंसा की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें समर्पण के साथ ललित कलाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया, और "विकसित भारत" के निर्माण में युवाओं की भूमिका पर विश्वास व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने उनके परिवार को दीपावली और नववर्ष की शुभकामनाएं भी दीं, जो उनके व्यक्तिगत जुड़ाव को दर्शाता है।

खुशी से अभिभूत दीया ने अपने माता-पिता को वह पत्र पढ़कर सुनाया, जो इस बात से बहुत खुश थे कि उसने परिवार को इतना बड़ा सम्मान दिलाया। दीया ने कहा, "मुझे अपने देश का एक छोटा सा हिस्सा होने पर गर्व है। मोदी जी, मुझे अपना स्नेह और आशीर्वाद देने के लिए धन्यवाद।" उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री के पत्र से उन्हें जीवन में साहसिक कदम उठाने और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करने की गहरी प्रेरणा मिली।

पीएम मोदी का यह कदम, दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने और उनके योगदान को सम्मान देने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सुगम्य भारत अभियान जैसी अनेक पहलों से लेकर दीया जैसे व्यक्तिगत जुड़ाव तक, वह लगातार प्रेरणा देते हैं और उत्थान करते हैं, यह साबित करते हुए कि उज्जवल भविष्य बनाने में हर प्रयास महत्वपूर्ण है।