कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए क्रिसमस तोहफे के रूप में प्रधानमंत्री मोदी दो यादगार योजनाओं की घोषणा करेंगे
लकी ग्राहक योजना और डिजि-धन व्यापार योजना से देश में कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा
नीति आयोग ने डिजिटल लेनदेन के लिए दैनिक, साप्ताहिक और मेगा पुरस्कारों की घोषणा की

सरकार ने पिछले ढाई वर्षों में भ्रष्‍टाचार और काले धन के अभिशाप से निपटने के‍लिए अनेक कदम उठाए हैं। डिजिटल भुगतानों को प्रोत्‍साहित करने और देश को रणनीतिक तरीके से नकदी-रहित अर्थव्‍यवस्‍था में परिवर्तन के लिए मंत्रिमंडल ने फरवरी 2016 में कई पहलों को मंजूरी प्रदान की थी।

प्रधानमंत्री ने मई 2016 में अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में इन उपायों पर प्रकाश डाला था। उन्‍होंने लोगों को नकदी-रहित लेनदेन को अपनाने का अनुरोध किया था। उन्‍होंने कहा कि ‘’यदि हम नकदी-रहित लेनदेन करना सीख लेते हैं और उसके अनुकूल बन जाते हैं तो हमें नोटों की जरूरत नहीं होगी। व्‍यवसाय स्‍वचालित हो जाएंगे जिसके परिणमास्‍वरूप पारदर्शिता आएगी। गलत तरीके से लेनदेन बंद हो जाएगा जिससे कालेधन का प्रभाव कम होगा। इसलिए मैं अपने देशवासियों से अपील करता हूं कि हमें कम से कम शुरूआत तो करनी ही चाहिए। एक बार हमने शुरू किया तो हम बहुत आसानी से आगे बढ़ते जाएंगे। बीस साल पहले किसने सोचा होगा कि हमारे हाथों में इतने सारे मोबाइल होंगे। धीरे-धीरे हमने आदत डाली और अब हम मोबाइल के बिना नहीं रह सकते। शायद यह नकदी रहित समाज भी ऐसा ही बन जाए। यह जितनी जल्‍दी होगा, उतना बेहतर होगा।‘’

यह याद किया जाना चाहिए कि इसके लिए सरकार ने जनधन खाते खोलकर, आधार कार्ड को कानूनी आधार प्रदान करने, नकद लाभ हस्‍तांतरण का कार्यान्‍वयन, रूपे कार्ड को जारी करके और बेहिसाब धन के लिए स्‍वैच्छिक घोषणा आदि संदर्भ में वित्‍तीय समावेशन के लिए व्‍यापक अभियान चलाया है। 500 और 1000 रुपये का विमुद्रीकरण भी इस दिशा में एक अन्‍य मील का पत्‍थर था। विमुद्रीकरण के कारण देशभर में डिजिटल भुगतानों में तीव्र वृद्धि हुई है और डिजीटल माध्‍यमों से लेन-देन की गई धनराशि की मात्रा और राशि में 9 नवंबर से ही कई गुणा वृद्धि देखी गई है। (कृपया नीचे चित्र देखें)

फिर भी, वर्तमान में, भारत के लगभग 95 प्रतिशत व्‍यय लेन-देन नकद-आधारित होते हैं जिससे एक बहुत बड़ी अनौपचारिक अर्थव्‍यवस्‍था बनने के कारण सरकार को विभिन्‍न टैक्‍स लगाने और वसूलने में समस्‍या होती है। डिजिटल भुगतान को प्रोत्‍साहित करने के लिए भारत सरकार ने हाल ही में 8 दिसम्‍बर को कई उपायों की घोषणा की थी।

अर्थव्‍यवस्‍था में सम्‍पूर्ण पारदर्शिता को बढ़ाने और राजनीतिक तथा आर्थिक व्‍यवस्‍था में नकदी के घातक प्रभाव को दूर करने के लिए, यह आवश्‍यक है कि हम दीर्घावधि विचार वाली योजना बनाएं और ऐसे उपाय लेकर आएं जिससे डिजिटल भुगतान माध्‍यमों में ग्राहकों के साथ-साथ व्‍यापारियों के व्‍यवहार पर सकारात्‍मक प्रभाव पड़े। अब व्‍यावसायिक लेनदेनों प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके यूपीआई, यूएसएसडी, रूपे कार्ड और आधार आधारित भुगतान प्रणाली (AEPS) के माध्‍यम से भुगतान और लेनदेन किया जा सकता है। भारत जैसा देश जहां 65 प्रतिशत जनसंख्‍या 35 वर्ष की आयु से नीचे की है, जिसकी सूचना प्रौद्योगिकी की ताकत सुविख्‍यात है और जहां गरीब और अनपढ़ लोग भी अपना वोट ईवीएम के माध्‍यम से डालते हैं तो वहां पर डिजिटल अर्थव्‍यवस्‍था में प्रवेश करना निश्चित रूप से संभव है, बशर्ते देश के नागरिक ऐसा करने का संकल्‍प लें।

नीति आयोग निजी उपभोग पर व्‍यय के लिए डिजिटल भुगतान माध्‍यमों का प्रयोग करने वाले व्‍यापारियों तथा उपभोक्‍ताओं को नकद पुरस्‍कार देने की लक्‍की ग्राहक योजना और डिजिटल धन व्‍यापार योजना की घोषणा करता है। इस स्‍कीम का मुख्‍य लक्ष्‍य गरीब, निम्‍न मध्‍यम वर्ग और छोटे व्‍यापारियों को डिजिटल भुगतान के दायरे में लाना है। यह निर्णय लिया गया है कि राष्‍ट्रीय पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) इस स्‍कीम को लागू करने वाली एजेंसी होगी। यह इस बात पर जोर देने के लिए उपयोगी होगा कि NPCI एक गैर लाभकारी कम्‍पनी है जिसे भारत को नकदी-रहित बनाने की दिशा में मार्गदर्शक की जिम्‍मेदारी दी गई है।

इन योजनाओं का मुख्‍य लक्ष्‍य डिजिटल लेनदेन को प्रोत्‍साहित करना है जिससे की समाज के सभी वर्ग, विशेष रूप से गरीब और मध्‍यम वर्ग इलेक्‍ट्रॉनिक भुगतानों को अपना सकें। इसे समाज के सभी वर्गों और उनके उपयोग की जरूरतों को ध्‍यान में रखकर बनाया गया है। उदाहरण के लिए, गरीब से भी गरीब, व्‍यक्ति यूएसएसडी उपयोग करके पुरस्‍कारों के लिए पात्र होगा। ग्रामीण इलाकों के लोग इस स्‍कीम में एईपीएस के माध्‍यम से प्रतिभाग ले सकते हैं। यह स्‍कीम 25 दिसम्‍बर, 2016 को पहले ड्रॉ के साथ चालू हो जाएगी। यह क्रिसमस पर देश को एक तोहफा होगा। इसके बाद दिनांक 14 अप्रैल, 2017 को बाबासाहेब अम्‍बेडकर जयंती पर एक बड़ा ड्रॉ निकाला जाएगा। इसमें दो मुख्‍य घटक शामिल होंगे, एक उपभोक्‍ताओं के लिए और दूसरा व्‍यापारियों के लिए:-

(क) लक्‍की ग्राहक योजना (उपभोक्‍ताओं के लिए):-

(i) 100 दिनों तक की अवधि के लिए 15,000 लक्‍की ग्राहकों को हर रोज 1000 रुपये का ईनाम दिया जाएगा

(ii) एक लाख रुपये, 10,000 रुपये और 5,000 रुपये के मूल्‍य के साप्‍ताहिक ईनाम उन उपभोक्‍ताओं को दिए जाएंगे जो डिजिटल भुगतानों के वैकल्पिक माध्‍यमों का उपयोग करते हैं।

(ख) डिजी-धन व्‍यापार योजना(व्‍यापारियों के‍लिए):-

(i) व्‍यापारिक प्रतिष्‍ठानों में किए गए सभी डिजिटल लेनदेनों के‍लिए व्‍यापारियों के लिए ईनाम

(ii) 50,000 रुपये, 5,000 रुपये और 2500 रुपये मूल्‍य के साप्‍ताहिक पुरस्‍कार

(ग) मेगा ड्रॉ- 14 अप्रैल, 2017 को अम्‍बेडकर जयंती पर

(क) 8 नवम्‍बर, 2016 से 13 अप्रैल, 2017 के बीच किए जाने वाले डिजिटल भुगतानों के‍लिए 1 करोड़ रुपये, 50 लाख रुपये और 25 लाख रुपये के मूल्‍य के 3 मेगा ईनाम 14 अप्रैल, 2017 को घोषित किए जाएंगे।

इस स्‍कीम का लक्ष्‍य छोटे लेन-देनों (सामान्‍य नागरिक द्वारा) के‍लिए सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्‍साहन राशियां 50 रुपये और 3000 रुपये के बीच में किए जाने वाले लेन-देनों के‍लिए प्रदान की जाएंगी। उपभोक्‍ताओं और व्‍यापारियों/उपभोक्‍ताओं तथा सरकारी एजेंसियों के बीच सभी लेन-देनों और सभी एईपीएस लेन-देनों को प्रोत्‍साहन योजना में शामिल किया जाएगा।

इस स्‍कीम के विजेताओं को एनपीसीआई द्वारा इस उद्देश्‍य के लिए विशेष रूप से विकसित किए जाने वाले सॉफ्टवेयर द्वारा पात्र लेन-देन आईडी संख्‍या (जो कि लेन-देन पूर्ण होते ही स्‍वचालित रूप से उत्‍पन्‍न हो जाती है।) के यादृच्छिक (क्रम रहित‍) ड्रॉ के माध्‍यम से पहचाना जाएगा। एनपीसीआई को इसके तकनीकी और सुरक्षा ऑडिट को सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिया गया है जिससे कि इस प्रक्रिया की तकनीकी अखंडता को भी सु‍निश्चित किया जा सके।

इस योजना के प्रथम चरण का अनुमानित व्‍यय (14 अप्रैल, 2017 तक) 340 करोड़ रुपये की संभावना है। सरकार इसके कार्यान्‍वयन की साथ-साथ समीक्षा करेगी। भारत तीव्र गति से नकद-आधारित समाज से नकदी-रहित समाज की ओर बढ़ रहा है। यह हमारे देश के इतिहास का ऐतिहासिक क्षण है जब हमारा देश पुरानी आदतों को छोड़ रहा है और नए माध्‍यमों को तीव्र गति से अपना रहा है, जो हमें वास्‍तविक रूप में आधुनिक युग में प्रवेश दिलाएगा।

 

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Prime Minister Shri Narendra Modi paid homage today to Mahatma Gandhi at his statue in the historic Promenade Gardens in Georgetown, Guyana. He recalled Bapu’s eternal values of peace and non-violence which continue to guide humanity. The statue was installed in commemoration of Gandhiji’s 100th birth anniversary in 1969.

Prime Minister also paid floral tribute at the Arya Samaj monument located close by. This monument was unveiled in 2011 in commemoration of 100 years of the Arya Samaj movement in Guyana.