लालकृष्ण अडवानी ने किया IITRAM यूनिक टेक्निकल युनिवर्सिटी का लोकार्पण
साबरमती रिवरफ्रंट डवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत 18 करोड़ के खर्च से तैयार दो आधुनिक पार्क का लोकार्पण
नदी के पूर्वी और पश्चिमी किनारे दो रिवरफ्रंट पार्क का नजराना
IITRAM श्रेष्ठतम शिक्षा द्वारा उज्जवल भविष्य की गुजरात की दिशा पथप्रदर्शक पहल बनी है: श्री अडवानी
मुख्यमंत्री के विजनरी नेतृत्व में गुजरात ने सर्वांगीण विकास और सर्वजन हिताय की नयी वैश्विक परिभाषा खड़ी की
दुनिया एक ही भाषा समझती है- देश की शक्ति और सामर्थ्य की
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की विशेष उपस्थिति में पूर्व उप प्रधानमंत्री और सांसद लालकृष्ण अडवानी ने पूर्वी अहमदाबाद में आधुनिक इंजीनियरिंग शिक्षा की विशिष्ट युनिवर्सिटी के रूप में आकार ले रही IITRAM का आज लोकार्पण किया। इंस्टीट्यूट ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर टेक्नोलॉजी, रिसर्च एंड मेनेजमेंट की इस खास युनिवर्सिटी की गुजरात सरकार ने विधानसभा में विशेष अधिनियम से स्थापना की है। IITRAM का युनिवर्सिटी भवन 70 करोड़ की लागत से तैयार हुआ है और पांच एकड़ जितने क्षेत्र में 19,609 वर्गमीटर का युनिवर्सिटी परिसर विकसित किया गया है।
पूर्व उप प्रधानमंत्री और वरिष्ठ सांसद एलके. अडवानी ने अहमदाबाद के साबरमती रिवरफ्रंट डवलपमेंट प्रोजेक्ट के अंतर्गत नदी के पूर्वी और पश्चिमी किनारे पर 18.46 करोड़ के खर्च से तैयार हुए दो आधुनिक पार्क का लोकार्पण मुख्यमंत्री श्री मोदी की मौजूदगी में किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में जनता की इच्छा ही सर्वोपरी है और इसके बावजूद राजनैतिक दावपेंच खेलकर जनता की इच्छापूर्ति करने वाली जनता की चुनी हुई गुजरात सरकार को परेशान करने के लिए केन्द्र सरकार ने कई षडयंत्र किए हैं।
इसका उदाहरण यह IITRAM युनिवर्सिटी है। श्री मोदी ने सवाल उठाया कि कौन सर्वोपरी है? 6 करोड़ जनता या केन्द्र सरकार ? केन्द्र सरकार जनता की आवाज दबा रही है और इसलिए 2014 में परिवर्तन तय है।
वैश्विक स्पर्धा के युग में किसी भी देश को वैश्विक सन्दर्भ में में विकास का विचार कर अपना स्थान बनाना होता है, एक रुतबा पैदा करना पड़ता है। श्री मोदी ने कहा कि दुनिया एक ही भाषा समझती है और वह है आपकी शक्ति और सामर्थ्य का मापदंड।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व में शक्ति सम्पन्न बनने के लिए मिलिट्री पावर से ज्यादा ताकतवर नॉलेज पावर, ज्ञानशक्ति का सामर्थ्य है। अहमदाबाद का विकास मात्र पश्चिम में हो तो यह असंतुलित विकास कहलाएगा। इस हकीकत को ध्यान में रखते हुए पूर्वी क्षेत्र का विकास भी इस सरकार ने किया है। सशक्त मानवबल ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण करेगा। इसका उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि युनिवर्सिटी कार्यकाल में 1800 वर्ष तक हिन्दुस्तान का रुतबा रहा मगर 800 वर्ष के गुलामीकाल में हमारे ज्ञान का गौरव बिखर गया। अब 21वीं सदी में ज्ञानशक्ति को हिन्दुस्तान की युवाशक्ति साकार करेगी।
श्री मोदी ने कहा कि आज विकास में ढांचागत सुविधा विकास का महत्व पूरी दुनिया ने स्वीकार लिया है। भारत में प्राइवेट इनवेस्टमेंट ज्यादातर इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में हुआ है। दसवीं योजना का 9 लाख करोड़ का पूंजीनिवेश 12 वीं योजना में 50 लाख करोड़ पर पहुंचने वाला है ऐसे में इसके लिए विशाल स्कील टेक्निकल मेनपावर की जरूरत खड़ी होगी। समय की मांग है कि इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर द्वारा राष्ट्र के निर्माण में टेक्निकल स्कील वाले मेनपावर की जरूरत को ध्यान में रखते हुए गुजरात ने अनोखी पहल की है। राज्य में 11 युनिवर्सिटियां थी जो आज 42 हो गई हैं। दस साल पूर्व 13000 नइंजिनियरिंग सीटें थी जो आज डिग्री, डिप्लोमा के साथ 1.45 लाख हो गई हैं।
भूतकाल में स्कील मेनपावर तैयार करने में जो आनाकानी हुई उसकी वजह से यह चुनौती हमारे समक्ष आई है। देश में काफी तेज गति से शहरीकरण हो रहा है ऐसे में विकास की ढांचागत सुविधा के लिए कितना विशाल टेक्निकल मेनपावर जरूरी होगा, इसकी भूमिका मुख्यमंत्री ने पेश की।
सामाजिक जीवन की आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए गुजरात ने ज्ञानशक्ति पर ध्यान केन्द्रित करके IITRAM जैसी युनिवर्सिटी शुरु की है। परंतु इस युनिवर्सिटी के लिए फरवरी 2012 में विधानसभा में विधेयक पास किया गया जिसे राज्यपाल ने आपत्तियां दर्ज कर लौटा दिया। फिर से सितम्बर 2012 में विधानसभा में पारित करके भेजा गया तो राज्यपाल ने 5 महिने रखकर मार्च 2013 में मंजूर किया इसलिए यह युनिवर्सिटी एक साल देरी से शुरु हुई है।
गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र के सांसद और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण अडवानी ने दुनियाभर में श्रेषठतम सुविधाओं को गुजरात में लाने का श्रेय मुख्यमंत्री के विजनरी नेतृत्व को दिया।
उन्होंने कहा कि यह संस्था मूलत: शिक्षा में ढांचागत सुविधा, संशोधनों और व्यवस्थापन के उद्देश्यों को पूरा करने वाली विशेष संस्था है और आने वाली पीढ़ी के लिए कारगर साबित होगी। समग्र देश में गुजरात ने ही इस प्रकार की संस्था द्वारा शिक्षा देने की पहल की है।
गुजरात ने मुख्यमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में सर्वांगीण विकास की अनोखी पहचान दुनिया में बनाई है। इसकी सराहना करते हुए कहा कि गुजरात ने नगर की सुख सुविधाओं के साथ शिक्षण क्षेत्र में अनोखा रास्ता अपनाकर एक दशक में सुशासन और सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय का अध्याय रचा है।
श्री अडवानी ने भरोसा जताया कि गुजरात ने शिक्षा की इस बहुविध सुविधा उपलब्ध करवाने वाली IITRAM द्वारा समयानुकूल परिवर्तन का प्रवाह परखकर भविष्य की उज्जवल पीढ़ी के निर्माण की ईंट रखी है जो देश के युवाधन को वैश्विक स्तर पर चमकाएगी।
उन्होंने केन्द्र की वर्तमान सरकार और भूतकाल की कांग्रेसी सरकारों द्वारा देश में शिक्षा के दुर्दशा किए जाने का उल्लेख करते हुए अटलजी की भाजपा सरकार द्वारा देशहित में लिए गए फैसलों की भूमिका प्रस्तुत की। श्री अडवानी ने भरोसा जताया कि गुजरात में मुख्यमंत्री श्री मोदी ने शिक्षा सुधार के साथ ही वैश्विक स्तर पर गुजरात में युवाओं के लिए जो सुविधाएं उपलब्ध करवाई हैं वह आनेवाले समय में उनके सक्षम नेतृत्व में देशबहर में विकसित होंगी। IITRAM के चेयरमेन और टोरेंट उद्योग समूह के अध्यक्ष सुधीर मेहता ने प्रारम्भ में सभी का स्वागत किया और इस इंस्टीट्यूट की भूमिका बतलाई।
इस अवसर पर मार्ग, मकान और राजस्व मंत्री श्रीमती आनंदीबेन पटेल, शिक्षा मंत्री भूपेन्द्रसिंह चुडास्मा, राज्य मंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा, श्रीमती वसुबेन त्रिवेदी, सांसद हरिन पाठक, डॉ. किरिट सोलंकी, अहमदाबाद के विधायक, मेयर मीनाक्षीबेन पटेल, कॉर्पोरेटर्स, शिक्षा जगत के प्रतिनिधि, शिक्षा अग्र सचिव आनन्द मोहन तिवारी, कमिश्नर डॉ. जयंति रवि, मनपा आयुक्त महापात्रा सहित कई नागरिक मौजूद थे।