"Shri Narendra Modi addresses Krishi Mahotsav in Bharuch"
"Need of the hour is to integrate technology into farming: Shri Modi"
"There are 122 animal diseases that have been completely eliminated from Gujarat: Shri Modi"
"If we have to improve our economy, give jobs to our youth and strengthen our villages then there is no other way apart from strengthening our agriculture: CM"
"The more our agriculture improves, the more our villages will improve: Shri Modi"
"The nation is falling behind in agriculture. If Khedut Putra, Sardar Patel had become the first Prime Minister, this would not be happening to our farmers. Somehow we took the wrong way: Shri Modi"
"Strides made by Gujarat in agriculture are historic: Shri Modi"
"We started Krishi Mahotsavs because we wanted farmers to innovate, to do new things, so that the farmer can harness his or her skill. We want to improve the quality of land so that production can rise: Shri Modi"

कृषि महोत्सवः २०१३

दक्षिण गुजरात के सात जिलों की किसान शक्ति का भरुच में साक्षात्कार

कृषि के ऋषि, प्रगतिशील किसानों का किया सम्मान

देश के कृषि विकास दर से गुजरात की कृषि विकास दर तीन गुनी श्री मोदी

कल्पसर के साथ नर्मदा की जलशक्ति को जोड़ा जाएगा

भरुच के केवड़िया से भाडभूत तक, भाडभूत बेरेज से नर्मदा का जल सरोवर ३४०० करोड़ के खर्च से शुरू किया जाएगा

 

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि महोत्सव में उमड़ रही किसान शक्ति का अभिवादन करते हुए गुजरात के कृषि विकास को बदनाम करने वाले तत्वों को चुनौती देते हुए दावा किया कि भारत की कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था में देश की कृषि विकास दर से गुजरात की कृषि विकास दर दस वर्षों में निरंतर तीन गुनी रही है। पिछले ५० वर्ष में भारत में उत्तम खेती का ह्रास हुआ, इसके लिए देश के वर्तमान शासकों को जिम्मेदार करार देते हुए श्री मोदी ने गुजरात की सफल कृषि क्रांति के लिए खेती और पशुपालन की सभी शक्तियों को इसका श्रेय दिया।

गुजरात भर में इस वर्ष का कृषि महोत्सव १४ मई से प्रारंभ हुआ है। कृषि क्रांति का नेतृत्व कर रहे गुजरात के किसानों और पशुपालकों को समृद्धि के मार्ग पर ले जाने वाले इस नवमें कृषि महोत्सव के अंतर्गत आज भरुच में दक्षिण गुजरात के सात जिलों के लिए कृषि मेले और पशु स्वास्थ्य मेले का शुभारंभ करते हुए श्री मोदी ने इसकी तमाम गतिविधियों का बारीकी से निरीक्षण किया।

कड़ी गर्मी के बीच उमड़ी किसान शक्ति का स्वागत करते हुए और दक्षिण गुजरात के प्रगतिशील किसानों का सम्मान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि प्रधान और गांवों के देश भारत में एक समय ऐसा था जब उत्तम खेती, मध्यम व्यापार और नौकरी को निम्नतम माने जाने की मानसिकता थी। लेकिन पिछले ४०-५० साल में ऐसा क्या हो गया कि देश में उत्तम मानी जाने वाली खेती कनिष्ट बन गई। खेती में किसानों ने अपना ओज-तेज खो दिया और गांवोंकी दशा बिगड़ गई।

उत्तम खेती की ओर पीढ़ियों को प्रोत्साहित करने की बजाय नौकरी, रोजगार की दौड़ में युवाओं ने गांव छोड़े। खेती की अवगणना हुई और दुनिया का पेट भरने के लिए जाने जाने वाले भारत में आज अनाज की कमी हो गई है, ऐसी दुर्दशा हुई है। इस देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए खेती के सिवाय कोई विकल्प नहीं है। गांव के जीवनस्तर को ऊंचा लाने के लिए उत्तम और समृद्ध खेती तथा पशुपालन ही गांव में समृद्धि ला सकते हैं। लेकिन हमारे देश के शासकों को इसकी चिंता ही नहीं है। श्री मोदी ने दृढ़तापूर्वक कहा कि यदि इस देश के पहले प्रधानमंत्री किसानपुत्र सरदार पटेल बने होते तो खेती और किसान की ऐसी दुर्दशा नहीं हुई होती।

दस वर्ष में गुजरात ने कृषि क्रांति का नेतृत्व किया है। एक दशक पहले देश में कृषि विकास के क्षेत्र में गुजरात का कहीं नामोनिशान नहीं था। देश के कृषि विकास से आधी कृषि विकास दर में जीने वाले और पानी की कमी वाले गुजरात ने आज एक दशक से १० प्रतिशत कृषि विकास दर को बरकरार रखा है। गुजरात के लाखों किसानों के परिश्रम के लिए कृषि क्षेत्र में सभी शक्तियों को जोड़कर कृषि महोत्सव से यह सफलता हासिल की गई है।

गुजरात के कृषि विकास को बदनाम करने वाले, झूठ फैलाने वाले परिबलों को चुनौती देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में देश के कृषि विकास दर से तीन गुना ज्यादा विकास दर गुजरात का आधार है। इसको किस तरह झूठ कहा जाएगा?

मुख्यमंत्री ने गुजरात के किसानों को परंपरागत खेती से प्रयोगात्मक खेती, जमीन सुधार से जीवन सुधार, आकाशीय खेती से आधुनिक खेती की ओर ले जाने का संकल्प व्यक्त करते हुए कहा कि कृषि महोत्सव द्वारा राज्य सरकार के एक लाख से ज्यादा कर्मयोगी और ८०० कृषि वैज्ञानिक तपती गर्मी में भी खेतों में किसानों की समृद्धि के लिए घूम रहे हैं। हिन्दुस्तान में ऐसा कृषि विकास का अभियान कहीं नहीं है, जैसा ऐतिहासिक कृषि विकास का कदम गुजरात ने उठाया है।

कृषि संशोधन के क्षेत्र में गुजरात की कृषि यूनिवर्सिटियों की वैज्ञानिक उपलब्धियों का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि नवसारी कृषि विश्वविद्यालय ने लौह तत्व वाले चावल की नई जाति विकसित की है। भालिया गेहूं की प्रोटीन वाली जाति गुजरात की पहचान है।

मुख्यमंत्री ने केवड़िया कॉलोनी से भाड़भूत बैराज तक नर्मदा का जल सरोवर बनाकर खेती में सोना पकाने के लिए किसानों के लिए उपकारक कल्पसर को जोड़ने वाला ३४०० करोड़ का प्रोजेक्ट शुरू करने की रूपरेखा दी। उन्होंने कहा कि अंबाजी से उमरगाम तक के समग्र आदिवासी पट्टे में सैटेलाइट टेक्नोलॉजी का मैपिंग करके हजारों तालाब बनाने का अभियान शुरू किया जाएगा। इस पूरे आदिवासी क्षेत्र की जमीन सजल बनाने के लिए जल सिंचन का ३८५० करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि आधुनिक खेती की नेट हाउस-ग्रीन हाउस-पॉली हाउस के प्रयोगों से कम जमीन में मूल्यवर्दित बागायती फसलों के निर्यात से आदिवासी किसान समृद्ध बन रहे हैं। समग्र देश में पॉली हाउस की सबसे ज्यादा इकाईयां गुजरात ने कार्यरत की हैं। गुजरात में अगले साल से कृषि टेक्नोलॉजी के दुनिया के उत्तम संशोधनों, उत्तम खेती के प्रयोगों से राज्य के किसान आगे बढें, इसके लिए अंतरराष्ट्रीय कृषि मेला आयोजित करने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की। उन्होंने कहा कि आज किसान जल और पर्यावरण बचाने से आगे बढ़कर सोलर एनर्जी को कृषि प्रयोगों के लिए अपना रहा है।

भूतकाल की सरकारों और अभी दिल्ली में बैठी केन्द्र सरकार ने खेती के कर्ज के पहाड़ में किसानों को डुबोने के लिए वोट बैंक की सब्सिडी के षड्यंत्र किए। लेकिन गुजरात का किसान कर्जदार ही नहीं बने, ऐसे अभियान हमने चलाए हैं। खेती कहीं कमजोर हो तो भी वृक्ष की खेती का बड़ा लाभ खेती विकास को संतुलित बनाएगा, ऐसा अभियान गुजरात सरकार ने चलाया है। उन्होंने कहा कि गुजरात में कृषि विकास के साथ पशुपालन के लिए पशु स्वास्थ्य मेलों द्वारा लाखों पशुओं की तंदुरुस्ती के लिए जीवदया का सफल अभियान चलाया गया है। दूध का ६७ प्रतिशत अधिक उत्पादन इसी की वजह से हुआ है।

श्री मोदी ने प्रगतिशील किसानों के आधुनिक समझबूझपूर्ण कृषि क्रांति-संशोधनों को पुरस्कारों से सम्मानित किया। विभिन्न साधन-सहायता के चेक भी उन्होंने प्रदान किए। मुख्यमंत्री की कन्या केळवणी निधि के लिए विभिन्न संगठनों और दाताओं ने करीब ३२ लाख के चेक श्री मोदी को सौंपे।

कार्यक्रम में कानून मंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस मौके पर राज्य के कृषि और सहकारिता मंत्री बाबूभाई बोखीरिया, गुजरात महिला आर्थिक विकास निगम की चेयरमैन सीताबेन नायक, सूरत के सांसद सीआर पाटिल, जिला पंचायत प्रमुख मनहरभाई गोहिल, भरुच के विधायक दुष्यंतभाई पटेल, वागरा के विधायक अरुणसिंह, जंबूसर के विधायक छत्रसिंह मोरी, अंकलेश्वर के विधायक ईश्वरसिंह पटेल, वलसाड़, नवसारी, तापी, सूरत और डांग जिले के विधायक, पदाधिकारी, ग्रामीण और किसान परिवार भारी संख्या में मौजूद थे। आभार विधि नवसारी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पाठक ने की।

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